तो मैं जुर्माना लगाऊंगा, CJI का वकीलों पर ऐतिहासिक फैसला, मंडे से बदलेगा नियम

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Last Updated:December 11, 2025, 18:09 IST

CJI Suryakant: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकीलों की बेवजह आउट-ऑफ-टर्न मेंशनिंग पर कड़ी नाराजगी जताई और बताया कि अब ऐसे मामलों पर कम से कम ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस राशि से एक विशेष कोष बनाया जाएगा जो युवा वकीलों की ट्रेनिंग और आर्थिक सहायता में इस्तेमाल होगा. CJI ने साफ कहा कि सोमवार से फिजूल मेंशनिंग पर तुरंत कार्रवाई होगी ताकि अदालत का समय बच सके और मेंशनिंग प्रक्रिया गंभीर बनी रहे.

तो मैं जुर्माना लगाऊंगा, CJI का वकीलों पर ऐतिहासिक फैसला, मंडे से बदलेगा नियमसीजेआई सूर्यकांत ने भरी अदालत में यह बात कही.

नई दिल्‍ली. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकीलों द्वारा ‘आउट-ऑफ-टर्न’ मेंशनिंग (सुनवाई से पहले ही मामले का जिक्र करने के तरीके पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिजूल की मेंशनिंग को डिस्‍करेज (हतोत्साहित) करने के लिए वह एक नया और सख्त नियम लाने की योजना बना रहे हैं. CJI सूर्यकांत एक वकील की 2:30 बजे की मेंशनिंग के दौरान यह बात कह रहे थे. उन्होंने सुझाव दिया कि वह एक कोष बनाने की योजना बना रहे हैं जो युवा वकीलों को आर्थिक सहायता देगा. इस कोष को फंड देने का एक तरीका फिजूल मेंशनिंग पर जुर्माना लगाना होगा.

₹50,000 से कम नहीं होगा जुर्माना
CJI ने कोर्ट मास्टर से कहा, “हम युवा वकीलों को सहयोग देने के लिए एक कोष बनाने की योजना बना रहे हैं. इसे फंड देने का एक तरीका यह है कि हम फिजूल की मेंशनिंग पर जुर्माना लगाएं. हालांकि बेंच ने उस समय आदेश को आगे नहीं बढ़ाया. लेकिन CJI ने अपनी बात को आगे बढ़ाया और वकीलों को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा, “सोमवार से मैं एक और नोटिफिकेशन जारी करूंगा कि अगर कोई मेंशनिंग होती है और मुझे वह वास्तविक (जेनुअन) नहीं लगती तो मैं उसी समय जुर्माना लगाऊंगा.” CJI ने कहा, “एक सर्कुलर जारी किया जाएगा. यह जुर्माना ₹50,000 से कम नहीं होगा.”

यंग प्रोफेशनल्स की ट्रेनिंग के लिए बनेगा कोष
CJI ने बताया कि इस कॉर्पस का उद्देश्य केवल युवा वकीलों को आर्थिक सहायता देना नहीं है बल्कि युवा प्रोफेशनल्स की ट्रेनिंग के लिए भी इसका उपयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा, “इस कॉर्पस को बनाने के उद्देश्य से फंड उत्पन्न करने का एक स्रोत फिजूल मेंशनिंग पर लागत (जुर्माना) लगाना है.” उन्होंने मेंशनिंग कर रहे वकीलों की ओर देखते हुए बार के सदस्यों को अनुरोध और सलाह दी कि वे मेंशनिंग का उपयोग गंभीरता से करें. उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में फिर पूछा, “कर दें ऑर्डर पूरा?” (क्या हम अपना आदेश पूरा कर दें?). हालांकि, बेंच ने अंततः उस वक्त कोई अंतिम आदेश जारी नहीं किया, लेकिन CJI के कड़े इरादे स्पष्ट हो गए. यह कदम अदालत का कीमती समय बचाने और युवा वकीलों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

First Published :

December 11, 2025, 18:09 IST

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