Last Updated:November 19, 2025, 07:42 IST
Haryana News: हरियाणा पुलिस के सिपाही पंकज यादव को दहेज के रूप में 11 लाख 11 हजार 1 रुपये और 15 तोले सोने-चांदी के आभूषण दिया गया था. हालांकि, सगाई में वधू पक्ष से सिर्फ 1 रुपया शगुन के रूप में लिया गया. झज्जर के सुलोधा गांव की इस पहल की पूरे इलाके में चर्चा. पंकज अभी ट्रेनिंग कर रहा है.
जवान ने इस दौरान दहेज में मिले सोने चांदी के गहने भी लौटा दिए. मामला हरियाणा के झज्जर जिले का है.झज्जर. हरियाणा पुलिस के जवान ने अपनी शादी में कुछ ऐसी पहल की कि अब हर तरफ उसकी तारीफ हो रही है. जवान ने सगाई के दौरान ससुरालियों की तरफ से दहेज में दिए गए 11 लाख रुपये लौटा दिए और शगून में केवल एक रुपये लिए. जवान ने इस दौरान दहेज में मिले सोने चांदी के गहने भी लौटा दिए. मामला हरियाणा के झज्जर जिले का है.
दरअसल, हरियाणा के झज्जर जिला लगातार सामाजिक बदलाव की मिसाल बनता जा रहा है. इसका ताज़ा उदाहरण सुलोधा गांव का है, जहां हरियाणा पुलिस में तैनात सिपाही पंकज यादव ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है. सगाई के मौके पर वधू पक्ष की ओर से लाए गए 11 लाख 11 हजार 1 रुपये नकद और करीब 15 तोले सोने-चांदी के आभूषण लौटाकर पंकज के परिवार ने सिर्फ 1 रुपया शगुन के रूप में स्वीकार किया.
गांव में इस सामाजिक कदम की जोरदार चर्चा है और लोग पंकज यादव और उनके परिवार की इस सोच की सराहना कर रहे हैं. पंकज यादव की बारात 18 नवंबर को रेवाड़ी गई और फिर वहां पर उसकी शादी हुई. रेवाड़ी के उस्मानपुर निवासी विक्रम यादव, अपनी बेटी तमन्ना यादव का रिश्ता लेकर सुलोधा पहुंचे थे. परंपरा के अनुसार वे कैश और गहनों का भारी-भरकम शगुन लेकर आए थे, लेकिन पंकज यादव के दादा कैप्टन अमीर सिंह और पिता धर्मवीर यादव ने दहेज का सामान वापस करते हुए साफ शब्दों में कहा—“शादी दो परिवारों का मिलन है, सौदेबाज़ी नहीं.” उन्होंने वधू पक्ष से सिर्फ एक रुपये शगुन लेकर सामाजिक बराबरी का संदेश दिया.
पंकज की शादी रेवाड़ी की युवती से हुई.
पिता बोले-हमने पहले ही तय किया था
पंकज यादव ने कहा कि उन्होंने पहले ही दहेज के लिए मना किया था. उन्होंने कहा कि समाज को यही संदेश है कि अच्छे से लोग पढ़ाई लिखाई करें और बुराइयों का अंत हो. पंकज ने बताया कि वह मधुबन में ट्रेनिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके दादा कैप्टन मीर सिंह यादव रहे हैं. युवक के पिता धर्मवीर ने कहा कि यादव समाज शादी में दहेज की मांग बढ़ जाती है. लेकिन हमने तय किया था कि दहेज लेना ही नहीं है.
पिता ने कहा कि दूसरे पक्ष की तरफ से कहा गया था कि कुछ तो उन्होंने देना है.
पिता ने कहा कि दूसरे पक्ष की तरफ से कहा गया था कि कुछ तो उन्होंने देना है. समाज में लालची भी लोग हैं और अच्छे भी लोग हैं और लोगों को ही यह देखना है. उधर, ग्रामीण पंकज यादव के साहस और सोच की तारीफ कर रहे हैं.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...
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Location :
Jhajjar,Jhajjar,Haryana
First Published :
November 19, 2025, 07:42 IST

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