Last Updated:September 16, 2025, 21:25 IST
PM modi Denmark Pm talk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेटे फ्रेडरिक्सन ने भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप, FTA, AI समिट 2026, यूक्रेन संकट और तकनीकी सहयोग पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन से फोन पर बात की. दोनों नेताओं ने भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूत करने का संकल्प लिया. लेकिन बातचीत का फोकस ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन, एनर्जी, वॉटर मैनेजमेंट, फूड प्रोसेसिंग पर रहा. साथ ही, यूक्रेन संकट, भारत-यूरोपीय यूनियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) और 2026 में भारत में होने वाले AI समिट पर भी चर्चा हुई. इससे साफ है कि एक नई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की राह खुल रही है.
बातचीत के बाद पीएम मोदी ने लिखा, आज डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई. हमने अपनी ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को मज़बूत करने और भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्र पूरा करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई. यूरोपीय यूनियन काउंसिल की अध्यक्षता के लिए डेनमार्क को शुभकामनाएं दी. यूक्रेन में संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने में हमारी साझा रुचि पर भी चर्चा हुई. भारत और डेनमार्क के बीच ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की शुरुआत 2020 में हुई थी. इसका मकसद जलवायु परिवर्तन से लड़ने, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में एक-दूसरे का सहयोग करना है. अब इस साझेदारी को और आगे ले जाने पर सहमति बनी है.
भारत ने दी मान्यता
पीएम मोदी ने डेनमार्क की मौजूदा यूरोपीय यूनियन काउंसिल की अध्यक्षता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी सदस्यता के लिए शुभकामनाएं दीं. यह भारत की ओर से डेनमार्क के वैश्विक योगदान को मान्यता देने जैसा है. पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत और डेनमार्क मिलकर न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाई देंगे, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता में भी योगदान करेंगे.
यूक्रेन संकट पर साझा चिंता
बातचीत में यूक्रेन संघर्ष का भी ज़िक्र हुआ. पीएम मोदी ने भारत की नीति दोहराते हुए कहा कि संघर्ष का समाधान केवल शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति से संभव है. फ्रेडरिक्सन ने भी स्थिरता बहाल करने पर जोर दिया. यह संदेश भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करता है कि वह विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का पक्षधर है.
FTA पर डेनमार्क का समर्थन
प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन ने भारत-यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की। यह भारत के लिए बड़ी राहत और अवसर की बात है, क्योंकि ईयू भारत का अहम व्यापारिक साझेदार है. अगर यह डील होती है तो भारत को निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी का मौका मिलेगा. भारत 2026 में AI इम्पैक्ट समिट की मेजबानी करेगा. डेनमार्क ने इस आयोजन की सफलता के लिए भारत को समर्थन दिया. यह भारत की तकनीकी और नवाचार क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का बड़ा मंच होगा.
भारत को क्या फायदा होगा?
डेनमार्क विंड एनर्जी टेक्नोलॉजी में दुनिया का लीडर है. पार्टनरशिप से भारत अपनी ग्रीन एनर्जी कैपेसिटी बढ़ा सकता है, जिससे इंपोर्ट पर निर्भरता घटेगी. डेनमार्क की एक्सपर्टीज वॉटर कंजरवेशन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में है. भारत में बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए यह सहयोग जल संकट कम करने और टिकाऊ शहर बनाने में मदद करेगा. FTA से भारत को यूरोपीय बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी. इससे भारतीय कंपनियों के लिए निर्यात बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. डेनमार्क की आधुनिक तकनीक से भारत में फूड प्रोसेसिंग और एग्रीकल्चर सेक्टर को मजबूती मिलेगी. किसानों को बेहतर दाम और उपभोक्ताओं को क्वालिटी प्रोडक्ट्स मिलेंगे. 2026 का AI समिट भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व दिलाने का अवसर देगा. डेनमार्क के सहयोग से भारत की स्टार्टअप इकोसिस्टम और मजबूत होगी.Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 16, 2025, 21:04 IST