Last Updated:November 11, 2025, 17:07 IST
साउथ कश्मीर का रहने वाला डॉक्टर आदिल अहमद राथर ने अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से मेडकल की पढ़ाई की. डॉक्टर बनने के कई साल बाद भी उसके पास इस कॉलेज में स्टूडेट्स को मिलने वाला लॉकर मौजूद था. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लॉकर को लेकर कॉलेज में क्या नियम होते हैं.
पुलिस मामले की जांच कर रही है.नई दिल्ली. अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले आतंकी आदिल अहमद राथर ही वो कड़ी है, जहां से फरीदाबाद में दो दिनों में करीब 3 हजार किलो विस्फोटक बरामद हुआ. इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस आदिल को अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची थी, जहां उसके लॉकर से एक एके-47 बरामद हुई. यह जानकारी सामने आ रही है कि डॉक्टर आदिल कई साल पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका था. ऐसे में इतने साल बाद भी उसके पास सरकारी मेडिकल कॉलेज में लॉकर कैसे मिला हुआ था. यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब खुद जांच एजेंसिया भी जानना चाहती हैं.
क्या कहता है गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में लॉकर रखने का नियम?
अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में निर्धारित नियमों के अनुसार कोई भी छात्र कोर्स पूरा करने या कॉलेज छोड़ने के बाद 30 दिनों के भीतर अपना लॉकर खाली करना अनिवार्य होता है. इस अवधि में छात्र को अपनी सभी व्यक्तिगत वस्तुएं निकालकर लॉकर की चाबी प्रशासन को लौटानी होती है. यदि तय समयसीमा में लॉकर खाली नहीं किया जाता, तो कॉलेज प्रशासन उसे अपने अधिकार में लेकर उसकी जांच कर सकता है. बिना सूचना के छोड़ी गई वस्तुएं कॉलेज की संपत्ति मानी जाती हैं और प्रशासन उनके निपटारे का अधिकार रखता है. यह नियम परिसर की सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्ती से लागू किया जाता है.
मेडिकल कॉलेज की भूमिका पर शक
यहां बड़ा सवाल यह है कि आखिर मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने इतने लंबे वक्त तक भी डॉक्टर आदिल से लॉकर वापस क्यों नहीं लिया. लॉकर वापस नहीं लेने के पीछे क्या वजह रही. इस मामले में नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया. इन सभी सवालों के जवाब पता लगाने का प्रयास जांच एजेंसियां कर रही है. पुलिस को शक है कि कॉलेज प्रशासन से जुड़े कुछ लोग भी इस पूरे नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि कॉलेज के लॉकर में एके-47 या विस्फोटक जैसी चीज हो सकती है, इस बात का शक कभी किसी को नहीं होगा. यही वजह है कि कॉलेज लॉकर को इतने साल तक आदिल की कस्टडी में रखा गया. ऐसे में पुलिस लॉकर की जिम्मेदारी संभालने वाले अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्रशासन से जुड़े लोगों को भी हिरासत में लिए हुए है.
एक पोस्टर ने आदिल को फंसा दिया
पुलिस सूत्रों के अनुसार पहले आदिल ने कई संवेदनशील इलाकों में भड़काऊ पोस्टर लगाए थे. इन पोस्टर्स की जांच करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया. जांच आगे बढ़ी तो अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में छापेमारी के दौरान एके-47 राइफल बरामद हुई. वहीं फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. माना जा रहा है कि आदिल एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था, जिसकी जांच अब कई एजेंसियां कर रही हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 11, 2025, 17:07 IST

2 hours ago
