Last Updated:May 08, 2025, 13:18 IST
Pakistan Weapon Import : पाकिस्तान हथियारों के मामले में सिर्फ एक ही देश पर निर्भर होकर रह गया है. उसका 81 फीसदी हथियार सिर्फ चीन से ही आता है, जबकि दूसरे नंबर पर नीदरलैंड और तीसरे पर टर्की आते हैं. अमेरिका अब...और पढ़ें

पाकिस्तान के कुल हथियारों की खरीद में चीन सबसे बड़ा भागीदार है.
हाइलाइट्स
पाकिस्तान के 81% हथियार चीन से आते हैं.नीदरलैंड और टर्की भी हथियार सप्लायर हैं.अमेरिका से हथियार आयात 1% से भी कम हुआ.नई दिल्ली. भारत को जंग की धमकियां देने वाले पाकिस्तान का दुनिया में सिर्फ एक ही देश रखवाला है. इस बात अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान में आने वाले कुल हथियारों में से 81 फीसदी सिर्फ इसी एक देश के होते हैं. सिपरी के आंकड़ों को देखें तो साफ पता चलता है कि पिछले 15 साल में पाकिस्तान पूरी तरह इसी देश पर निर्भर हो गया है. मजे की बात ये है कि पाकिस्तान और उसे हथियार सप्लाई करने वाला देश, दोनों ही भारत के सबसे बड़े दुश्मन हैं.
हम बात कर रहे हैं चीन की, जहां से 2020 से 2024 के बीच में पाकिस्तान को सबसे ज्यादा हथियार सप्लाई किए गए हैं. पाकिस्तान को हथियारों के कुल आयात में 81 फीसदी हिस्सेदारी सिर्फ चीन की है. इसके बाद नंबर आता है नीदरलैंड का, जहां से पाकिस्तान को 5.5 फीसदी हथियार सप्लाई किए गए और टर्की अब इस मामले में 3.8 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे पायदान पर पहुंच गया है. साल 2009 से 2014 के बीच चीन से पाकिस्तान को 51 फीसदी हथियार सप्लाई किए जाते थे, जो 2015 से 2019 के बीच बढ़कर 73 फीसदी हो गए.
अमेरिकी से दूर, चीन के करीब हुआ पाक
पाकिस्तान को चीन से हथियारों की सप्लाई जैसे-जैसे बढ़ती गई, अमेरिका से उसकी दूरी भी बढ़ गई है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Sipri) ने हथियारों और सेना से जुड़े आंकड़े जारी कर बताया है कि एक समय अमेरिका ही पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर था. 2009 से 2014 के बीच अमेरिका से 30 फीसदी हथियार पाकिस्तान खरीदता था और अब उसकी हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी नीचे चली गई है. इटली भी पहले पाकिस्तान के बड़े सप्लायर्स में शामिल था, लेकिन अब उसकी जगह टर्की और नीदरलैंड ने ले लिया है.
टर्की के करीब आ रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान और टर्की के बीच कारोबार और करीबी दोनों बढ़ रही है. भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सिर्फ टर्की और अजरबैजान ने ही इस कदम का विरोध किया था. 2014 से 2024 के बीच टर्की को पाकिस्तान का निर्यात बढ़कर 10 फीसदी से भी ज्यादा हो गया है और टर्की से भी पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई बढ़ रही है. यही वजह है कि दोनों देश एक-दूसरे के सहयोगी बन गए हैं.
चीन से कुल आयात भी बढ़ा
पाकिस्तान और चीन की बात करें तो 2009 से 2014 के बीच पाकिस्तान का चीन से आयात 41 फीसदी था, जो 2020-24 के बीच यह हिस्सेदारी बढ़कर 63 फीसदी हो गई है. हथियार खरीदने की बात करें तो पाकिस्तान पिछले 4 साल में दुनिया का 5वां सबसे बड़ा खरीदार रहा था. उसकी हिस्सेदारी 2015 से 2019 के बीच रही 2.8 फीसदी से बढ़कर अब 4.6 फीसदी पहुंच गई है. पाकिस्तान अपनी जीडीपी का 2.8 फीसदी सिर्फ रक्षा मामलों पर खर्च करता है, जबकि अन्य लो-मिडिल इनकम वाले देश 1.8 फीसदी ही खर्च करत हैं, जबकि मिडिल इनकम वाले देश 2 फीसदी खर्च करते हैं.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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