ड्रोन या सुपर कॉप नहीं, जो कहीं भी धावा बोल दे... ED को हाईकोर्ट की फटकार

6 hours ago

Last Updated:July 20, 2025, 08:54 IST

ED News: मद्रास हाईकोर्ट ने ईडी को फटकार लगाया है. कोर्ट ने जांच एजेंसी को मनमानी करने पर कहा कि आप कोई सुपर कॉप नहीं हैं, जो कहीं भी मनमानी ढंग से एक्शन ले लें.

ड्रोन या सुपर कॉप नहीं, जो कहीं भी धावा बोल दे... ED को हाईकोर्ट की फटकार

ईडी को मद्रास हाईकोर्ट का फटकार.

High Court And ED News: मद्रास हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को मनमानी करने के आरोप फटकार लगाया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘ED कोई ड्रोन या लोइटरिंग म्यूनिशन नहीं है, जो जब चाहे, जहां चाहे जांच के नाम पर धमक जाए और ना ही यह कोई सुपरकॉप है जिसे हर मामले में जांच का अधिकार हो. कोर्ट ने एक कंपनी के ₹901 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज़ करने के ईडी के मांग को ठुकरा दिया है.

यह मामला आरकेएम पावरजेन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है. कंपनी ने 31 जनवरी 2024 को ईडी द्वारा जारी फ्रीज़ आदेश को चुनौती दी थी. कंपनी की ओर से वरिष्ठ वकील बी. कुमार ने अदालत में दलील दी कि ईडी ने ना सिर्फ कोर्ट के पुराने आदेशों की अनदेखी की, बल्कि बिना किसी नए सबूत के यह कार्रवाई की है.

बिना अपराध के एक्शन ना ले ईडी

मद्रास हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ जस्टिस एमएस रमेश और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन ने सुनवाई की. उन्होंने अपने आदेश में साफ कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत कार्रवाई तभी हो सकती है जब पहले कोई Predicate Offence (घूस लेते, ड्रग्स बेचते या फर्जीवाड़ा करते या घोटाला करते हुए कोई पकड़ा जाता है) हुआ हो और उस अपराध से अर्जित आय (Proceeds of Crime) मौजूद हो. अगर ऐसा नहीं है तो ईडी की कार्रवाई की कोई कानूनी बुनियाद नहीं बनती.

लिम्पेट माइन की तरह काम करे ईडी

मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई ईडी की तुलना “लिम्पेट माइननेवी के विस्फोटक से की, जो तब तक काम नहीं करती जब तक वह किसी जहाज से नहीं जुड़ी हो. इस मामले में जहाज मतलब predicate offence और उससे जुड़ी आय है. यानी कि ईडी की शक्तियां स्वत: संज्ञान लेने वाली नहीं हैं, उन्हें वैध कानूनी प्रक्रिया का पालन करना ही होगा.

क्या हुआ था?

दरअसल, RKMP को 2006 में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक आवंटित हुआ था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में सभी कोल ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर दिया था. इसके बाद सीबीआई ने FIR दर्ज कराई थी, लेकिन 2017 में केस बंद कर दिया गया. बावजूद इसके ईडी ने 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी और कंपनी के बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया. अब हाईकोर्ट ने न सिर्फ ईडी के इस आदेश को खारिज किया बल्कि साफ कहा कि PMLA कानून की मनमानी व्याख्या स्वीकार नहीं की जाएगी. अदालत का यह फैसला ED की कार्यशैली पर सवाल उठाता है और साफ करता है कि एजेंसियों को कानूनी मर्यादाओं में रहकर ही काम करना होगा.

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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Chennai,Tamil Nadu

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