Last Updated:July 12, 2025, 17:10 IST
Kapil Sibal: जस्टिस वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव को लेकर कपिल सिब्बल ने केंद्र पर निशाना साधा. बोले- बिना स्वतंत्र जांच के संस्था पर सीधा वार, यह न्यायपालिका पर दबाव बनाने की साजिश हो सकती है.

जस्टिस वर्मा केस में कपिल सिब्बल ने सरकार पर निशाना साधा. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
कपिल सिब्बल बोले- महाभियोग से पहले हो निष्पक्ष जांचसरकार पर सुप्रीम कोर्ट को दबाव में लेने का आरोपजस्टिस वर्मा कैश कांड में संसद और न्यायपालिका आमने-सामनेनई दिल्ली: वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “अगर सरकार खुद कहती है कि वह महाभियोग शुरू करना चाहती है तो वह ऐसा नहीं कर सकती. फिर इसमें दखल क्यों?” उन्होंने यह भी कहा कि “घटना एक ऐसे परिसर में हुई जो जज को आवंटित था, और बिना किसी स्वतंत्र जांच के एक संस्थान पर हमला किया जा रहा है.”
सिब्बल ने यह आरोप भी लगाया कि यह कार्रवाई कहीं न कहीं सरकार की नाराजगी या न्यायपालिका पर दबाव डालने की रणनीति हो सकती है. उन्होंने कहा कि “या तो सरकार उनसे किसी बात पर नाराज है या फिर यही समय चुना गया है कि NGAC (न्यायिक नियुक्ति प्रणाली) को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाया जाए.”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि शेखर यादव मामले में उनके हस्ताक्षर को राज्यसभा सचिवालय ने छह महीने बाद भी सत्यापित नहीं किया, जिससे राजनीतिक पूर्वाग्रह की आशंका और बढ़ती है.
#WATCH | Delhi | On Justice Varma impeachment issue, Supreme court lawyer Kapil Sibal says, “If the govt says it wants to initiate impeachment process, then it cannot do so. So why is the govt interfering in this?…The incident happened in an outhouse located in the area… pic.twitter.com/2jPfSvNMun
जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी
बता दें कि कांग्रेस पार्टी जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुट गई है. पार्टी ने अपने सांसदों से कहा है कि वे इस प्रस्ताव के नोटिस पर हस्ताक्षर करें. इसके साथ ही कांग्रेस ने राज्यसभा के सभापति से अनुरोध किया है कि वे जस्टिस यादव से जुड़े मामले में भी आवश्यक कार्रवाई करें. यह राजनीतिक हलचल ऐसे वक्त में हो रही है जब बीजेपी और अन्य विपक्षी दल भी मिलकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं. कांग्रेस नेतृत्व ने लोकसभा में अपने फ्लोर मैनेजरों से कहा है कि वे उन सांसदों की सूची तैयार करें जो इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं.
क्या है जस्टिस वर्मा ‘कैश कांड’?
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास स्थित स्टोररूम में आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में जले हुए कैश मिलने की घटना सामने आई. पुलिस और दमकल विभाग मौके पर पहुंचे लेकिन उस समय कोई स्पष्ट ज़ब्ती नहीं हुई. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर इन‑हाउस जांच के आदेश दिए.
तीन जजों की कमेटी ने मई 2025 में रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंपी, जिसमें कथित तौर पर अनैतिक लेनदेन और रकम के स्रोतों पर गंभीर सवाल उठाए गए. इसके बाद मामला राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजा गया, और राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया तेज़ की गई.
संवैधानिक बहस: सुप्रीम कोर्ट की इन‑हाउस जांच या संसद की जवाबदेही?
कपिल सिब्बल का तर्क है कि जजेस इंक्वायरी एक्ट, 1968 के तहत केवल संसद को ही जज के आचरण की जांच और जवाबदेही तय करने का अधिकार है. उनका कहना है कि “इन‑हाउस जांच एक प्रशासनिक प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन वह महाभियोग की संवैधानिक प्रक्रिया का विकल्प नहीं हो सकती.”
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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