निसार की पहली फोटो: स्पेस से सुनहरा दिखा भारत, रात में ISRO की नजर कितनी पैनी?

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Last Updated:November 28, 2025, 23:53 IST

NISAR First Image: NISAR ने अंतरिक्ष से भारत की पहली हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीर भेज दी है. गोदावरी डेल्टा की यह S-Band SAR इमेज दिखाती है कि ISRO–NASA मिशन बादलों और रात के अंधेरे में भी जमीन की हलचल कैप्चर कर सकता है. 12-मीटर एंटीना वाले इस सैटेलाइट ने अब वैज्ञानिक चरण शुरू कर दिया है, जो कृषि, हिमालय, मौसम और आपदा प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा.

 स्पेस से सुनहरा दिखा भारत, रात में ISRO की नजर कितनी पैनी?NASA–ISRO मिशन NISAR ने भारत की पहली हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीर भेजी. (फोटो X)

नई दिल्ली: भारत-अमेरिका की ऐतिहासिक NISAR मिशन ने अंतरिक्ष से अपनी पहली शानदार तस्वीर भेज दी है. इस तस्वीर में भारत सचमुच सुनहरा नजर आ रहा है. यह वही तस्वीर है जिसने न सिर्फ वैज्ञानिक समुदाय को चौंकाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि पृथ्वी को देखने की हमारी क्षमता कितनी आगे बढ़ चुकी है. हाई-रिजॉल्यूशन S-Band SAR इमेज में आंध्र प्रदेश का गोदावरी डेल्टा इतना सूक्ष्म, इतना जीवंत और इतना सटीक कैप्चर हुआ है कि रात के अंधेरे में भी धरती की हलचल दर्ज होती दिखाई देती है.

इन पहली तस्वीरों ने यह भी साबित कर दिया है कि ISRO और NASA की संयुक्त तकनीक आखिरकार अपनी असली शक्ति दिखाने लगी है. NISAR की यह नाइट विजन तकनीक अब भारत के वैज्ञानिकों को वह जानकारी देने जा रही है जो पहले कभी संभव नहीं थी. खास बात यह है कि यह बादलों, जंगलों, पानी और धुंध के आर-पार भी धरती की सतह देख सकती है. यह मिशन न सिर्फ पृथ्वी को देखने का तरीका बदल रहा है, बल्कि आने वाले समय में कृषि, आपदा चेतावनी, हिमालयी बर्फ, भू-विज्ञान और जल संसाधन अध्ययनों में क्रांति लाने वाला है.

गोदावरी डेल्टा की पहली तस्वीर-NISAR की आंखों की असली ताकत

ISRO ने जो पहली S-Band SAR इमेज सार्वजनिक की है, वह भारत के पूर्वी तट पर स्थित गोदावरी रिवर डेल्टा की है. तस्वीर में मैंग्रोव वन, खेती के क्षेत्र, सुपारी (Arecanut) के प्लांटेशन और एक्वाकल्चर पोंड्स बेहद बारीकी से दिखाई दे रहे हैं. इतनी सूक्ष्मता इस वजह से संभव है क्योंकि NISAR का सिथेटिक अपर्चर रडार बादलों के बीच से भी जमीन की बनावट, नमी और बदलाव को रिकॉर्ड कर सकता है.

NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR): The 12m diameter Antenna Reflector which enables S-Band and NASA’s L-Band Synthetic Aperture Radar (SAR) Payload to operate has been deployed.

कैसे हुआ NISAR का जटिल अंतरिक्ष डिप्लॉयमेंट?

30 जुलाई 2025 को GSLV-F16 के जरिए लॉन्च हुए इस 1.5 बिलियन डॉलर के मिशन का सबसे कठिन हिस्सा था इसका 12-मीटर का विशाल एंटीना रिफ्लेक्टर, जो NASA ने बनाया है. यह एंटीना 9-मीटर लंबे बूम पर लगा है और पांच दिनों (9–15 अगस्त) में बेहद जटिल मैकेनिज्म के जरिए खुला. इसमें रिस्ट, शोल्डर, एल्बो और रूट जॉइंट्स का एक-एक करके सक्रिय होना शामिल था.

कौन-कौन प्रणालियां सफलतापूर्वक सक्रिय हुईं?

12-मीटर एंटीना का पूरा अनफोल्ड S-Band (ISRO) और L-Band (NASA) दोनों की सक्रियता ISTRAC और JPL द्वारा संयुक्त कमांड पहले दिन से मिली हाई-क्वालिटी टेस्ट इमेजिंग ग्लोबल कैलिब्रेशन सिट्स की सफल मैपिंग

वैज्ञानिक चरण की शुरुआत: भारत से दुनिया तक NISAR की नजर

19 अगस्त को पहले डेटा ग्रैब के बाद से NISAR ने न सिर्फ भारत बल्कि अमेजन रेनफॉरेस्ट और अहमदाबाद के पास बनाए गए कॉर्नर रिफ्लेक्टर्स को भी स्कैन किया है. इन रिफ्लेक्टर्स का इस्तेमाल सटीकता मापने के लिए होता है और NISAR की प्वाइंटिंग एक्यूरेसी बेहद उच्च स्तर पर पाई गई.

NISAR किन क्षेत्रों में सबसे अधिक उपयोगी साबित होगा?

कृषि: फसल की सेहत, नमी और मिट्टी परिवर्तन वन: कटाई, अवैध गतिविधियां और कार्बन अनुमान हिमालय: ग्लेशियर, स्नो लोड व लैंडस्लाइड खतरे समुद्र: कोस्टल इरोजन और साइक्लोन इम्पैक्ट भू-विज्ञान: भूकंप पूर्व संकेत और जमीन धंसाव टेक्निकल जानकारियां: NISAR की कक्षा और कवरेज क्षमता

NISAR 747 किमी की सन-सिंक्रोनस कक्षा में घूमता है और हर 12 दिन में पृथ्वी की अधिकांश जमीन और बर्फ से ढकी सतह को स्कैन कर लेता है. इसकी खासियत है कि यह सेंटीमीटर स्तर के बदलाव भी पकड़ सकता है. चाहे वह जंगल का सिकुड़ना हो, नदी घाटी का बदलना हो या शहरों में जमीन धंसाव.

NISAR डेटा किस तरह भारत के लिए गेम-चेंजर होगा?

क्षेत्रभविष्य में बड़ा लाभ
कृषिफसल पूर्वानुमान और सटीक खेती
हिमालयग्लेशियर निगरानी और आपदा चेतावनी
तटीय क्षेत्रसमुद्री कटाव और आपदा प्रबंधन
जल संसाधननदी, झील और भूजल अध्ययन
जलवायुकार्बन चक्र और ग्लोबल वार्मिंग अनुसंधान

भारत-अमेरिका साझेदारी का नया अध्याय

NISAR इस दशक के सबसे महत्वूपर्ण अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक मिशनों में शामिल है. NASA और ISRO की संयुक्त तकनीक ने भारत की पृथ्वी निगरानी क्षमता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. यह सिर्फ एक सैटेलाइट नहीं बल्कि पर्यावरण, जलवायु और आपदा विज्ञान को नए युग में ले जाने वाला प्लेटफॉर्म है.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

First Published :

November 28, 2025, 23:53 IST

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