दिल, दोस्ती, डिप्लोमेसी! मॉस्को से आया भारत का दोस्त, पुतिन की यात्रा से होने वाले 10 बड़े फायदे

32 minutes ago

Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत दौरे पर आ रहे हैं. वो 2 दिनों तक यहीं रहेंगे. शाम 6 बजे भारत पहुंचेंगे. उनके स्वागत की भव्य तैयारी है. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. भारत पहुंचकर वो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर करेंगे. फिर दिल्ली में आयोजित 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. उनके इस टूर पर पूरी दुनिया की नजर है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह विज़िट भारत-रूस साझेदारी को मजबूत करने के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है. गौर करने वाली बात ये है कि यूक्रेन के साथ जंग शुरू होने के बाद वो पहली दफा भारत आ रहे हैं. अब सवाल ये है कि इस दौरे से भारत को क्या फायदा मिलेगा? यह टूर क्यों खास है? इन सवालों का जवाब तलाशने पर पता चलता है कि भारत को एक दो नहीं बल्कि 10 बड़े फायदे होने की उम्मीद है.

पुतिन का यह दौरा दोनों देशों के बीच बड़ी रक्षा डील, RELOS लॉजिस्टिक्स समझौता, उन्नत हथियार सहयोग और ब्रह्मोस जैसे प्रोजेक्ट्स पर अहम फैसले होने की उम्मीद है. यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीद कम करने का दबाव बढ़ा रहा है. पुतिन की यह यात्रा न सिर्फ वॉशिंगटन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देगी, बल्कि भारत को रक्षा, ऊर्जा, तकनीक और रणनीतिक सहयोग के रूप में 10 बड़े ‘तोहफे’ मिलने की भी संभावना है. पुतिन के भारत दौरे की जानकारी देते हुए रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन की तरफ से जारी किए गए बयान में साफ कहा गया है कि राष्ट्रपति का भारत दौरा 'विशेषाधिकार प्राप्त स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप' के लिए बेहद अहम है.

1. रक्षा सहयोग में बड़ा उछाल आ सकता है

रूस-भारत के बीच रक्षा और सुरक्षा समझौतों पर बात हो सकती है, जिसमें लड़ाकू विमानों की खरीद भी शामिल है. इस दौरे से पहले खबरें भी आई हैं कि रूस भारत को नई तकनीक और उन्नत हथियार देने को तैयार है, जिससे भारतीय सेना की ताकत और बढ़ेगी. सुखोई-57, S-500 और ब्रह्मोस के एडवांस वर्ज़न जैसे प्रोजेक्ट भारत की सुरक्षा क्षमता को नई ऊंचाई देंगे.

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2. तेल खरीदी और नए प्रोजेक्ट शुरू करने पर बातचीत हो सकती है

रूस चाहता है कि भारत उसका तेल व ऊर्जा आयात जारी रखे. इस टॉपिक पर दोनों देश बातचीत कर सकते हैं. फिलहाल भारत रूस से ही कच्चा तेल खरीदता है. रूस चाहता है कि यह जारी रहे और नए प्रोजेक्ट शुरू हों.

3. S-400 की नई खेप और मिसाइल पावर में बढ़ोतरी

भारत अपनी एयर डिफेंस क्षमता को और मजबूत करने जा रहा है. रूस से S-400 की नई खेप मिलने जा रही है. इस टूर के दौरान दोनों देशों के बीच भविष्य में S-500 पर सहयोग पर बात हो सकती है, जो भारत को हवा से खतरे के खिलाफ लगभग अभेद्य बना देगा. साल 2018 में भारत ने रूस के साथ लगभग 5 अरब डॉलर (करीब 40,000 करोड़ रुपये) का बड़ा समझौता किया था. इसी सौदे के तहत देश को 5 यूनिट S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम मिलने थे. डील के तहत बाकी दो डिफेंस सिस्टम के 2026 तक भारत आने की उम्मीद है.

4. मिसाइल टेक्नोलॉजी में भारत का बड़ा कदम

इस टूर के दौरान दोनों देश ब्रह्मोस-NG, एयर-लॉन्च और एक्सटेंडेड-रेंज मॉडल पर रिव्यू करने वाले हैं. यह भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी में एशिया की सबसे बड़ी शक्ति बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.

5. डॉलर पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में कदम

माना जा रहा है कि भारत-रूस अपनी मुद्रा में व्यापार के नए सिस्टम पर चर्चा करेंगे. इससे व्यापार अमेरिकी डॉलर के दबाव से मुक्त होगा और दोनों देशों को आर्थिक फायदा मिलने की उम्मीद है.

6. 10 लाख भारतीयों के लिए रोजगार का अवसर

दोनों देश एक लेबर मोबिलिटी समझौता कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो इससे लाखों भारतीय प्रोफेशनल्स रूस में IT, कंस्ट्रक्शन, मेडिकल और टेक्निकल क्षेत्रों में काम कर सकेंगे.

7. जेट इंजन बनाने पर जोर

माना जा रहा है कि मोदी-पुतिन के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी डिटेल में चर्चा हो सकती है. दोनों नेताओं के बीच रूस के सबसे उन्नत स्टेल्थ फाइटर जेट Su-57 की खरीद, तकनीक हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन पर भी बात होगी. इस पर पूरी दुनिया की नजर है.

8. RELOS समझौते पर अहम बातचीत

दौरे से ठीक पहले रूस की संसद ने RELOS समझौते को मंजूरी दे दी है. यह समझौता पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बातचीत का एक बड़ा मुद्दा होगा. आसान भाषा में इसे समझें तो RELOS का मतलब है कि भारत और रूस की सेनाएं जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगी, यानी दोनों देश एक-दूसरे के बेस, बंदरगाह, ईंधन और सप्लाई पॉइंट का उपयोग कर पाएंगे. इससे संयुक्त सैन्य अभ्यास आसान होंगे और लंबी दूरी के ऑपरेशन कम खर्च और ज्यादा तेजी से किए जा सकेंगे.

9. कई रक्षा सौदे हो सकते हैं

भारत के लिए पुतिन की यात्रा इसलिए भी अहम है, क्योंकि इस दौरान कई रक्षा सौदे हो सकते हैं, जिनसे भारत की सेना और मजबूत बनेगी. साथ ही, पश्चिमी देशों के तेल बाजार में अनिश्चितता के बीच रूस से मिलने वाला तेल और ऊर्जा भारत को ज्यादा सस्ता और भरोसेमंद विकल्प दे सकते हैं. इससे देश को लगातार और सुरक्षित ऊर्जा सप्लाई मिलती रहेगी.

10. यूक्रेन युद्ध पर भी हो सकती है बात

ध्यान देने वाली बात यह है कि पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50% टैक्स बढ़ा दिया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी खटास आई है. इसके अलावा, पुतिन प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की नई कूटनीतिक कोशिशों के बारे में भी जानकारी दे सकते हैं.

प्राइवेट डिनर के दौरान होगी बातचीत, 5 दिसंबर को ऐलान

आज से 25 साल पहले यानी 2000 में भारत और रूस के बीच सामरिक साझेदारी के तहत सालाना सम्मेलन की शुरुआत हुई थी. यह राष्ट्रपति पुतिन के वक्त में ही शुरू हुआ था. इसकी सिल्वर जुबली वार्षिक सम्मेलन के वक्त भी रूस के राष्ट्रपति पुतिन ही हैं. वो अब 10वीं बार भारत आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, वो सिर्फ 30 घंटों तक भारत में रहेंगे. पहले दिन शाम के करीब 6 बजे लैंडिंग के बाद सीधा पीएम मोदी के साथ उनकी वन-टू-वन बातचीत होगी. यह बातचीत प्राइवेट डिनर के दौरान होगी. फिर दूसरे दिन यानी 5 दिसंबर को महत्वपूर्ण ऐलान होंगे. इस दिन भारत-रूस के दोनों नेता मिलकर मीडिया को संबोधित करेंगे और बताएंगे कि दोनों देशों के बीच क्या-क्या डील हुई हैं. अब तक जो जानकारी है, उसमें बताया गया कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी होगा और इसमें 7 मंत्री शामिल होंगे.

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