Last Updated:December 26, 2025, 17:18 IST
MEA on Bangladesh Election: विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि बांग्लादेश में समावेशी चुनाव का अर्थ सभी दलों की भागीदारी है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अवामी लीग को बाहर रखने पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत वहां शांति और पारदर्शी प्रक्रिया चाहता है. 17 साल बाद तारिक रहमान की वापसी को भी भारत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के नजरिए से देख रहा है. भारत ने स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेशी जनता के साथ दोस्ताना संबंधों का पक्षधर है.
भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया.नई दिल्ली. बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ मौजूदा हालातों और आगामी चुनावों को लेकर भारत सरकार ने अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया है. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रमों बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNB) में तारिक रहमान की 17 साल बाद वापसी जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी बात की. भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह पड़ोसी देश में शांति, स्थिरता और एक ऐसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया देखना चाहता है, जिसमें सबकी भागीदारी हो.
तारिक रहमान की वापसी
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता तारिक रहमान की 17 साल बाद देश में वापसी को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय ने संतुलित लेकिन स्पष्ट जवाब दिया. मंत्रालय ने कहा कि भारत बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव का समर्थन करता है. तारिक रहमान की वापसी और उनकी राजनीतिक भागीदारी को इसी नजरिए से देखा जाना चाहिए. भारत का प्राथमिक उद्देश्य वहां कानून-व्यवस्था की बहाली और एक पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया है. यही वजह है कि रणधीर जायसवाल ने यह सवाल भी पूछा गया कि क्या अवामी लीग के बिना बांग्लादेश में फ्री-फेयर इलेक्शन हो सकते हैं.
अवामी लीग के बिना चुनाव ‘समावेशी’ होगा?
बांग्लादेश में अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखने की कोशिशों पर भारत ने गंभीर सवाल उठाए हैं. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि “समावेशी चुनाव का वास्तविक अर्थ ही यही है कि इसमें सभी राजनीतिक दल और लोग शामिल हों.” भारत का मानना है कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितनी समावेशी है. अवामी लीग जैसी बड़ी पार्टी के बिना चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठना लाजिमी है. भारत ने दोहराया कि वह बांग्लादेश के लोगों के साथ करीबी और दोस्ताना संबंध चाहता है. शेख हसीना के प्रत्यर्पण अनुरोध के सवाल पर जायसवाल ने कहा कि हमने जो पहले कहा था अब भी वही हमारा स्टैंड है. हम बांग्लादेश के अनुरोध को एग्जामिन कर रहे है.
अल्पसंख्यकों पर 2900 हमले
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर भारत ने बेहद सख्त लहजा अपनाया है. रणधीर जायसवाल ने कहा कि कट्टरपंथियों के हाथों हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों के खिलाफ लगातार हो रही शत्रुता निंदनीय है. मंत्रालय ने आधिकारिक आंकड़े देते हुए बताया कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार आने के बाद से अब तक वहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 2900 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. भारत ने उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया जिनमें इन हमलों को राजनीतिक हत्या या ‘मीडिया की अतिशयोक्ति बताया जा रहा था. MEA ने स्पष्ट किया कि ये घटनाएं वास्तविकता हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. विशेष रूप से दीपू दास की हत्या की कड़े शब्दों में भर्त्सना की गई और मांग की गई कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए.
भारत विरोधी नैरेटिव और सुरक्षा पर चिंता
बांग्लादेश में भारत के खिलाफ गढ़े जा रहे झूठे और भ्रामक नैरेटिव पर भी MEA ने कड़ा प्रहार किया. प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की गलत सूचनाएं वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही हैं, जिन्हें भारत पहले ही खारिज कर चुका है. मंत्रालय ने फिर दोहराया कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखना पूरी तरह से बांग्लादेश की जिम्मेदारी है. भारत अपने राष्ट्रीय हितों और अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और वहां की स्थिति पर बारीक नजर बनाए हुए है.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
First Published :
December 26, 2025, 17:18 IST

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