क्या बंद हो जाएंगे हाईवे वाले ढाबे? सख्त हुआ SC, पढ़ें जज साहब ने क्या कहा

2 hours ago

Last Updated:December 15, 2025, 19:40 IST

Supreme Court News: फलोदी हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईवे सुरक्षा पर सख्त रुख अपनाया है. अवैध ढाबों को सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजह मानते हुए कोर्ट पैन-इंडिया गाइडलाइंस पर विचार कर रहा है. इससे हाईवे किनारे चलने वाले ढाबों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं.

क्या बंद हो जाएंगे हाईवे वाले ढाबे? सख्त हुआ SC, पढ़ें जज साहब ने क्या कहासुप्रीम कोर्ट ने फलोदी हादसे के बाद हाईवे सुरक्षा पर बड़ा संकेत दिया. (फाइल फोटो Reuters)

Supreme Court News: राजस्थान के फलोदी में हुए भीषण सड़क हादसे ने एक बार फिर देश की हाईवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 15 लोगों की जान लेने वाले इस हादसे के बाद अब मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. शीर्ष अदालत ने न सिर्फ इस दुर्घटना का संज्ञान लिया है, बल्कि यह भी संकेत दिए हैं कि देशभर में सड़क हादसों को रोकने के लिए एक समान गाइडलाइंस बनाई जा सकती हैं.

इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे बने अवैध ढाबों और छोटे भोजनालयों को लेकर. कोर्ट की सख्ती के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या अब हाईवे किनारे चलने वाले ढाबों पर ताला लग सकता है, या फिर उनके संचालन के लिए नए सख्त नियम लागू होंगे.

क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा राजस्थान के फलोदी हादसे के संदर्भ में उठा, जहां एक टेंपो ट्रैवलर खड़े ट्रेलर से टकरा गया. इस दुर्घटना में 10 महिलाएं और 4 बच्चे समेत कुल 15 लोगों की मौत हो गई थी. हादसा भारतमाला हाईवे पर हुआ. जहां सड़क किनारे अवैध अतिक्रमण और अनियंत्रित रुकावटें पहले से सवालों के घेरे में थीं. कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लेते हुए इसे केवल एक राज्य तक सीमित न मानकर पूरे देश की समस्या करार दिया.

हाईवे के ढाबे क्यों बने कोर्ट की चिंता?

सुनवाई के दौरान जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के दोनों ओर अवैध ढाबों और छोटे भोजनालयों का निर्माण सड़क हादसों की बड़ी वजह बन रहा है.

अदालत के अनुसार ये ढाबे:

अचानक रुकने वाले वाहनों को बढ़ावा देते हैं. हाईवे पर अनधिकृत कट और एंट्री पॉइंट बनाते हैं. रात में खड़े ट्रकों और वाहनों से टक्कर का खतरा बढ़ाते हैं.
जस्टिस महेश्वरी ने साफ किया कि अदालत का उद्देश्य किसी एक एजेंसी को दोषी ठहराना नहीं है. (फाइल फोटो Reuters)

NHAI बनाम प्रशासन: जिम्मेदारी किसकी?

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि NHAI के पास अवैध ढाबों को हटाने का अधिकार तो है. लेकिन व्यवहारिक रूप से यह जिम्मेदारी स्थानीय जिला प्रशासन को सौंप दी गई है. उनका तर्क था कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन जिला मजिस्ट्रेट के अधीन होते हैं. NHAI का उन पर सीधा नियंत्रण नहीं होता. इसी वजह से कार्रवाई में ढील देखने को मिलती है. यहीं से कोर्ट ने सीधा सवाल दागा आखिर कानून के तहत अंतिम जिम्मेदारी किसकी है?

सुप्रीम कोर्ट क्या करना चाहता है?

जस्टिस महेश्वरी ने साफ किया कि अदालत का उद्देश्य किसी एक एजेंसी को दोषी ठहराना नहीं है. कोर्ट का उद्देश्य कानूनी खामियों को भरते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार करना है, ताकि भविष्य में फलोदी जैसे हादसे न दोहराए जाएं.

कोर्ट ने कहा कि वह:

मौजूदा नियमों की समीक्षा करना चाहती है. उनके सही तरीके से क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना चाहती है. पूरे देश के लिए पैन-इंडिया गाइडलाइंस पर विचार कर रही है.

अब तक क्या-क्या सामने आया?

अवैध ढाबों को लेकर गूगल इमेज सबूत के तौर पर पेश. NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय से रिपोर्ट तलब. हाईवे की स्थिति और मेंटेनेंस पर सवाल. पहले दिए गए निर्देशों के पालन न होने की बात सामने आई.

पहले भी मिल चुके हैं निर्देश, फिर अमल क्यों नहीं?

कोर्ट में हस्तक्षेप करने वाले वकील प्राणव सचदेवा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी हाईवे से अतिक्रमण हटाने को लेकर SOP बनाने का निर्देश दे चुका है. लेकिन कई राज्यों में इसका पालन नहीं हुआ. गोवा जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा गया कि हाईवे गांवों और मेडिकल कॉलेजों के बीच से गुजरते हैं. इससे दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है.

क्या सच में बंद हो जाएंगे ढाबे?

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने ढाबे बंद करने का सीधा आदेश नहीं दिया है. लेकिन संकेत साफ हैं-

अवैध ढाबों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है. हाईवे पर रुकने के लिए सिर्फ निर्धारित सर्विस रोड और फूड प्लाजा को प्राथमिकता मिल सकती है. नियमों के दायरे में चलने वाले ढाबों को ही राहत मिल सकती है.

About the Author

Sumit Kumar

सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें

First Published :

December 15, 2025, 19:40 IST

homenation

क्या बंद हो जाएंगे हाईवे वाले ढाबे? सख्त हुआ SC, पढ़ें जज साहब ने क्या कहा

Read Full Article at Source