क्या विदेशी कोर्ट का तलाक भारत में मान्य होगा? हाईकोर्ट ने कर दिया सब साफ

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Last Updated:December 25, 2025, 07:53 IST

High Court Divorce News: देश की विभिन्‍न अदालतों में सैकड़ों की तादाद में तलाक से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं. ट्रायल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऐसे मामलों पर फैसले भी दिए जाते हैं. ऐसे ही एक मामले में कलकत्‍ता हाईकोर्ट की ओर से बड़ा निर्णय दिया गया है.

क्या विदेशी कोर्ट का तलाक भारत में मान्य होगा? हाईकोर्ट ने कर दिया सब साफHigh Court Divorce News: तलाक के एक मामले में कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

High Court Divorce News: पति या पत्‍नी में से कोई एक यदि विदेश में रहता हो और विदेशी अदालत ने तलाक से जुड़े मामले में फैसला सुनाती है तो क्‍या वह आदेश भारत में भी लागू होगा? कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने इसपर ऐतिहासिक फैसला दिया है. अगर पति या पत्नी में से कोई एक विदेश में रह रहा है, तो वहां की अदालत भारतीय विवाह से जुड़े तलाक और गुजारा भत्ता (मेंटेनेंस) के मामलों की सुनवाई कर सकती है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह अहम टिप्पणी करते हुए एक निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें ब्रिटेन (यूके) की अदालत के फैसले पर रोक लगा दी गई थी.

हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ (जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्य) ने 15 दिसंबर को दिए अपने फैसले में कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत उस जिला अदालत को भी अधिकार क्षेत्र मिल सकता है, जहां दंपती आखिरी बार साथ रहे हों. अदालत ने साफ किया कि कानून की उदार और व्यावहारिक व्याख्या करने पर यदि पत्नी प्राथमिक तौर पर UK में रह रही है और पति-पत्नी के रूप में दोनों आखिरी बार वहीं साथ रहे थे, तो UK की फैमिली कोर्ट को इस मामले की सुनवाई का अधिकार मिल सकता है. हाईकोर्ट ने कहा, ‘यह नहीं कहा जा सकता कि UK में पत्नी द्वारा दायर तलाक के मुकदमे में जो फैसला आएगा, वह भारत में पूरी तरह अमान्य होगा.’

क्या है पूरा मामला?

‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस दंपती की शादी 15 दिसंबर 2018 को कोलकाता में हुई थी. पति ने 4 सितंबर 2024 को अलीपुर की जिला अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की. इसके बाद 10 अक्टूबर 2024 को पत्नी ने UK की अदालत में तलाक की याचिका दायर की और अगले दिन गुजारा भत्ते की मांग भी की. पत्नी का कहना था कि वह साल 2015 से पढ़ाई और काम के सिलसिले में UK में रह रही है और बीच-बीच में भारत आती रही है. दोनों पति-पत्नी के रूप में आखिरी बार UK में ही साथ रहे थे. 16 मई 2025 को UK की फैमिली कोर्ट ने पति को पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया, लेकिन 1 नवंबर को अलीपुर जिला अदालत ने इस आदेश पर रोक लगा दी और कहा कि पत्नी UK में अपनी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा सकती.

ट्रायल ने क्‍या कहा?

अलीपुर अदालत ने यह कहते हुए रोक लगाई थी कि पति ने पहले भारत में तलाक की अर्जी दी थी, इसलिए UK की अदालत को इस मामले में अधिकार नहीं है. अदालत ने यह भी कहा कि पत्नी UK की स्थायी निवासी नहीं है और वहां तय किया गया गुजारा भत्ता पति की आय से ज्यादा है, जो कठोर और दमनकारी है.

हाईकोर्ट का रुख

महिला ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही पत्नी ने UK में याचिका बाद में दाखिल की हो, लेकिन पति ने वहां जवाब दिया और सबूत भी पेश किए. इससे यह साबित होता है कि पति UK की कार्यवाही का सामना करने की स्थिति में है. अदालत ने माना कि प्रथम दृष्टया यह कहना सही नहीं है कि पति UK में तलाक और गुजारा भत्ता के मामले का सामना नहीं कर सकता. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने निचली अदालत का रोक लगाने वाला आदेश रद्द कर दिया. यह फैसला उन मामलों के लिए अहम माना जा रहा है, जहां भारतीय विवाह के बाद पति-पत्नी में से कोई एक विदेश में रह रहा हो और वहां कानूनी कार्यवाही शुरू की गई हो.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

December 25, 2025, 07:53 IST

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क्या विदेशी कोर्ट का तलाक भारत में मान्य होगा? हाईकोर्ट ने कर दिया सब साफ

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