पाकिस्‍तान को लताड़ने वाली बिहार की बेटी कौन है? IAS की नौकरी छोड़ बनी थीं MP

12 hours ago

Last Updated:October 21, 2025, 13:32 IST

Aparajita Sarangi MP: भाजपा की एक सांसद अपराजिता सारंगी इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. आईएएस की नौकरी छोड़ सांसद बनीं सारंगी ने जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्‍तान को जमकर लताड़ लगाई है. आइए जानते हैं कि सारंगी कब आईएएस बनी थीं और उनकी कहानी क्‍या है?

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Who is Aparajita Sarangi: जेनेवा में 151वीं इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (IPU) असेंबली में भारत की एक महिला सांसद अपराजिता सारंगी ने पाकिस्‍तान को जमकर लताड़ा. पाकिस्तान को करारा जवाब देने के बाद वह सुर्खियों में हैं. असल में जब पाकिस्तान के स्पीकर सादिक सरदार अयाज ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया तो बीजेपी सांसद अपराजिता ने उसके जवाब में कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा.उनके इस दमदार बयान ने न सिर्फ भारत की मजबूत स्थिति को दुनिया के सामने रखा बल्कि पाकिस्तान के झूठे प्रचार को भी बेनकाब किया. वह IPU की वाइस प्रेसिडेंट भी हैं. आइए आपको बताते हैं कि अपराजिता सारंगी हैं कौन और वह आईएएस की नौकरी छोड़ कैसे सांसद बनीं?

Aparajita Sarangi BJP MP Biography: बिहार से हुई पढ़ाई-लिखाई

अपराजिता सारंगी का जन्म 8 अक्टूबर 1969 को बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ. उनके पिता अजीत मिश्रा अंग्रेजी के प्रोफेसर थे और मां भी टीचर हैं. घर में पढ़ाई-लिखाई का माहौल था जिसकी वजह से अपराजिता पढाई में मेधावी रहीं.उन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया और पहले ही प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर ओडिशा कैडर में IAS बन गईं. उनकी तेज बुद्धि और मेहनत ने उन्हें 1994 बैच की टॉप ऑफिसर्स में शामिल किया. ट्रेनिंग के दौरान उनकी मुलाकात संतोष कुमार सारंगी से हुई जो उसी बैच के IAS ऑफिसर थे.दोनों की दोस्ती प्यार में बदली और परिवार की रजामंदी से दोनों ने शादी की. आज उनके दो बच्चे शिखर और अर्चिता हैं. संतोष वर्तमान में MNRE सचिव हैं.

Aparajita Sarangi IAS Story: 1996 में बनीं डिप्‍टी कलेक्‍टर

अपराजिता का प्रोफेशनल करियर किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं. 1996 में उन्होंने डिप्‍टी कलेक्टर और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के तौर पर काम शुरू किया. 1998 से 2006 तक नुआपाड़ा, कोरापुट और बरगढ़ में जिला मजिस्ट्रेट रहीं.यहां पर उन्होंने ग्रामीण विकास की दिशा में काफी किया.2006 से 2009 तक भुवनेश्वर की नगर आयुक्त के रूप में शहर की तस्वीर बदली. वर्ष 2009 में वह पंचायती राज विभाग की सचिव बनीं और 2012 में उनकी सेवा के लिए ‘शक्ति सम्मान’मिला. उनके काम ने ओडिशा में सुशासन की मिसाल कायम की.

Aparajita Sarangi story: IAS छोड़कर बन गईं सांसद

2018 में अपराजिता ने IAS से स्वैच्छिक रिटायरमेंट(VRS) लिया और बीजेपी जॉइन की. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भुवनेश्वर से जीत हासिल की और सांसद बनीं. बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में भी उनकी तेज-तर्रार शैली चर्चा में रही. वह उस समय भी चर्चा में रहीं जब उन्‍होंने संसद में 1984 सिख दंगों से जुड़ा बैग प्रियंका गांधी को गिफ्ट किया था, लेकिन इनदिनों IPU में उन्‍होंने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया.अपराजिता ने न सिर्फ J&K पर भारत का पक्ष रखा, बल्कि दोहा कतर हमले और नाइजर तख्तापलट जैसे ग्लोबल इश्यूज पर भी स्टैंड लिया.

At the workshop “Breaking the Hunger Cycle: Addressing Food Security”, Lok Sabha MP @AprajitaSarangi showcased India’s targeted welfare efforts — including the PM Garib Kalyan Anna Yojana, ensuring food security for 800 million people! 🌾🇮🇳… pic.twitter.com/m2yj6Tt0Tn

दुनिया को दी भारत की मिसाल

IPU में अपराजिता ने Breaking the Hunger Cycle: Addressing Food Security वर्कशॉप में हिस्सा लिया. उन्होंने PM गरीब कल्याण अन्न योजना को दुनिया के सामने मिसाल बताया, जो 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन दे रही है.उनकी बातों से साफ हुआ कि भारत न सिर्फ अपनी सीमाएं सुरक्षित रखता है, बल्कि अपने लोगों की भलाई के लिए भी दुनिया में नंबर वन है.

क्यों हैं चर्चा में?

जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान को लताड़ने के बाद अपराजिता सोशल मीडिया से लेकर हर जगह छाई हुई हैं. उनकी पोस्ट जिसमें उन्होंने जेनेवा में अपने भाषण की तारीफ का जिक्र किया,वायरल हो गई. लोग उनके साहस और बेबाकी को सलाम कर रहे हैं. पहले IAS में सुशासन, फिर राजनीति में अपनी आवाज बुलंद करने वाली अपराजिता युवाओं के लिए मिसाल है. वह बिहार की मिट्टी से निकलकर ग्लोबल मंच पर भारत का परचम लहरा रही हैं.

Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...

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First Published :

October 21, 2025, 13:32 IST

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