Last Updated:July 21, 2025, 17:39 IST
भारत के वामपंथी आंदोलन की एक प्रखर आवाज और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन का सोमवार को 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले महीने दिल का दौरा पड़ने के बाद से ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
वामपंथी राजनीति के स्तंभ वी. एस. अच्युतानंदन का 101 वर्ष की आयु में निधन.2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे, भूमि सुधार और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम कमुख्यमंत्री पिनराई विजयन सहित कई वरिष्ठ नेता अस्पताल जाकर श्रद्धांजलि देने पहुंचकेरल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा (CPM) के वरिष्ठ नेता वीएस अच्युतानंदन का सोमवार को निधन हो गया. वे 101 वर्ष के थे. पार्टी ने उनके निधन की पुष्टि की है. अच्युतानंदन पिछले महीने हार्ट अटैक के बाद से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी. सोमवार सुबह मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल और सीपीएम के राज्य सचिव समेत कई वरिष्ठ नेता अस्पताल पहुंचे थे और उनका हालचाल लिया था.
अच्युतानंदन भारत में वामपंथी राजनीति का एक बड़ा चेहरा रहे हैं. वे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के संस्थापक सदस्यों में से थे और 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने भूमि सुधार, भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम और श्रमिक अधिकारों की लड़ाई को नेतृत्व दिया. उनके निधन को वामपंथी आंदोलन और केरल की राजनीति में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी और समर्थकों के बीच शोक की लहर है.
केरल में पैदा हुए, वहीं राजनीति की
वीएस अच्युतानंदन (VS Achuthanandan) भारतीय वामपंथी राजनीति के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली चेहरों में गिने जाते थे. उनका जन्म 20 अक्टूबर 1923 को केरल के अलाप्पुझा जिले में हुआ था. आर्थिक तंगी के चलते केवल सातवीं कक्षा तक पढ़ाई कर सके, लेकिन ट्रेड यूनियन आंदोलन से जुड़ने के बाद उन्होंने खुद को राजनीति में स्थापित किया.
निडर और जमीनी नेता
वे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के शुरुआती सदस्यों में से थे और 1964 में CPM (मार्क्सवादी) के गठन में निर्णायक भूमिका निभाई. उन्होंने दशकों तक भूमि सुधार, श्रमिक अधिकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष किया. साल 2006 में, 83 वर्ष की उम्र में, अच्युतानंदन केरल के मुख्यमंत्री बने और 2011 तक पद पर रहे. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, अतिक्रमण हटाओ अभियान और एंटी-पाइरेटेड सॉफ्टवेयर मुहिम जैसे फैसलों के लिए उनकी जमकर तारीफ हुई. 2016 में उन्हें स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय राजनीति से हटाया गया, लेकिन वे CPM की राज्य समिति में मार्गदर्शक की भूमिका में रहे. अच्युतानंदन की छवि एक ईमानदार, निडर और जमीनी नेता के तौर पर रही, जिन्होंने हमेशा जनता के मुद्दों को प्राथमिकता दी.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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