Last Updated:September 16, 2025, 18:13 IST
Tejashwi Yadav News: तेजस्वी यादव की 'बिहार अधिकार यात्रा' शुरू होने से पहले ही एक स्लोगन ने सियासी बवाल मचा दिया है. यह स्लोगन सीधे तौर पर राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर तंज है. सवाल है कि क्या यह महागठबंधन की अंदरूनी कलह का संकेत है?

पटना. ‘भीड़ भी हमारा था, झंडा उठाने वाला भी हमारा था, बस वहम और अहम तुम्हारा था’. जहानाबाद में आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव के ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के शुरू होने पर यह स्लोगन खूब वायरल हो रहे हैं. क्या ये स्लोगन हाल ही में कांग्रस नेता राहुल गांधी के ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर तंज तो नहीं है? अगर यह स्लोगन राहुल गांधी के लिए है तो यह महागठबंधन के भीतर की कलह को अब सड़क पर ले आया है. तेजस्वी यादव मंगलवार से 10 जिलों की यात्रा पर निकले हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह कि तेजस्वी यादव ने जहानाबाद, नालंदा, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर और वैशाली को क्यों चुना? क्या राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ जिन-जिन जिलों से नहीं गुजरी थी तेजस्वी उन जिलों को ‘बिहार अधिकार यात्रा’ से कवर कर रहे हैं? या फिर तेजस्वी यादव की बिहार चुनाव 2025 को लेकर कुछ और रणनीति है?
आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ की शुरुआत ने महागठबंधन के भीतर की कलह को अब सड़क पर ला दिया है. जहानाबाद से यात्रा शुरू होने से पहले एक स्लोगन खूब वायरल हो रहा है. ‘भीड़ भी हमारा था, झंडा उठाने वाला भी हमारा था, बस वहम और अहम तुम्हारा था’ यह स्लोगन सीधे तौर पर हाल ही में खत्म हुई राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर तंज है, जिसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या तेजस्वी यादव ने यह यात्रा कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए शुरू की है?
तेजस्वी ने अपनी यात्रा के लिए जिन 10 जिलों को चुना है.
सीट शेयरिंग का दबाव
तेजस्वी ने अपनी यात्रा के लिए जिन 10 जिलों को चुना है, उनकी सूची भी राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर रही है. ये जिले हैं जहानाबाद, नालंदा, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर और वैशाली.तेजस्वी ने जिन जिलों को चुना है, वह कोई संयोग नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. राहुल गांधी की यात्रा के बाद कांग्रेस ने महागठबंधन में ज्यादा सीटों की मांग करना शुरू कर दिया है. तेजस्वी इन 10 जिलों में अपनी ताकत दिखाकर कांग्रेस को यह संदेश देना चाहते हैं कि असली जनाधार आरजेडी के पास है और सीटों का बंटवारा उनकी शर्तों पर ही होगा.
राहुल और नीतीश दोनों को साधेंगे तेजस्वी?
इस यात्रा ने साफ कर दिया है कि तेजस्वी राहुल गांधी के बढ़ते ग्राफ से चिंतित हैं. उन्हें लगता है कि राहुल की यात्रा में जो भीड़ उमड़ी थी, वह दरअसल आरजेडी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की थी, जिसका फायदा कांग्रेस ने उठाया. अपनी यात्रा से वह यह साबित करना चाहते हैं कि असली स्टार वही हैं, और सीएम का चेहरा भी. वहीं, नालंदा, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है को चुनकर तेजस्वी ने सीधे तौर पर नीतीश को भी चुनौती दी है. यह संदेश दिया जा रहा है कि तेजस्वी अब कहीं भी जाकर जनता को संबोधित कर सकते हैं.
तेजस्वी राहुल गांधी के बढ़ते ग्राफ से चिंतित हैं?
इन 10 जिलों में से कई आरजेडी के पारंपरिक वोट बैंक वाले इलाके हैं. तेजस्वी अपनी यात्रा से इन क्षेत्रों में पार्टी के जनाधार को और मजबूत करना चाहते हैं, ताकि कोई भी गठबंधन का साथी उन पर हावी न हो सके. तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ सिर्फ जनता से जुड़ने का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह महागठबंधन में अपने नेतृत्व को मजबूत करने और कांग्रेस को यह संदेश देने का एक तरीका है कि आरजेडी आज भी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है. यह यात्रा यह भी दिखाती है कि विपक्षी गठबंधन के भीतर सत्ता और प्रभाव की जंग अब सड़कों पर आ गई है, जिसका सीधा असर चुनाव के नतीजों पर पड़ सकता है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
September 16, 2025, 18:12 IST