झुंझुनूं : यह अप्रत्याशित कदम है, इस्तीफे से स्तब्ध है उपराष्ट्रपति का गांव

7 hours ago

Last Updated:July 22, 2025, 10:58 IST

Jagdeep Dhankhar News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की ओर से दिए गए इस्तीफे के बाद उनके पैतृक गांव झुंझुनूं के किठाना में सन्नाटा पसरा हुआ है. ग्रामीणों ने उनके इस कदम को अप्रत्याशित बताया है. उनका कहना है वे कभी स...और पढ़ें

 यह अप्रत्याशित कदम है, इस्तीफे से स्तब्ध है उपराष्ट्रपति का गांवउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किठाना गांव के रहने वाले हैं.

हाइलाइट्स

धनखड़ के इस्तीफे से गांव में सन्नाटा पसरा है.ग्रामीणों ने इस्तीफे को अप्रत्याशित बताया.धनखड़ का अपने गांव से विशेष लगाव रहा है.

झुंझुनूं. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की खबर से उनके राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित पैतृक किठाना गांव के लोग हैरान हैं. इस्तीफे की खबर के बाद पूरे गांव में सन्नाटा छाया हुआ है. गांव में किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. सोमवार रात को उनके इस्तीफे की खबर मिलते ही ग्रामीण एक दूसरे से इसकी पुष्टि करने में जुट गए. बाद में देर रात तक गांव में बस इसी पर चर्चा होती रही है. ग्रामीणों के अनुसार यह अप्रत्याशित है. उनका अपने गांव से बहुत लगाव है.

धनखड़ के भतीजे हरेंद्र धनखड़ ने बताया कि इस्तीफे की खबर के बाद ना केवल किठाना बल्कि आसपास के गांवों से भी फोन आने शुरू हो गए थे. किसी को भी उनके इस्तीफे पर विश्वास नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि यह सच है कि इन दिनों उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तबीयत ठीक नहीं थी. इसे लेकर उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ काफी चिंतित रहती हैं. लेकिन वे इस्तीफा ही दे देंगे ऐसा किसी ने भी नहीं सोचा था.

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इस्तीफे की खबर के बाद गांव में निराशा का माहौल है
पिछले महीने उत्तराखंड में उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई थी. गांव में उनके इस्तीफे की खबर के बाद निराशा का माहौल है. धनखड़ ने हमेशा किठाना गांव के विकास की सोच रखी. उपराष्ट्रपति बनने के बाद गांव में ऐतिहासिक कार्य करवाने में उनका योगदान रहा. उपराष्ट्रपति बनने के बाद तीन साल में वे सात बार झुंझुनूं आए. इनमें तीन बार तो वे विद्यार्थियों से मिलने ही झुंझुनूं आए और उन्हें प्रेरित किया. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का झुंझुनूं से विशेष लगाव रहा है.

उपराष्ट्रपति बनने पर गांव में किया गया था ऐतिहासिक स्वागत
उपराष्ट्रपति बनने के बाद जगदीप धनखड़ पहली बार 8 सितंबर 2022 को किठाना गांव आए थे. तब ग्रामीणों ने उनका ऐतिहासिक स्वागत किया. उसके बाद 2022 में ही वे 19 नवंबर को दूसरी बार झुंझुनूं के खेतड़ी आए. वहां उन्होंने स्वामी विवेकानंद संदेश यात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसके बाद 27 अगस्त 2023 को वे सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों से मिलने के लिए झुंझुनूं आए. इस दौरान उन्होंने लोहार्गल और राणी सती मंदिर में भी जाकर धार्मिक कार्यकमों में हिस्सा लिया.

विद्यार्थियों से संवाद करने बिट्स पिलानी और काजड़ा आए थे
2023 में ही उन्होंने 27 सितंबर को बिट्स पिलानी पहुंचकर विद्यार्थियों से संवाद किया. इसके करीब एक साल बाद वे 17 सितंबर 2024 को झुंझुनूं जिला मुख्यालय आए और स्वच्छता ही सेवा 2024 पखवाड़े का शुभारंभ किया. यहीं से उन्होंने पूरे देश को स्वच्छता का संदेश से ही दिया. धनखड़ का छठा दौरा 20 नवंबर 2024 को हुआ. उस समय वे काजड़ा नवोदय विद्यालय में विद्यार्थियों से संवाद करने पहुंचे थे. उपराष्ट्रपति रहते हुए उनका सातवां दौरा 5 मार्च 2025 को रहा. इस दिन वे सांगासी स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के विद्यार्थियों से संवाद करने पहुंचे थे.

Sandeep Rathore

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

Location :

Jhunjhunu,Jhunjhunu,Rajasthan

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झुंझुनूं : यह अप्रत्याशित कदम है, इस्तीफे से स्तब्ध है उपराष्ट्रपति का गांव

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