गुपचुप तरीके से बंगाल की खाड़ी में धमाका, मीलों तक उठा बवंडर, देखते रह गया चीन

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Last Updated:December 24, 2025, 13:21 IST

India Test SLBM K 4 In Way Of Bengal: भारत ने बंगाल की खाड़ी में बड़ा धमाका किया है. भारत ने स्वदेसी पनडुब्बी आईएनएस अरिघात से के-4 SLBM का सफल परीक्षण किया है. इससे भारत की न्यूक्लियर ट्रायड और सेकंड-स्ट्राइक क्षमता मजबूत हुई. DRDO ने इस मिसाइल को विकसित किया है.

गुपचुप तरीके से बंगाल की खाड़ी में धमाका, मीलों तक उठा बवंडर, देखते रह गया चीनपिछले साल भी भारत ने के-4 मिसाइल का परीक्षण किया था.

India Test SLBM K 4 In Way Of Bengal: भारत अपनी सैन्य क्षमता को बेहद तेजी से मॉडर्न बनाने में जुटा है. सभी को पता है कि हम चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन से घिरे हैं. ऐसे में किसी भी तरह के चांस लेने का मतलब है कि हम अपनी सुरक्षा से समझौता कर रहे हैं. यह बात हमारे हुक्मरानों को भी पता है. इसी कारण भारत ने बिना किसी शोर-शराबे एक बड़ा धमाका किया है, जिसकी शोर बहुत दूर तक सुनाई दी है. दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने बंगाल की खाड़ी में समुद्र से लॉन्च होने वाली बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इस टेस्ट से स्पष्ट हो गया है कि भारत अब धरती, आसमान और समंदर तीनों जगहों से दुश्मन के ठिकानों पर परमाणु हमला करने की क्षमता से पूरी तरह लैस हो चुका है. इस टेस्ट से पहले ही भारत ने विशाखापट्टनम तट से पहले ही जारी नोटम से मेल खाता है. इस नोटम का रेंज 3240 किमी है.

हालांकि इस टेस्ट के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई ऑफिशिलय कंफर्मेशन नहीं आया है. नहीं इसकी रेंज और वैरिएंट के बारे में कोई जानकारी दी गई है. लेकिन, डिफेंस एक्सपर्ट बताते हैं यह के-4 एसएलबीएम मिसाइल हो सकती है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इसे परमाणु शक्ति से लैस पनडुब्बी (सबमरीन) आईएनएस अरिघात से फायर किया गया हो. आईएनएस अरिघात देश में ही निर्मित है. कुछ रिपोर्ट में इसके के-5 के अगली पीढ़ी के परीक्षण की बात कही जा रही है. इन रिपोर्ट में के-4 को ही प्रमुख बताया जा रहा है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि यह परीक्षण 23 तारीख की सुबह में हुआ था.

बीते कुछ सालों में भारत ने अपनी एसएलबीएम टेस्टिंग प्रोग्राम को धार दी है. पिछले साल ही भारत ने बंगाल की खाड़ी में ही परमाणु शक्ति संपन्न के-4 का सफल परीक्षण किया था. इस परीक्षण के साथ ही भारत ने सेकेंड स्ट्राइक की ताकत हासिल कर ली थी. इससे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में उसकी खास और ताकत और मजबूत हुई थी.

क्या है के-4 मिसाइल

के-4 का पूरा नाम कलाम-4 है. यह भारत की स्वदेशी सबमरीन-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है. यह परमाणु-सक्षम मिसाइल अरिहंत-क्लास पनडुब्बियों जैसे INS अरिहंत और INS अरिघाट से लॉन्च होती है. इसकी मारक क्षमता लगभग 3,500 किलोमीटर है, जो इसे पाकिस्तान और चीन के प्रमुख लक्ष्यों तक पहुंचने में सक्षम बनाती है. मिसाइल की लंबाई 12 मीटर, व्यास 1.3 मीटर और वजन करीब 17 टन है. यह 2 टन तक वारहेड ले जा सकती है और ठोस ईंधन से संचालित दो-स्टेज वाली मिसाइल है. पिछले वर्षों में के-4 के कई सफल परीक्षण हुए हैं. 2020 में अंतिम डेवलपमेंट परीक्षण सफल हुआ था. फिर नवंबर 2024 में INS अरिघाट से पहली बार पनडुब्बी से सफल लॉन्च हुआ. एक बार फिर मंगलवार यानी 23 दिसंबर को बंगाल की खाड़ी में गोपनीय परीक्षण किया गया. यह परीक्षण भारत की न्यूक्लियर ट्रायड (जमीन, हवा, समुद्र से हमला) को मजबूत करता है और सेकंड-स्ट्राइक क्षमता बढ़ाता है.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

First Published :

December 24, 2025, 13:12 IST

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