पश्चिम बंगाल में 58 लाख नाम कटने की संभावना, आज आएगी 5 राज्यों की ड्राफ्ट सूची

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Last Updated:December 16, 2025, 08:55 IST

SIR Draft Roll In West Bengal: चुनाव आयोग SIR के तहत पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप में आज ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करेगा. इस सूची में पश्चिम बंगाल में करीब 58 लाख नाम कटने की संभावना है. अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में वोटरों के नाम काटे जा सकते हैं. इस बीच इस एसआईआर के मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होने वाली है.

पश्चिम बंगाल में 58 लाख नाम कटने की संभावना, आज आएगी 5 राज्यों की ड्राफ्ट सूचीपश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर भारी विवाद हुआ था.

SIR Draft Roll In West Bengal: चुनाव आयोग द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के दूसरे चरण के तहत पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप में मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल मंगलवार को प्रकाशित किया जाएगा. लक्षद्वीप को छोड़कर अन्य सभी में 7.5 से 8.5 प्रतिशत नाम हटाए जाने की संभावना है, जबकि लक्षद्वीप में यह मात्र 2.5 प्रतिशत होगी. पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. यहां मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, पता न मिलने वाले या कई जगहों पर पंजीकृत मतदाताओं के कारण करीब 58 लाख नाम हटाए जा सकते हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिन मतदाताओं ने फॉर्म में पूरी जानकारी नहीं दी है, ऐसे लोगों को जारी किए जाने वाले नोटिस की संख्या 58 लाख से कहीं अधिक हो सकती है. अधूरे फॉर्म में सबसे बड़ा सवाल है पिछले SIR से अपना लिंक बताना. कई लोग यह जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. SIR के नए नियमों के तहत गणना चरण में दस्तावेज जमा करने की जरूरत खत्म कर दी गई थी, जिससे बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) ने इन असंगतियों का आकलन किया है.

राजस्थान में भी कट सकते है काफी नाम

अंतिम तौर हटाए जाने वाले नामों की संख्या इस पर निर्भर करेगी कि नोटिस प्राप्त करने वाले कितने लोग चुनाव पंजीकरण अधिकारी के समक्ष अपनी पात्रता साबित करने में सफल होते हैं, जिसमें नागरिकता साबित करने वाले आवश्यक दस्तावेज शामिल हैं. गोवा में कुल 11.8 लाख मतदाताओं में से करीब एक लाख (8.5 प्रतिशत) नाम हट सकते हैं. राजस्थान में 5.46 करोड़ मतदाताओं में से 7.5-8 प्रतिशत की कटौती संभावित है. लक्षद्वीप के 57,813 मतदाताओं में मात्र 2.5 प्रतिशत नाम हटाए जाएंगे. अधिकारियों का कहना है कि मृत, डुप्लिकेट और स्थानांतरित मतदाताओं की बड़ी संख्या 2010 में रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट में संशोधन के कारण है, जिसमें उचित सत्यापन के बिना किसी प्रविष्टि में संशोधन या हटाने पर रोक लगा दी गई थी.

हालांकि नियमों में सत्यापन की प्रक्रिया निर्धारित करने का प्रावधान था, लेकिन यह कभी लागू नहीं हुआ. टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि इसी कारण मृत, स्थानांतरित और बहु-प्रविष्टियां लिस्ट में बनी रहीं, जिससे फर्जी वोटिंग की गुंजाइश बनी.

ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद प्रत्येक कलेक्टर राजनीतिक दलों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों को प्रिंटेड और सॉफ्ट कॉपी साझा करेंगे. यह लिस्ट जिला चुनाव अधिकारी की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी. मतदाता अपनी प्रविष्टियां जांच सकेंगे और दावे-आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे. इसी बीच, SIR और मतदाता सूची पुनरीक्षण से जुड़े मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होने वाली है. देश के विभिन्न राज्यों में SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट विचार करेगा. इन याचिकाओं में मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल उठाए गए हैं और बड़े पैमाने पर नाम हटाने को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

First Published :

December 16, 2025, 08:54 IST

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