Last Updated:May 07, 2025, 01:18 IST
India Hydropower Projects In Chenab Valley: भारत ने बेहद महत्वपूर्ण पाकल दुल हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम तैयार करने की परमिशन दे दी है. चिनाब घाटी में बन रहे इस प्रोजेक्ट में पाकिस्तान जाने व...और पढ़ें

चेनाब घाटी में बड़े पैमाने पर हाइड्रोपावर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रहा भारत. (File Pic)
हाइलाइट्स
पाकल दुल प्रोजेक्ट को ट्रांसमिशन लाइन की मंजूरी मिली.चिनाब घाटी में चार बड़ी पनबिजली परियोजनाएं चल रही हैं.चिनाब पर बन रहे पाकल दुल डैम में पानी रोकने की क्षमता होगी.नई दिल्ली: भारत सरकार ने मंगलवार को 1000 मेगावॉट की पाकल दुल पनबिजली परियोजना के लिए ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की मंजूरी दे दी है. यह प्रोजेक्ट चिनाब की सहायक नदी मारुसूदर पर बन रहा है, जो जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में स्थित है. सबसे अहम बात यह है कि यह भारत का पहला स्टोरेज बेस्ड प्रोजेक्ट होगा जो पाकिस्तान जाने वाली पश्चिमी नदियों पर बन रहा है. अभी तक भारत के पास केवल रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट्स थे, जिनमें पानी जमा नहीं किया जा सकता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की चिनाब घाटी में चल रहे चार बड़ी पनबिजली परियोजनाओं- पाकल दुल, किरु, क्वार और किर्थाई को जिस रफ्तार से आगे बढ़ाया है, वह बताता है कि अब पाकिस्तान के पानी के ‘कार्ड’ की काट तैयार हो चुकी है.
सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र: पाकल दुल प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट की ऊंचाई 167 मीटर होगी, जो इसे भारत का सबसे ऊंचा कंक्रीट फेस रॉक फिल डैम बना देगा. पाकिस्तान इस प्रोजेक्ट को इंडस वॉटर ट्रीटी का उल्लंघन बताता रहा है, लेकिन अब भारत ने संधि को ठंडे बस्ते में डाल इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान को क्यों चुभता है यह प्रोजेक्ट?
पाकिस्तान की आपत्ति की वजह साफ है, पाकल दुल डैम में पानी को रोकने की क्षमता होगी. यह 0.1 मिलियन एकड़ फीट (MAF) स्टोरेज की इजाजत सिंधु जल संधि के तहत थी. भारत उसी सीमा के अंदर रहकर अब इसका अधिकतम उपयोग कर रहा है. यानी अब पाकिस्तान को मिलने वाला पानी भारत के स्टोरेज कंट्रोल में रहेगा.
पाकल दुल में अब तक क्या हुआ?
2023-24 में डैम की 72 मीटर ऊंचाई तक निर्माण हो चुका है. हेड रेस टनल-1 (7350 मीटर) की बोरिंग के लिए हेरेंकनेक्ट (जर्मनी) की हाईटेक TBM मशीन जुलाई 2023 में लगाई गई थी. फरवरी 2024 में यूनिट-1 और यूनिट-2 की स्पाइरल केसिंग पूरी हुई. अब ट्रांसमिशन लाइन की अनुमति मिल चुकी है, यानी पावर ग्रिड तक बिजली पहुंचाने की तैयारी शुरू.बाकी तीन परियोजनाओं का क्या स्टेटस है?
किरु HE प्रोजेक्ट (624 मेगावॉट)
इस परियोजना में डैम कंक्रीटिंग का काम तेजी से चल रहा है. अब तक 3.5 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीटिंग पूरी हो चुकी है, जो कुल 13.95 लाख क्यूबिक मीटर के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है. 543 मेगावॉट बिजली के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम (GUVNL) के साथ समझौता हो चुका है.क्वार HE प्रोजेक्ट (540 मेगावॉट)
जनवरी 2024 में चिनाब नदी के डायवर्जन का काम पूरा हो गया, जो एक बड़ा मील का पत्थर है. इसके बाद मुख्य डैम का निर्माण शुरू हो चुका है. पावर खरीद के लिए हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने सहमति दी है.किर्थाई स्टेज-I (930 मेगावॉट)
यह रन-ऑफ-रिवर प्रोजेक्ट है, जो किरु से 25 किमी ऊपर चिनाब पर बनेगा. 121 मीटर ऊंचा डैम बनाया जाएगा. सालाना 3329.52 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की उम्मीद है. पहले इस प्रोजेक्ट को इंडस वॉटर ट्रीटी की मंजूरी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं रही, जिससे काम तेज होगा.बिजली का ये ब्रह्मास्त्र कहां-कहां पहुंचेगा?
सरकार न केवल प्रोजेक्ट्स को बना रही है, बल्कि इनके लिए पावर परचेज एग्रीमेंट्स (PPAs) भी फाइनल कर रही है. यह बिजली देश के कोने-कोने तक जाएगी. पाकल दुल और क्वार प्रोजेक्ट की बिजली के लिए हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात की कंपनियों से करार हुआ है. किरु प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक से खरीद की सहमति बनी है. इसका मतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों से निकली बिजली अब भारत के मेट्रो शहरों को रोशन करेगी. पाकिस्तान के लिए पानी को अब हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा.
Location :
New Delhi,Delhi