गैंगस्टर्स की पहली पसंद जिगाना पिस्टल क्यों? मूसेवाला-अतीक की हत्या से संबंध!

2 hours ago

Last Updated:September 18, 2025, 10:20 IST

गैंगस्टर्स की पहली पसंद जिगाना पिस्टल क्यों? मूसेवाला-अतीक की हत्या से संबंध!गैंगस्टर के बीच जिगाना पिस्तल की जबर्दस्त डिमांड है.

भारत में अपराध की दुनिया में एक नाम जो तेजी से चर्चा में आ रहा है वह है तुर्की निर्मित जिगाना पिस्टल. यह हथियार न केवल अपनी उन्नत तकनीक के लिए जाना जाता है, बल्कि हाल के कई हाई-प्रोफाइल हत्याकांडों में इसके इस्तेमाल होने से गैंगस्टर्स के बीच इसकी डिमांड आसमान छू रही है. पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की 2022 में हत्या और उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद व उनके भाई अशरफ की 2023 में हुई हत्या में भी यही पिस्टल इस्तेमाल हुई थी. हाल ही में बरेली में अभिनेत्री दिशा पटानी के घर पर फायरिंग कांड में भी जिगाना पिस्टल बरामद हुई, जो पाकिस्तान से तस्करी के जरिए भारत पहुंची थी. पुलिस जांच में सामने आया है कि यह पिस्टल नेपाल और पाकिस्तान के रास्ते गैंगस्टर्स तक पहुंच रही है और अब ड्रोन तकनीक से इसकी तस्करी और आसान हो गई है.

तुर्की की पिस्तल
जिगाना पिस्टल तुर्की की कंपनी TİSAŞ द्वारा निर्मित एक सेमी-ऑटोमैटिक हथियार है, जो भारत में प्रतिबंधित है. इसकी कीमत ब्लैक मार्केट में चार से दस लाख रुपये तक है. इसी से इसकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाता है. नेपाल रूट से आने वाली जिगाना पिस्तौल की कीमत करीब छह लाख रुपये है, जबकि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए गिराई जाने वाली सस्ती कॉपी चार लाख रुपये में मिल जाती है. यही वजह है कि ड्रोन वाली पिस्टल की मांग तेजी से बढ़ रही है.

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और यूपी पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि ये पिस्टल पाकिस्तान के दार्रा आदम खेल इलाके में अवैध रूप से बनाई जाती हैं, जहां हजारों दुकानें वैश्विक हथियारों की नकल करती हैं. ये कॉपियां मूल जिगाना जितनी ही सटीक होती हैं, लेकिन सस्ती पड़ती हैं.

तस्करी का नेटवर्क बेहद जटिल है. पहले पाकिस्तान से जिगाना पिस्टल की खेप नेपाल भेजी जाती थी. वहां पार्ट्स को अलग किया जाता और कारों में खास कम्पार्टमेंट बनाकर भारत लाया जाता. भारत पहुंचने पर पार्ट्स को असेंबल कर गैंगस्टर्स को सप्लाई किया जाता. लेकिन अब तस्करों ने नया तरीका अपना लिया है. वो है ड्रोन. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब बॉर्डर पर पिस्टल गिराई जाती हैं, फिर वहां से देशभर में पहुंचाया जाता है. पंजाब पुलिस ने हाल ही में ऐसे एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, जिसमें पाकिस्तान लिंक्ड दो तस्कर गिरफ्तार हुए.

मध्य प्रदेश से भी गैंगस्टर्स को जिगाना पिस्टल मिल रही है, जो नेपाल रूट से आती हैं. हाल के दिनों में सलीम पिस्टल नामक हथियार तस्कर की गिरफ्तारी ने इस नेटवर्क को झकझोर दिया. सलीम लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा जैसे गैंगस्टर्स को सप्लाई करता था. उसने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान के आईएसआई और दाऊद इब्राहिम के डी-कंपनी से जुड़ा था. उसने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में इस्तेमाल जिगाना भी मुहैया कराई थी.

जिगाना पिस्टल गैंगस्टर्स की पहली पसंद क्यों है?

जिगाना पिस्टल गैंगस्टर्स की पहली पसंद क्यों है? इसके कई कारण हैं. यह 9 एमएम कैलिबर की है और एक बार में 15 गोलियां फायर कर सकती है. इसका वजन मात्र 720-920 ग्राम है, जो इसे हल्का और आसान बनाता है. लॉक स्लाइड शॉर्ट रिकॉयल ऑपरेटिंग सिस्टम से लैस यह पिस्टल जल्दी गर्म नहीं होती और फायरिंग बेहद स्मूथ रहती है. देसी पिस्तौल 5 राउंड के बाद जाम हो जाती हैं, लेकिन बिना किसी रुकावट के जिगाना पूरी मैगजीन खाली कर सकती है. इसमें 11 वेरिएंट हैं, जैसे जिगाना F, K और P. ये अलग-अलग जरूरतों के लिए डिजाइन किए गए हैं. पंजाब में कई गैंगवार और हत्याकांडों में इसका इस्तेमाल हुआ है.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सलमान खान पर हमले की योजना में भी जिगाना का सहारा लिया था. गैंगस्टर्स अन्य हथियार भी इस्तेमाल करते हैं, जैसे ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्तौल, रूस की एएन-94 राइफल और जर्मनी की पी-30 हैंडगन, लेकिन जिगाना का क्रेज सबसे ज्यादा है. इसका कारण इसकी विश्वसनीयता और दिखावा है. गैंगस्टर्स इसे स्टेटस सिंबल मानते हैं. हाल के मामलों में- जैसे बाबा सिद्दीकी हत्या और दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग में भी जिगाना सामने आई.

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First Published :

September 18, 2025, 10:20 IST

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