Japan bear attacks: जापान के उत्तरी अकिता प्रांत में भालुओं के रिकॉर्ड हमलों से हड़कंप मच गया है. अप्रैल से अब तक 100 से अधिक घायल हो गए हैं. 12 की मौत हो चुकी है. भालू घरों-स्कूलों पर धावा बोल रहे. सरकार ने सेना तैनात की है. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, जापान ने उत्तरी अकिता प्रान्त के एक पहाड़ी क्षेत्र में भालुओं के बढ़ते हमलों को रोकने में मदद के लिए बुधवार को सेना तैनात की है. ब्राउन बियर और एशियाई ब्लैक बियर हाइबरनेशन (सर्दियों की नींद) से पहले खाने की तलाश में घुसपैठ कर रहे हैं. भूरे भालुओं और एशियाई काले भालुओं के साथ कभी-कभी घातक मुठभेड़ों की खबरें लगभग रोज़ आ रही हैं. उन्हें स्कूलों, रेलवे स्टेशनों, सुपरमार्केट और एक हॉट स्प्रिंग्स रिसॉर्ट के पास देखा गया है.
भालू क्यों मचा रहे तांडव
अक्टूबर के अंत में पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जापान भर में भालू के हमलों में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं और कम से कम 12 मारे गए हैं. आवासीय क्षेत्रों में बढ़ती भालू आबादी का अतिक्रमण एक ऐसे क्षेत्र में हो रहा है जहां तेजी से बूढ़ी हो रही है और मानव आबादी घट रही है, कुछ ही लोग जानवरों का शिकार करने के लिए प्रशिक्षित हैं. सरकार ने अनुमान लगाया है कि कुल भालू की आबादी 54,000 से अधिक है. सैनिक गोली नहीं चलाएंगे रक्षा मंत्रालय और अकिता प्रान्त ने बुधवार को सैनिकों को तैनात करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो भोजन से भरे बॉक्स जाल लगाएंगे, स्थानीय शिकारियों को ले जाएंगे और मृत भालुओं को निपटाने में मदद करेंगे.
सेना को क्या मिला आदेश
अधिकारियों का कहना है कि सैनिक भालुओं को मारने के लिए आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करेंगे. उप मुख्य कैबिनेट सचिव फुमितोशी सातो ने संवाददाताओं को बताया, "भालू की समस्या से निपटना एक ज़रूरी मामला है." यह अभियान काज़ुनो शहर के एक जंगली इलाके में शुरू हुआ, जहा कई भालुओं के देखे जाने और उनके घायल होने की खबरें आई हैं. बुलेटप्रूफ जैकेट पहने और भालू स्प्रे व नेट लॉन्चर लिए सफेद हेलमेट पहने सैनिकों ने एक बाग के पास भालू का जाल बिछाया है.

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