Last Updated:July 26, 2025, 15:43 IST
Bihar Chunav: बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद सिंघवी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हालात नहीं सुधरे तो चुनाव बहिष्कार भी संभव है. इसके साथ ही उन्होंने 2 करोड़ नाम कटने का दावा किया...और पढ़ें

हाइलाइट्स
सिंघवी बोले- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी खुद से गद्दारी जैसी होगी.SIR के तहत 2 करोड़ नाम हटाने का कांग्रेस का दावा.चुनाव आयोग की चुप्पी से विपक्ष और आक्रामक.नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासत में एक नया विस्फोट हो गया है. कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नामों की बड़े पैमाने पर कटौती को लेकर चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं बदले तो चुनाव में हिस्सा लेना “खुद से गद्दारी” जैसा होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटना चाहता, लेकिन अगर मतदाताओं को ही साफ कर दिया गया तो चुनाव बहिष्कार भी खुला विकल्प है. सिंघवी का दावा है कि SIR प्रक्रिया के तहत 2 से ढाई करोड़ वोटर गायब कर दिए गए हैं, जबकि निर्वाचन आयोग सिर्फ 61 लाख नामों की कटौती की बात कर रहा है.
यह बयान तब आया जब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव का बहिष्कार करने की भावनात्मक बात कही थी. सिंघवी ने इस पर कहा, “तेजस्वी यादव के शब्द नहीं, उनकी भावना देखिए… वो पीड़ा से भरी हुई है.” उन्होंने इशारा किया कि अगर हालात नहीं सुधरे तो चुनाव बहिष्कार भी एक विकल्प हो सकता है.
सिंघवी ने क्या कहा?
न्यूज़18 इंडिया से बात करते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “हमने 8 करोड़ की मतदाता संख्या को आधार बनाया. 2003 में ये संख्या 5 करोड़ से थोड़ी कम थी. हमने न्यूनतम अनुमान के हिसाब से बाढ़ग्रस्त इलाकों, जन्म प्रमाणपत्र के ट्रेंड्स आदि का विश्लेषण किया. ये कोई हवा-हवाई बात नहीं है, बल्कि डेटा आधारित आकलन है.”
सिंघवी ने यह भी साफ किया कि कांग्रेस चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेगी, लेकिन उन्होंने ये जरूर जोड़ा कि “अगर हालात नहीं सुधरे तो चुनाव न लड़ने का विकल्प किसी के लिए बंद नहीं है.” उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि “अगर ऐसा होता है तो यह लोकतंत्र के लिए एक थप्पड़ जैसा होगा और आयोग की साख मिट्टी में मिल जाएगी.”
चुनाव आयोग की चुप्पी या सफाई?
फिलहाल आयोग ने विपक्ष के इन आरोपों पर विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि करीब 65 लाख नाम हटाए जा सकते हैं, जिनमें से अधिकतर या तो मृत हैं या दोहराए गए हैं या तो प्रवास कर चुके हैं.
अब आगे क्या?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा चुनाव में बड़ा मोड़ ला सकता है. एक तरफ वोटरों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष चुनाव के पूरे सिस्टम पर उंगली उठा रहा है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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