Last Updated:September 26, 2025, 07:38 IST
Donald Trump Tariff on Drugs: डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. इकका असर भारत पर भी होगा. इससे भारतीय कंपनियां जैसे डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा प्रभावित होंगी.

Donald Trump Tariff on Drugs: अमेरिका का टैरिफ बम लगातार फट रहा है. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी दवा पर टैरिफ लगाया है. डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ऐलान किया कि फार्मा प्रोडक्ट्स यानी दवाओं के आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगेगा. विदेशी दवाओं पर यह टैरिफ 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम से फार्मा इंडस्ट्री में हड़कंप मचने की संभावना है. ट्रंप ने ब्रांडेड या पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल उत्पादों के आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है. यह टैरिफ तभी माफ किया जाएगा, अगर कंपनियां अमेरिका में अपनी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण शुरू करें. अब सवाल है कि क्या भारत पर ट्रंप के इस फैसले का असर होगा? क्या भारतीय कंपनियों के लिए यह झटका है?
सबसे पहले ट्रंप ने जो ऐलान किया है, उसे जान लेते हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में दवाओं पर टैरिफ की जानकारी दी. ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर लिखा, ‘1 अक्टूबर 2025 से हम किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड दवा उत्पाद पर 100% टैरिफ लगाएंगे, जब तक कि कोई कंपनी अमेरिका में अपना दवा निर्माण संयंत्र स्थापित नहीं कर रही हो. निर्माण का अर्थ होगा भूमिपूजन या निर्माणाधीन. इसलिए अगर निर्माण शुरू हो गया है, तो इन दवा उत्पादों पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा. इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद.’
भारतीय कंपनियों के लिए झटका?
जी हां, भारतीय दवा कंपनियों के लिए यह टैरिफ एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा फार्मा निर्यात बाजार है. अमेरिका में सस्ती जेनेरिक दवाओं की भारी मांग रहती है. यही कारण है कि भारत पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है. डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दवाइयों पर 100% घोषित टैरिफ मुख्यतः ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर केंद्रित है. इन पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दबदबा है. मगर जेनरिक और विशेष दवाओं पर भी असर पड़ने की संभावना बनी हुई है, जिसका बादशाह भारत है. यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका भारतीय दवा कंपनियों का बड़ा बाजार है. खासकर सस्ती जेनरिक दवाओं के लिए. अगर टैरिफ 1 अक्टूबर से लागू होता है तो भारतीय कंपनियों को इसका नुकसान हो सकता है.
भारत पर कितना असर?
अगर आंकड़ों पर गौर करें तो भारत ने 2025 की पहली छमाही में ही अमेरिका में 3.7 बिलियन डॉलर ( करीब 32,505 करोड़ रुपये) का दवा निर्यात किया है. साल 2024 में भारत ने अमेरिका को 3.6 अरब डॉलर (करीब 31,626 करोड़ रुपये) मूल्य की दवाएं निर्यात कीं. प्रमुख भारतीय कंपनियां जैसे डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, सन फार्मा, ल्यूपिन और ऑरोबिंदो फार्मा जैसे कंपनियां लंबे समय से अमेरिकी बाजार से लाभान्वित हो रही हैं. ये कंपनियां दवा के मामले में बहुत हद तक अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं. इन कंपनियों का बड़ा हिस्सा राजस्व अमेरिका से आता है. अगर टैरिफ लगता है तो उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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First Published :
September 26, 2025, 07:09 IST