पायलट्स ने DGCA पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- फ्लाइट सेफ्टी से हो रहा समझौता

3 hours ago

Last Updated:November 05, 2025, 09:01 IST

Pilots Vs DGCA on FDTL: ALPA India ने आरोप लगाया कि DGCA एयरलाइंस के फायदे के लिए FDTL नियमों को सेलेक्टिव तरीके से लागू कर रही थी. इस ‘सेलेक्टिव अप्रोच’ की वजह से पायलट न केवल फटीग का सामना कर रहे हैं, बल्कि फ्लाइट सेफ्टी के लिए भी खतराक स्थिति बन गई है.

पायलट्स ने DGCA पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- फ्लाइट सेफ्टी से हो रहा समझौता

Pilots Vs DGCA on FDTL: फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (एफडीटीएल) के मसले पर पायलट्स अब डायरेक्‍टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं. पायलट्स ने एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए पर एयरलाइंस के इशारों पर काम करने के साथ-साथ कोर्ट के आदेशों को पूरी तरह ना लागू करने का गंभीर आरोप भी लगाया है.

इस बाबत, एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA India) ने डीजीसीए को एक लेटर भी लिखा है. इस लेटर में आईएलपीए इंडिया ने डीजीसीए पर आरोप लगाते हुए कहा है कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (FDTL) के नियमों को सेलेक्टिव तरीके से लागू किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ पायलट्स की थकान बढ़ रही है, बल्कि फ्लाइट सेफ्टी पर भी खतरा मंडरा रहा है.

एएलपीए इंडिया के प्रेसिडेंट कैप्टन सैम थॉमस के अनुसार, एफडीटीएल को लेकर डेढ साल पहले कोर्ट ने आदेश जारी किया था. लेकिन डीजीसीए ने अभी तक एफडीटीएल के रिवाइज्‍ड सिविल एविएशन रेगुलेशन (CAR) को पूरी तरह से लागू नहीं किया है. डीजीसीए ने फेज-2 को लागू करने में सेलेक्टिव अप्रोच अपनाई है. जहां एयरलाइंस चाहती है, वहां नियम लागू कर दिए जाते हैं.

एयरलाइंस के इशारों पर लागू होते हैं नियम
एएलपीए इंडिया ने डीजीसीए की इस पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां एयरलाइंस के मनमुताबिक बात नहीं होती है, वहां डिस्‍पेंसेशन यानी छूट दे दी जाती है. इस सेलेक्टिव रिलैक्सेशंस का फायदा सिर्फ कुछ एयरलाइंस को मिल रहा है, जबकि इसका सीधा नुकसान पायलट्स और पैसेंजर्स की सेफ्टी को झेलना पड़ रहा है.

एएलपीए इंडिया के अनुसार, यह साफ दिखता है कि ये छूट कुछ कमर्शियल इंटरेस्ट्स को देखते हुए दी जा रही हैं, जबकि डीजीसीए का असली मकसद फ्लाइट सेफ्टी को बनाए रखना और पैसेंजर प्रोटेक्शन सुनिश्चित करना है. डीजीसीए ने इन बदलावों को लागू करते वक्त उन पायलट्स से कोई कंसल्टेशन नहीं किया, जो रोज इन रूल्स के तहत काम करते हैं.

पायलट्स एसोशिएशन ने रखी दो मांगे
लेटर में बताया गया कि फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स भी पहले डीजीसीए की ट्रांसपेरेंसी पर सवाल उठा चुका है. अपने लेटर में एएलपीए इंडिया ने डीजीसीए से दो अहम मांगें रखी हैं.

एफडीटीएल सीएआर (FDTL CAR) को बिना किसी छूट या अपवाद के सभी ऑपरेटर्स पर एक समान रूप से लागू किया जाए. आगे से किसी भी रेगुलेटरी चेंज या रिलैक्सेशन से पहले पायलट्स की रिप्रेजेंटेटिव बॉडीज़ से सलाह ली जाए.

कैप्टन सैम थॉमस के अनुसार, सेफ्टी रेगुलेशंस का सेलेक्टिव इस्तेमाल डीजीसीए की क्रेडिबिलिटी को कमजोर कर रहा है और एविएशन सेफ्टी फ्रेमवर्क को डैमेज कर रहा है. उन्होंने जोर दिया कि डीजीसीए को तुरंत कररेक्टिव एक्शन उठाने चाहिए, ताकि भारतीय एविएशन की सुरक्षा और रेगुलेटरी इंटेग्रिटी बनी रहे.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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First Published :

November 05, 2025, 09:01 IST

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