Last Updated:July 22, 2025, 10:46 IST
Jagdeep Dhankhar Resign News: जगदीप धनखड़ ने सोमवार को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया. इस पर कांग्रेस ने जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू की अनुपस्थिति को कारण बताया. जेपी नड्डा ने अब खुलकर उसका कारण बताया है.

हाइलाइट्स
जेपी नड्डा ने धनखड़ के इस्तीफे पर सफाई दी है.धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया.कांग्रेस ने नड्डा और रिजिजू की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए.Jagdeep Dhankhar Resign News: जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति से इस्तीफा दे दिया. सोमवार को अचानक उनके फैसले से हलचल मच गई. कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस फैसले को संदेह भरी निगाहों से देख रहा है. कांग्रेस तो यहां तक कह रही कि जगदीप धनखड़ की बैठक में जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू नहीं गए, इससे जगदीप धनखड़ आहत हुए और उन्होंने सोमवार की शाम को इस्तीफा दे दिया. हालांकि, जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में सेहत का हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि वह अब अपनी सेहत को प्राथमिकता देना चाहते हैं. अब सवाल है कि क्या सच में जगदीप धनखड़ ने सेहत की वजह से इस्तीफा दिया? या फिर वह जेपी नड्डा के बैठक में न आने से नाराज हैं या फिर जेपी नड्डा ने सदन में जो रिकॉर्ड वाली बात कही, उसका असर है? इन सभी सवालों का अब जवाब मिल गया है. खुद जेपी नड्डा ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से जुड़े सस्पेंस से पर्दा हटाया है.
न्यूज18 इंडिया से ऑफ कैमरा बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि वह किसी अहम संसदीय कार्य में व्यस्त हो गए थे, जिसके कारण वह जगदीप धनखड़ की बैठक में शामिल नहीं हुए. जेपी नड्डा ने कहा, ‘मैं और किरेन रिजिजू 4:30 बजे उपराष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई बैठक में इसलिए शामिल नहीं हो सके, क्योंकि हम अन्य महत्वपूर्ण संसदीय कार्यों में व्यस्त थे. इसकी पूर्व सूचना उपराष्ट्रपति के कार्यालय को दी गई थी.’
जेपी नड्डा ने दी सफाई
उन्होंने ‘आप जो बोल रहे हैं रिकार्ड में नहीं जाएगा’ वाले बयान पर भी सफाई दी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसके अलावा मैंने राज्यसभा में जो बात कही कि जो मैं बोल रहा वही ऑन रिकॉर्ड जाएगा, आप जो बोल रहे वो रिकॉर्ड में नहीं जाएगा…ये विपक्ष के टोकाटोकी करने वाले सांसदों के लिए था न कि चेयर (उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़) के लिए.’ दरअसल, कांग्रेस को संदेह है कि सोमवार दोपहर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बहुत गंभीर घटित हुआ था कि केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में नहीं पहुंचे थे.कांग्रेस को शक है कि इस्तीफे के पीछे कहीं यही वजह तो नहीं.
क्या थी वो बैठक
दरअसल, 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की बीएसी बैठक 12:30 बजे बुलाई थी. इसमें जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू सहित अधिकांश सदस्य मौजूद थे. बैठक में शाम 4:30 बजे फिर से मिलने का निर्णय लिया गया. इसकी अध्यक्षता जगदीप धनखड़ को करनी थी. मगर उस बैठक जेपी नड्डा और रिजिजू इस दूसरी बैठक में शामिल नहीं हुए. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि दोनों मंत्रियों की ‘जानबूझकर’ अनुपस्थिति और जगदीप धनखड़ को इसकी पूर्व सूचना न देना उनके इस्तीफे का कारण हो सकता है. रमेश ने कहा, ‘1 बजे से 4:30 बजे के बीच कुछ बहुत गंभीर हुआ, जिसके चलते यह अनुपस्थिति थी.’
जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं.’ जगदीप धनखड़ (74) ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था. वह राज्यसभा के सभापति भी हैं और उन्होंने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया.
कैसा रहा कार्यकाल
राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल में, धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ, जिसने उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया था. उन्हें हटाने का प्रस्ताव, बाद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था. यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था. वी वी गिरि और आर वेंकटरमन के बाद, कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले वह भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं. गिरि और वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था.
कैसे है सरकार के लिए झटका?
धनखड़ का अचानक इस्तीफा राज्यसभा में सरकार के लिए एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम के बाद आया है, क्योंकि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए विपक्ष द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव उनके समक्ष प्रस्तुत किया गया था और उन्होंने सदन में इसका उल्लेख किया था. यह घटनाक्रम सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक झटका है, जिसने लोकसभा में इसी तरह का नोटिस प्रायोजित किया था और विपक्ष को भी इसमें शामिल किया था. धनखड़ 2022 में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार थे.
कितने दिनों में उपराष्ट्रपति का चुनाव?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सोमवार शाम अचानक पद से इस्तीफा देने से उनके उत्तराधिकारी की दौड़ शुरू हो गई है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को निर्वाचक मंडल में बहुमत प्राप्त है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. आगामी दिनों में संभावित नामों पर विचार किए जाने की संभावना है. अगले 60 दिनों के भीतर देश में उपराष्ट्रपति चुनाव कराना अनिवार्य है.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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