क्या भारतीय पति-पत्नी अमेरिकन बच्चे को गोद ले सकते? अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला

8 hours ago

Last Updated:July 17, 2025, 16:47 IST

Bombay High court On Child Adoption: बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारतीय दंपति को अमेरिकी नागरिक बच्चे को गोद लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि भारतीय कानूनों के तहत ऐसा तभी संभव है जब बच्चा किसी संकट...और पढ़ें

क्या भारतीय पति-पत्नी अमेरिकन बच्चे को गोद ले सकते? अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला

प्रतीकात्मक तस्वीर

हाइलाइट्स

कोर्ट ने अमेरिकी नागरिक बच्चे की गोद लेने की अनुमति देने से इनकार किया.दंपति को पहले अमेरिका में गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.CARA ने भारतीय कानूनों के तहत दंपति का पंजीकरण करने से मना किया.

मुंबई में रहने वाले एक भारतीय दंपति ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. उनकी इच्छा थी कि वे अपने रिश्तेदार के छोटे बच्चे को गोद लें. लेकिन मामला थोड़ा अलग था. ये बच्चा अमेरिका में पैदा हुआ था और वहीं का नागरिक है. दंपति कई सालों से इस बच्चे की देखरेख कर रहे थे और अब उसे कानूनी तौर पर अपनाना चाहते थे. लेकिन अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया.

कोर्ट ने क्या कहा और क्यों खारिज की याचिका?
बॉम्बे हाईकोर्ट की दो जजों की पीठ- जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोक्हले ने इस मामले की सुनवाई करते हुए साफ कहा कि भारतीय कानून के तहत कोई भी भारतीय नागरिक विदेशी नागरिकता वाले बच्चे को तभी गोद ले सकता है, जब वो बच्चा या तो बहुत बुरी हालत में हो यानी उसे देखभाल की जरूरत हो, या फिर वो कानून से जुड़ी किसी गंभीर स्थिति में फंसा हो.

इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं था. बच्चा किसी मुश्किल में नहीं था, न ही उसे कोई खतरा था. इसलिए कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंपति को ये अधिकार नहीं है कि वे किसी अमेरिकी नागरिक बच्चे को भारत में गोद ले सकें.

गोद लेना कोई मौलिक अधिकार नहीं
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी विदेशी नागरिक बच्चे को गोद लेना भारतीय नागरिक का “मौलिक अधिकार” यानी फ़ंडामेंटल राइट नहीं है. इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति चाहता भी है कि वह किसी विदेशी बच्चे को अपनाए, तो ये उसकी मर्जी से नहीं होगा, बल्कि इसके लिए कानूनी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन जरूरी होगा.

अमेरिकी कानून पहले, फिर भारतीय प्रक्रिया
हाईकोर्ट ने दंपति से कहा कि अगर वे वाकई इस बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो उन्हें पहले अमेरिका के कानून के मुताबिक सारी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. अमेरिका में उस बच्चे को कानूनी तौर पर गोद लेने की प्रक्रिया को पहले पूरा करना होगा. इसके बाद ही वे भारत में उससे जुड़े दस्तावेज़ और बाकी कानूनी काम पूरे कर सकते हैं.

CARA ने भी नहीं दी मंजूरी
इस मामले में ‘केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण’ यानी CARA ने भी साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने दंपति को गोद लेने के लिए पंजीकृत करने से मना कर दिया. CARA का कहना था कि उनके नियमों के अनुसार किसी विदेशी बच्चे को भारत में गोद लेने की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब वो बच्चा किसी तरह की परेशानी में हो. लेकिन इस बच्चे के साथ ऐसा कुछ नहीं था.

बचपन से साथ रह रहा है बच्चा, लेकिन…
गौर करने वाली बात ये है कि ये बच्चा 2019 में अमेरिका में पैदा हुआ था. जब वो कुछ ही महीने का था, तब ये दंपति उसे भारत ले आए थे. तब से अब तक बच्चा उनके साथ ही रह रहा है. वे उसकी पूरी देखभाल कर रहे हैं और उसे अपना ही मानते हैं. लेकिन कागज़ों में वह अभी भी उनके रिश्तेदार का बेटा है और अमेरिकी नागरिक है.

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New Delhi,Delhi

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