दो चरणों में होगी जनगणना, अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान, ₹11718 करोड़ होगा बजट

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Last Updated:December 12, 2025, 16:39 IST

Union Cabinet Press Briefing Live: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने आज तीन बड़े फैसले लिए. इसमें एक जनगणना से जुड़ा है. जनगणना का संदर्भ 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि तय किया गया है. इसका पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा और दूसरा चरण फरवरी 2027 में पूरा होगा.

दो चरणों में होगी जनगणना, अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान, ₹11718 करोड़ होगा बजटमंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

Union Cabinet Press Briefing Live: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि आज कैबिनेट में तीन बड़े फैसले लिए गए हैं. इनमें से एक जनगणना से संबंधित है. जनगणना के लिए संदर्भ 1 मार्च 2027 को 00:00 बजे निर्धारित की गई है. जनगणना का कार्य दो चरणों में किया जाएगा: पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण फरवरी 2027 में संपन्न होगा. इसके साथ ही सरकार ने कोल सेतु योजना को भी मंजूरी दी है. इसे लेकर अश्विनी वैष्णव ने बड़ा ऐलान किया है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि जनगणना 2027 देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए ₹11,718 करोड़ के बजट को मंजूरी दे दी है. इस आगामी जनगणना में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि इसमें जाति आधारित गणना को भी शामिल किया जाएगा. कैबिनेट के फैसलों के संबंध में मंत्री वैष्णव ने देश की बढ़ती घरेलू उत्पादन क्षमता का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि घरेलू उत्पादन में वृद्धि के कारण देश को लगभग ₹60,000 करोड़ के विदेशी मुद्रा (forex) की बचत हो रही है. यह सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों के सकारात्मक परिणाम को दर्शाता है.

कोल सेतु योजना में व्यापक भागीदारी

सरकार ने कोल सेतु योजना के तहत व्यापक भागीदारी के मानदंडों को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब व्यापारियों के अलावा किसी भी उपयोगकर्ता को कोयले के अंतिम उपयोग पर बिना किसी प्रतिबंध के योजना में भाग लेने की अनुमति होगी. इसके अतिरिक्त लिंकेज धारकों को अपनी क्षमता का 50% तक निर्यात करने की भी अनुमति होगी. हालांकि कोकिंग कोल के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी. इन उपायों से भागीदारी बढ़ने, प्रतिस्पर्धा बढ़ने और कई क्षेत्रों के लिए कोयले तक पहुंच को सुव्यवस्थित करने की उम्मीद है.

क्यों जरूरी है जनगणना?

जनगणना हर देश की नीतियों, योजनाओं और प्रशासनिक क्षमता की रीढ़ मानी जाती है. यह न सिर्फ जनसंख्या की गिनती करती है, बल्कि उम्र, धर्म, भाषा, शिक्षा, रोजगार स्थिति, आवास की स्थिति. घर में उपलब्ध सुविधाओं और दिव्यांगता से जुड़े अहम डेटा भी जुटाती है. यही आंकड़े संसद, विधानसभा और स्थानीय निकायों की सीमाओं (delimitation) और आरक्षण तय करने में कानूनी आधार बनते हैं. साथ ही यह डेमोग्राफी, अर्थशास्त्र, मानवशास्त्र, समाजशास्त्र और सांख्यिकी जैसे विषयों पर शोध करने वालों के लिए एक विशाल डेटा बैंक उपलब्ध कराती है.

जनगणना 2027 की तारीख और पूरा शेड्यूल

सरकार ने जनगणना 2027 के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 को 00:00 बजे तय की है. वहीं बर्फबारी वाले इलाकों के लिए यह तारीख 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है. जनगणना दो चरणों में होगी-पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक, जबकि दूसरा चरण फरवरी 2027 में पूरा किया जाएगा. बर्फबारी वाले क्षेत्रों में दूसरा चरण सितंबर 2026 में होगा.

कैसे होंगे जनगणना 2027 के दो चरण?

चरण 1: हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस (HLO)

यह चरण घरों की स्थिति, घर में उपलब्ध सुविधाओं और आवास से जुड़े विस्तृत आंकड़े तैयार करेगा.

अवधि: अप्रैल–सितंबर 2026 राज्य/केंद्रशासित क्षेत्र 30 दिन की अवधि चुनेंगे

चरण 2: पॉप्युलेशन एन्यूमरेशन (PE)

इस चरण में जनसांख्यिकीय, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जानकारियां जुटाई जाएंगी.

इसमें शामिल होंगे:

उम्र, लिंग, शिक्षा धर्म, मातृभाषा, भाषाएं दिव्यांगता, सामाजिक स्थिति, जाति पेशा, माइग्रेशन, प्रजनन संबंधी विवरण मुख्य अवधि: फरवरी 2027 संशोधन दौर: 1–5 मार्च 2027 बर्फबारी वाले क्षेत्र: सितंबर 2026 संशोधन दौर: 1–5 अक्टूबर 2026

कैसे बढ़ रहा है भारत आत्मनिर्भरता की ओर: कोयला क्षेत्र में बड़ा कदम

भारत ने 2020 में कोल के कमर्शियल माइनिंग की शुरुआत की है. इससे घरेलू कोयले की उपलब्धता में बड़ी वृद्धि हुई. 2024-25 में देश ने पहली बार एक साल में 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया- कुल 1.048 बिलियन टन. कोयले के आयात का प्रतिशत लगातार घट रहा है और 2024–25 में इसमें 7.9% की कमी आई. इससे लगभग ₹60,700 करोड़ का विदेशी मुद्रा बचत हुई. भारतीय रेल और कोयला क्षेत्र की भागीदारी भी मजबूत हुई. पिछले वर्ष रेल के माध्यम से 823 मिलियन टन कोयला ढोया गया. इसी वजह से देश के पावर प्लांट्स में कोयले का स्टॉक अब रिकॉर्ड स्तर पर है.

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Sumit Kumar

सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें

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December 12, 2025, 16:07 IST

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