खत्‍म हुआ इंडिगो के खेल? कहां तक पहुंची DGCA के एक्‍शन की बात, जानें हर जवाब

1 hour ago

What now in IndiGo cancellation crisis: फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (एफडीटीएल) को लेकर शुरू हुआ इंडिगो का कैंसलेशन क्राइसिस अभी भी जारी है. 2 दिसंबर 2025 से शुरू हुए इस क्राइसिस को लेकर भले ही एयरलाइन का दावा हो कि फ्लाइट ऑपरेशन अब पटरी पर लौट चुके हैं, पर एयरपोर्ट्स पर आखिरी समय पर फ्लाइट कैंसलेशन अभी भी जारी है. वहीं, पैसेंजर्स को इस क्राइसिस से बाहर निकलाने के लिए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की तरफ से कवायद जारी है. 11 दिसंबर को डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को एक बार फिर तलब किया था. मीटिंग में पीटर एल्‍बर्स से कैंसलेशन की वजह, रिफंड और रिकवरी को लेकर तीखे सवाल हुए हैं.

इस सब के बीच आम लोगों के मन में अभी यह सवाल बना हुआ है कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन में यह क्राइसिस क्‍यों आया. ज्‍यादातर लोगों के बीच नई धारणा यही बनी है कि इंडिगो ने अपने इस खेल की शुरूआत नवंबर में एफडीटीएल के नए नियम लागू होते कर दी थी. नवंबर की समयावधि में इंडिगो की करीब 1232 फ्लाइट्स कैंसल भी हुई. लेकिन, इंडिगो जहां दिन में 2200 फ्लाइट ऑपरेट करता हो, वहां महीने की 1232 फ्लाइट्स कैंसलेशन पर किसी का ध्‍यान नहीं गया. असल ध्‍यान 2 दिसंबर को आया, जब इंडिगो की एक दिन में 150 से ज्‍यादा फ्लाइट कैंसल हो गई. 5 दिसंबर तक तो हाहाकार ही मच गया. 5 दिसंबर को एयरलाइन ने अपनी 1600 फ्लाइट कैंसल कर दीं;

माना जा रहा है कि 2 दिसंबर से अब तक इंडिगो की 5000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हो चुकी है, जिसका खामियाजा लाखों पैसेंजर्स को भुगतना पड़ा है. जांच शुरू हुई तो सामने आया कि नए एफडीटीएल नियमों के तहत पायलटों के आराम के समय में जो बदलाव हुआ था, उसको लेक इंडिगो ने कोई तैयारी नहीं की थी. अबतक के सवाल जवाब में यह भी पता चला है कि एफडीटीएल के नए रूल्‍स लागू होने के बाद इंडिगो को 2422 कमांड कप्तानों की जरूरत थी, लेकिन सिर्फ 2357 उपलब्ध थे. इससे नेटवर्क में चेन रिएक्शन हुआ और फ्लाइट्स लगातार कैंसल होती चली गईं.

11 दिसंबर की मीटिंग में डीजीसीए में क्‍या हुआ?
डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्‍बर्स को 11 दिसंबर को एक बार फिर तलब किया था. ृ पीटर एल्बर्स ने डीजीसीए को कैंसलेशन का डिटेल डेटा सौंपा और मौजूदा हालात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कंपनी रोजाना 1950 से ज्यादा फ्लाइट्स चला रही है और स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है. सीईओ ने फ्लाइट बहाली, नई भर्ती योजना, रिफंड प्रक्रिया और पैसेंजर्स को जानकारी देने जैसे मुद्दे पर एयरलाइन के पक्ष डीजीसीए के सामने रखा. आपको बता दें कि डीजीसीए ने इंडिगो के हेडक्‍वाटर से ऑपरेशंस की निगरानी शुरू कर दी. डीजीसीए ने 11 एयरपोर्ट्स पर निरीक्षण के आदेश दिए है. साथ ही, एक चार सदस्यीय समिति बनाई गई, जो एकबार फिर सीईओ से सवाल-जवाब करेगी. सरकार ने विंटर शेड्यूल में 10 प्रतिशत कटौती का आदेश पहले ही दे चुकी है.

10 प्‍वाइंट्स में समझे 2 दिसंबर से अब तक क्‍या हुआ?

पहली नवंबर 2025 से डीजीसीए ने पायलटों की थकान कम करने के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (एफडीटीएल) के नए लागू किए थे. इंडिगो ने इनकी तैयारी नहीं की, जबकि एयर इंडिया और अन्य कंपनियों ने पहले से पायलट भर्ती कर ली थी. नतीजा यह हुआ कि नवंबर में ही इंडिगो की 1232 फ्लाइट्स कैंसल हुईं, जिसके लिए 755 क्रू की कमी बताई गई. 2 दिसंबर से शुरू हुए असल क्राइसिस के बाद अचानक 150+ फ्लाइट्स कैंसल कर दी गईं. पैसेंजर्स को एयरपोर्ट पहुंचने के बाद पता चला कि उनकी फ्लाइट कैंसल है. सबसे ज्‍यादा असर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद एयरपोर्ट पर दिखाई दिया. हजारों की संख्‍या में पैसेंजर्स एयरपोर्ट पर फंस गए. किसी शादी छूटी तो किसी की मीटिंग. फ्लाइट स्‍टेटस की जानकारी न मिलने की वजह से एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई. इंडिगो कैंसलेशन क्राइसिस में 5 दिसंबर सबसे काला दिन रहा. 5 दिसंबर को 1600 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हुईं. दिल्ली सहित कई एयरपोर्ट से मिडनाइट तक एक भी इंडिगो फ्लाइट नहीं उड़ी. पैसेंजर्स 12-15 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे. इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरकर 8.5 प्रतिश तक पहुच गया. उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए की सख्‍ती के बाद सीईओ पीटर एल्बर्स ने वीडियो में माफी मांगी और कहा कि 15 दिसंबर तक सब ठीक हो जाएगा. इंडिगो के इस क्राइसिस की वजह से लाखों पैसेंजर प्रभावित हुए. आंकड़ों के अनुसार, 1 से 11 दिसंबर तक करीब 5.8 लाख टिकट कैंसल हुए और इंडिगो को करीब 610 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिफंड जारी करना पड़ा. लेकिन, कई पैसेंजर्स का कहना है कि उन्‍हें अभी तक रिफंड नहीं मिला है. जिन पैसेंजर्स को रिफंड मिला, उनका आरोप है कि रिफंड में कैंसलेशन चार्ज भी काटा गया, जिससे डीजीसीए नियमों का उल्लंघन हुआ. ऑपरेशन बहाल करने के लिए डीजीसीए ने 5 दिसंबर को पहले कुछ छूट दीं, फिर 6 दिसंबर को सीईओ और सीओओ को शो-कॉज नोटिस जारी कर दिया. शो-कॉज नोटिस मिलने के बाद इंडिगो के सीईओ अब तक तीन बार डीजीसीए में पेश हो चुके हैं. 11 दिसंबर को सीईओ को फिर बुलाया गया. चार सदस्यीय कमिटी बनाई गई जो रोज रिपोर्ट देगी. वहीं उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में कहा कि ऐसी सख्त कार्रवाई होगी कि अन्य एयरलाइंस के लिए सबक बनेगा. एयरपोर्ट पर फंसे मदद के लिए भारतीय रेलवे आगे आया. इंडिगो क्राइसिस से जूझ रहे पैसेंजर्स की मदद के लिए रेलवे ने 37 प्रीमियम ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़े और 89 स्पेशल ट्रेनें चलाईं. इस बीच, मौके का फायदा उठाने के लिए लगभग सभी एयरलाइंस ने अपने किरायों में कई गुना तक की बढ़ोत्‍तरी कर दी. आलम यह हो गया कि पटना से सस्‍ती लंदन की टिकट हो गई. सरकार की सख्‍ती के बाद एयरफेयर पर कैप लागू किया गया. इंडिगो के तमाम दावों के बीच 11 दिसंबर को भी क्राइसिस जारी रहा. 11 दिसंबर को भी कई फ्लाइट्स कैंसल हुईं. कई पैसेंजर्स का आरोप था कि एयरलाइन अभी भी सही समय पर फ्लाइट कैंसलेशन की जानकारी नहीं दे रही है. एयरपोर्ट पर बोर्डिंग से ठीक पहले फ्लाइट कैंसल की जा रही हैं. इसी बीच, इंडिगो चेयरमैन विक्रम मेहता ने वीडियो में माफी मांग कर सफाई दी. इसके ठीक बाद, डीजीसीए ने 11 बड़े एयरपोर्ट पर इंस्पेक्शन के आदेश दे दिए. इंडिगो ने 3-5 दिसंबर की सबसे खराब प्रभावित फ्लाइट्स के पैसेंजर्स को ट्रैवल वाउचर देने का ऐलान किया, लेकिन ज्यादातर पैसेंजर्स ने इसे बहुत कम बताया. मुआवजा 5,000-20,000 रुपये तक बनता था, होटल-खाना भी इंडगो की जिम्‍मेदारी थी. पैसेंजर्स का आरोप है कि क्राइसिस के दौर के बीच इंडिगो अपनी जिम्‍मेदारियों से भागता रहा. इंडिगो की इस क्राइसिस का असर शेयर मार्केट में भी दिखा. इंडिगो के पास घरेलू मार्केट की 65% हिस्सेदारी है. एविएशन एक्‍सपर्ट्स ने कहा कि एक एयरलाइन का इतना दबदबा पैसेंजर्स को बंधक बना देता है. इसी बीच प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा इस मामले की जांच शुरू करने की बात सामने आई. आयोग इस बात की जांच कर सकता है कि क्या इंडिगो ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया? यह क्राइसिस इंडिगो की प्लानिंग की भयानक नाकामी के तौर पर देखा जा रहा है. एफडीटीएल के नए नियमों के बारे में सभी एयरलाइंस को अच्‍छी तरह से पता था. फिर भी पायलट भर्ती नहीं की गई. डीजीसीए की तरह से मॉनिटरिंग में चूक की बात कही जा रही है. अब इंडिगो को 10% फ्लाइट्स कम करनी पड़ सकती हैं.

हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हमारे कस्टमर्स की देखभाल है. ऑपरेशनल डिसरप्शन के बाद कैंसल हुई फ्लाइट्स के सभी जरूरी रिफंड शुरू कर दिए गए हैं. ज्यादातर रिफंड आपके अकाउंट में पहुंच चुके हैं, बाकी भी जल्द आ जाएंगे. अगर टिकट किसी ट्रैवल पार्टनर के जरिए बुक हुआ था, तो उसका रिफंड प्रोसेस भी शुरू हो चुका है. कुछ पैसेंजर्स के डिटेल्स हमारे सिस्टम में मौजूद नहीं हैं, इसलिए हम उनसे रिक्वेस्ट करते हैं कि वे हमें customer.experience@goindigo.in या customer.experience@goindigo.in पर लिखें, ताकि उनको तुरंत मदद दी जा सके. हम मानते हैं कि 3, 4 और 5 दिसंबर 2025 को कई पैसेंजर्स को एयरपोर्ट्स पर घंटों तक फंसे रहना पड़ा और भीड़ के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ऐसे गंभीर रूप से प्रभावित पैसेंजर्स को हम 10,000 रुपये तक के ट्रैवल वाउचर देंगे, जिन्हें अगले 12 महीनों में किसी भी इंडिगो फ्लाइट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा, सरकारी नियमों के तहत, जिन पैसेंजर्स की फ्लाइट डिपार्चर से 24 घंटे के अंदर कैंसल हुई, उन्हें ब्लॉक टाइम के आधार पर 5,000 से 10,000 रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. – प्रवक्‍ता, इंडिगो

आपके दिमाग में घूमते सवालों के यहां हैं जवाब

मेरा पूरा रिफंड कब तक मिलेगा? कैंसलेशन चार्ज क्यों काटा जा रहा है?
डीजीसीए के नियम के मुताबिक एयरलाइन की गलती से फ्लाइट कैंसल होने पर पूरा रिफंड 3 से 5 कार्य दिवसों में और बिना किसी कैंसलेशन चार्ज के मिलना चाहिए. अभी तक इंडिगो ने 610 करोड़ से ज्यादा रिफंड जारी किए हैं, लेकिन बहुत से पैसेंजर शिकायत कर रहे हैं कि कई दिन बीतने के बावजूद पैसा नहीं आया है. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आप consumerhelpline.gov.in या dgca.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

मुझे मुआवजा मिलेगा या नहीं? होटल-खाने का खर्च कौन देगा?
डीजीसीए नियम CAR Section-3, Series M, Part IV के अनुसार अगर फ्लाइट 2 घंटे पहले बताए बिना कैंसल हुई और आप चेक-इन कर चुके थे, तो 5,000 से 20,000 रुपये तक मुआवजा + होटल-खाना-ट्रांसपोर्ट का पूरा खर्च एयरलाइन को देना होता है. इंडिगो अभी तक ज्यादातर पैसेंजर्स को सिर्फ रिफंड और ट्रैवल वाउचर दे रही है. मुआवजा नहीं दे रही. अगर आप 2-11 दिसंबर की फ्लाइट में फंसे थे तो बोर्डिंग पास और टिकट की कॉपी के साथ डीजीसीए पोर्टल पर क्लेम कर सकते हैं.

अब अगर दोबारा इंडिगो बुक करूं तो फिर फंस जाऊंगा क्या? क्या भरोसा है?
इंडिगो ने 12 दिसंबर से अपना शेड्यूल 10-12% कम कर दिया है और 300 से ज्यादा अतिरिक्त पायलट-क्रू की भर्ती शुरू कर दी है. डीजीसीए की चार सदस्यीय कमिटी रोज मॉनिटरिंग कर रही है. अभी 84 फीसदी के आसपास फ्लाइट्स ऑन-टाइम चल रही हैं. फिर भी जो पैसेंजर डर रहे हैं, वह दूसरी एयरलाइन का भी विकल्‍प देख कसते हैं. सरकार की कैपिंग की वजह से अभी एयरफेयर सामान्य हैं.

मेरा बैगेज गुम हो गया है, अब क्या करूं? कोई जवाब नहीं दे रहा.
इंडिगो ने माना है कि 3-7 दिसंबर के बीच बैगेज डिलीवरी में दिक्‍कत हुई है. ज्‍यादातर बैगेज एयरपोर्ट पर पड़े रह गए. एयरलाइन ने अलग से बैगेज रिकवरी टीम बनाई है. आप इंडिगो की वेबसाइट पर Lost Baggage (https://www.goindigo.in/baggage/delay-lost-baggage.html) सेक्शन में PIR नंबर डालकर ट्रैक कर सकते हैं. 11 दिसंबर तक बहुत से पैसेंजर्स के बैगेज घर पहुंचाए जा चुके हैं. अगर 21 दिन तक नहीं मिला तो लिखित में कंपनसेशन क्लेम कर सकते हैं.

क्या सचमुच इंडिगो पर कोई बड़ी पेनाल्टी लगेगी या फिर बातें बनाकर छोड़ देंगे?
डीजीसीए ने साफ कहा है कि यह मामला सार्वजनिक हित और सुरक्षा से जुड़ा है. चार सदस्यीय कमिटी की रिपोर्ट 20 दिसंबर तक आएगी. उड्डयन मंत्री ने संसद में वादा किया है कि इंडिगो पर पेनाल्टी लगेगी. अगर जरूरी हुआ तो कुछ रूट्स पर इंडिगो की फ्लाइट्स 3-6 महीने तक कम कर दी जाएंगी. CCI भी एकाधिकार के दुरुपयोग की जांच कर रही है. यानी इस बार सिर्फ माफी मांगने से काम नहीं चलेगा, कुछ ठोस कार्रवाई जरूर होगी.

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