Last Updated:September 23, 2025, 11:25 IST
Tata Group Hotel Sale : टाटा समूह की होटल चेन ताज अपने एक होटल की बिक्री करने जा रहा है. इसकी कीमत करीब 2 अरब डॉलर लगाई गई है. होटल को साल 2025 में तगड़ा घाटा लगा है, जिसके बाद बेचने की कवायद शुरू हुई है.

नई दिल्ली. टाटा समूह अपने प्रतिष्ठित होटल को बेचने जा रहा है. कंपनी ने इस होटल की कीमत भी लगा दी है और खरीदार के तौर पर दो बड़े नाम सामने आ रहे हैं. टाटा समूह ने अपने होटल की चेन भारत सहित पूरी दुनिया में बनाई है. इस समूह के सभी होटल 5 या 7 स्टार वाले ही होते हैं और यह पहला मौका होगा जब लग्जरी होटल शृंखला का कोई होटल बिकने जा रहा है. आखिर ऐसी क्या मजबूरी हो गई कि टाटा समूह को अपना होटल बेचने की नौबत आ गई है.
टाटा समूह का यह होटल भारत में नहीं, अमेरिका में है. टाटा समूह के ताज होटल चेन का यह होटल न्यूयॉर्क में स्थित है, जिसे ‘द पियरे होटल’ (The Pierre Hotel) के नाम से जाना जाता है. कंपनी ने इस होटल की कीमत 2 अरब डॉलर (करीब 17,628 करोड़ रुपये) लगाई है. इस होटल के खरीदारों में फिलहाल ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया और सऊदी अरब के एक व्यापारी एस्सम खशोगी का नाम सामने आ रहा है. सौदा पूरा होता है तो 20 साल में यह पहला मौका होगा जब इस लग्जरी होटल का प्रबंधन टाटा समूह के पास नहीं होगा. टाटा के पास अमेरिका में एक और होटल सैन फ्रांसिस्को में ‘ताज कैम्पटन प्लेस’ ही बचेगा.
टाटा ने कब खरीदा था यह होटल
टाटा समूह की होटल चेन ताज ने साल 2005 में इस होटल को खरीदा था. इसके बाद साल 2009 में कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर करीब 800 करोड़ रुपये लगाकर इसका रेनोवेशन कराया था और इसे अमेरिका का सबसे खास होटल बना दिया था. इस होटल में 189 कमरे हैं, जबकि रेस्तरां और लग्जरी अपार्टमेंट भी मौजूद हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ‘द पियरे होटल’ का बोर्ड इसकी बिक्री पर अंतिम दौर की बातचीत कर रहा है. अगर डील पक्की हो जाती है तो होटल का प्रबंधन लग्जरी चेन डोर्चेस्टर कलेक्शन को मिल जाएगा, जो सुल्तान बोल्किया के स्वामित्व में है. खशोगी इस डील को फंड उपलब्ध करा सकते हैं.
क्यों बिकने को हुई मजबूर
इस होटल को साल 2025 में करीब 82 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. टाटा ग्रुप की होटल कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड की 100 फीसदी सहायक कंपनी है, जिसने 2,324 करोड़ रुपये का निवेश किया था. लेकिन, घाटा होने पर कंपनी ने इसे बेचने का फैसला किया है. पिछले वित्तवर्ष में टाटा समूह के होटलों ने 1,512 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था और 202 करोड रुपये का लाभ कमाया.
रतन टाटा के जाते ही उथल-पुथल शुरू
दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का पिछले साल 9 अक्टूबर को निधन होने के बाद से समूह में सबकुछ सही नहीं चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नोएल टाटा और एन चंद्रशेखरन के बीच अनबन भी अभी तक खत्म नहीं हुई है. रतन टाटा के जाने के बाद से ही सिलसिलेवार घटनाक्रम होता रहा है. पहले टीसीएस में छंटनी हुई फिर टाटा की कंपनियों में हायरिंग पर रोक और भोपाल में टीसीएस का ऑफिस बंद होना. इन सबके बाद अब 20 साल बाद टाटा समूह के किसी होटल का बिकना अच्छी खबर नहीं माना जा रहा है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 23, 2025, 11:21 IST