दुनिया के 4 सबसे कठोर पेड़, जिनसे मिलती है सबसे मजबूत और टिकाऊ लकड़ी...

2 hours ago

World Hardest Wood: सदियों से लोग लकड़ी का इस्तेमाल कर करते आए हैं. खासकर लोग घर, फर्नीचर, औजार और मजबूत ढांचे को बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में आपको जरूर पता होगा, कि हर लकड़ी एक जैसी मजबूत नहीं होती है. लकड़ी की असली ताकत उसके साइज या बाहरी मोटाई से नहीं होती, बल्कि उसके घनत्व, रेशों की बनावट और टिकाऊपन से तय की जाती है. वहीं आपको बता दें, दुनिया भर में ऐसे भी कई पेड़ हैं, जिनकी लकड़ी बेहद कठोर, भारी और लंबे समय तक टिकने वाली होती है. ऐसे में इस खबर में हम आपको दुनिया की सबसे कठोर और मजबूत लकड़ियों के बारे में बताएंगे.

ऑस्ट्रेलियाई बुलोक
अगर दुनिया की सबसे कठोर लकड़ी की बात करें तो, वो ऑस्ट्रेलियाई बुलोक पेड़ की है. ये पेड़ ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. इसकी लकड़ी बहुत ही ज्यादा सघन होती है और इसमें रेशे बहुत जुड़े होते हैं. ये लकड़ी लाल-भूरे रंग की होती है और खरोंच, टूट-फूट और घिसाव का जबरदस्त विरोध करती हैं. ये लकड़ी इतनी ज्यादा मजबूत होती है कि इसे काटना और तराशना भी काफी मुश्किल हो जाता है. 

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आयरनबार्क
ऑस्ट्रेलिया में उगने वाला आयरनबार्क, यूकेलिप्टस पेड़ों की एक प्रजाति है. इस पेड़ को कठिन परिस्थितियों और कमजोर मिट्टी में भी आसानी से उगाई जा सकती है. इसकी लकड़ी में नेचुरल तत्व होते हैं, जो इसे कीड़ों, नमी और सड़ने से बचाते हैं. यही वजह है कि आयरनबार्क का इस्तेमाल पुलों, रेलवे स्लीपर जैसे कामों के लिए किया जाता है. 

क्वेब्राचो
दक्षिण अमेरिका में मिलने वाली इस लकड़ी को कुल्हाड़ी तोड़ देने वाली लकड़ी मानते हैं. ये पेड़ अपनी असाधारण कठोरता के लिए बेहद मशहूर है. इसकी लकड़ी इतनी ज्यादा भारी और घनी होती है कि ये पानी में भी डूब जाती है. ये लकड़ी गहरे लाल-भूरे रंग की होती है, जो भारी प्रेशर और वेट को आसानी से सहन कर लेती है. इसकी कठोरता के कारण इसका इस्तेमाल खासतौर पर 

क्वेब्राचो – कुल्हाड़ी तोड़ देने वाली लकड़ी
दक्षिण अमेरिका में पाया जाने वाला क्वेब्राचो पेड़ अपनी असाधारण कठोरता के लिए मशहूर है। इसकी लकड़ी इतनी भारी और घनी होती है कि यह पानी में भी डूब जाती है। गहरे लाल-भूरे रंग की यह लकड़ी भारी दबाव और वजन को आसानी से सहन कर लेती है। इसकी कठोरता के कारण इसका उपयोग खासतौर पर इंडस्ट्रियल कामों में किया जाता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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