पाक की धरती से दिया भारत को धोखा... ज्‍योति से भी खतरनाक है माधुरी की कहानी

9 hours ago

Pakistani Spy News: ट्रैवल विद जो के नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाली ज्‍योति मल्‍होत्रा को पुलिस ने पाकिस्‍तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. ज्‍योति पर आरोप है कि कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तक भारतीय सेना से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां पहुंचाई. ज्‍योति की करतूत ने लोगों के जहन में एक बार फिर उस जासूस के नाम को जिंदा कर दिया है, जिसने पाकिस्‍तान की धरती से भारत को धोखा दिया और आईएसआई के लिए कई भारतीय जिंदगियों की मौत का सबस बन गई.

दरअसल यह कहानी है माधुरी गुप्‍ता नाम की एक पाकिस्‍तानी जासूस की. माधुरी गुप्ता कोई सोशल मीडिया स्टार नहीं थीं. वह एक अनुभवी राजनयिक थीं, जो इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में प्रेस और सूचना विभाग की दूसरी सचिव थीं. उनकी कहानी ज्योति से बिल्कुल अलग है, पर बेहद चौंकाने वाली है. यह बात 2010 की बात है, जब दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने माधुरी को ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया. उन पर आरोप था कि उन्होंने भारत की रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को दी.

कुछ यूं आईएसआई एजेंट के चुंगल में फंसी माधुरी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा रही माधुरी गुप्‍ता ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर भारतीय विदेश सेवा को करियर के लिए चुना. इराक, लाइबेरिया, मलेशिया और क्रोएशिया जैसे देशों में माधुरी ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. उर्दू भाषा पर जबरदस्‍त पकड़ के चलते 2007 में माधुरी को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में द्वितीय सचिव (प्रेस और सूचना) के रूप में तैनात किया गया. उनसा काम पाकिस्तानी मीडिया को स्कैन करना और भारत के लिए महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स तैयार करना था.

इस्लामाबाद में एक स्थानीय पार्टी में एक महिला जर्नलिस्‍ट ने माधुरी की मुलाकात जमशेद नाम के शख्‍स से कराई, जिसे लोग ‘जिम’ के नाम से बुलाते थे. इस महिला पत्रकार के जरिए जिम को पता चला कि माधुरी जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर द्वारा लिखी एक किताब खोज रही है. बस यही से जिम को एक मौका मिल गया और उसने इस किताब को ढूंढने के बहाने माधुरी से नजदीकी बढ़ाना शुरू कर‍ दिया. कुछ ही दिनों में 30 साल के जमशेद में 52 साल की माधुरी को पूरी तरह से अपने प्‍यार के काबू में कर दिया.

झूठे प्‍यार में सबकुछ भुला बैठी माधुरी

52 साल की माधुरी उस समय जमशेद के प्यार में इस कदर डूब गई थीं कि वह उससे शादी करने और इस्लाम अपनाने तक को तैयार थीं. जमशेद ने साजिश के तहत अपन माधुरी से उसके राज जानना शुरू कर दिया था. एक दिन जमशेद को पता चला कि वह भारत सरकार से बेहद खफा है. इस नाराजगी की वजह उसकी दो साल की छु्ट्टी नामंजूर होना और वेतन रोका जाना था. जमशेद ने इसी बात का फायदा उठाकर उसे भारत के खिलाफ भड़काना और अपने मंसबों के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था.

अब तक माधुरी को यह पता चल चुका था कि जमशेद कोई साधारण इंसान नहीं, बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एक ट्रेंड एजेंट है. इस खुलासे के बाद इस खेल में जमशेद के सहयोगी मुदस्सर रजा राणा की भी इंट्री हो चुकी थी. अब जमशेद और मुदस्‍सर के इशारे पर माधुरी ने भारतीय सेना और रॉ से जुड़े ऑपरेशन से जुड़ी गोपनीय जानकारियां साझा करना शुरू कर दिया था. जमशेद और मुदस्‍सर के कहने पर उसने मार्च 2010 में माधुरी ने राणा के कहने पर जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. वहां से उन्होंने राज्य की वार्षिक योजना की रिपोर्ट हासिल करने की कोशिश की.

खुफिया एजेंसी को लगी माधुरी की भनक

2009 में भारतीय खुफिया एजेंसियों को शक हुआ कि इस्लामाबाद में तैनात एक राजनयिक पाकिस्तान की आईएसआई को गोपनीय जानकारी दे रहा है. जांच शुरू हुई और माधुरी के फोन, ईमेल और गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी. तफ्तीश में यह पाया गया कि माधुरी ने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और नीतिगत फैसलों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी आईएसआई को दी थी. इसमें भारत-पाक वार्ता से जुड़े एजेंडे, 26/11 मुंबई हमलों की जांच और भारत-अमेरिका के बीच साझा की गई जानकारियां शामिल थीं.

माधुरी ने अपने ब्लैकबेरी फोन और घर के कंप्यूटर के जरिए जमशेद और राणा से संपर्क बनाए रखा. उन्होंने न केवल गोपनीय दस्तावेज साझा किए, बल्कि भारत में काम कर रहे खुफिया अधिकारियों के नाम और ईमेल पासवर्ड भी लीक किए. सभी सबूत इकट्ठा करने के बाद माधुरी को SAARC शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बहाने दिल्ली बुलाया गया और उसे हिरासत में लेकर जांच शुरू की गई. जांच में माधुरी ने ऐसे खुलासे किए,‍ जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया.

जांच में माधुरी ने किए कई खतरनाक खुलासे

जांच के दौरान माधुरी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि शुरुआत में उन्होंने बदले की भावना से जानकारी दी थी, लेकिन बाद में वह डर और ब्लैकमेल के कारण जासूसी करती रहीं. जांच में पता चला कि माधुरी इस्लामाबाद में अपने घर के कंप्यूटर और ब्लैकबेरी फोन के जरिए जमशेद और राणा से संपर्क में रहती थीं. जांच में उनके ईमेल खातों lastrao@gmail.com और arao@gmail.com से करीब छह दर्जन ईमेल बरामद हुए थे, जो पाकिस्तानी एजेंटों ने उनके लिए बनाए थे.

पुलिस की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि मार्च 2010 में माधुरी ने राणा के कहने पर जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. वहां से उन्होंने राज्य की वार्षिक योजना की रिपोर्ट हासिल करने की कोशिश की. इसके अलावा, राणा ने 2020 तक प्रस्तावित 310 मेगावाट के जलविद्युत परियोजना की जानकारी भी मांगी थी. 2018 में दिल्ली की एक अदालत ने माधुरी को ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3 और 5 के तहत दोषी ठहराया.

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