क्या आप भी स्‍टेशन के बाहर से जनरल टिकट लेते हैं? महंगा पड़ा सकता है यह, जानें

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Last Updated:December 15, 2025, 19:09 IST

AI make General Ticket: लोग जनरल टिकट के लिए स्‍टेशनों की विंडो में लगने वाली लाइन से बचने के लिए बाहर से टिकट खरीद लेते हैं. यहां आसानी से टिकट मिल जाता है, लेकिन कई बार यह परेशानी का कारण भी बन सकता है. जनरल टिकट जैसा दिखने वाला यह एआई से बना हो सकता है.

क्या आप भी स्‍टेशन के बाहर से जनरल टिकट लेते हैं? महंगा पड़ा सकता है यह, जानेंएआई के एप से हूबहू जनरल टिकट बनाया था.

नई दिल्‍ली. लोग जनरल टिकट के लिए स्‍टेशनों की विंडो में लगने वाली लाइन से बचने के लिए बाहर से टिकट खरीद लेते हैं. यहां आसानी से टिकट मिल जाता है, लेकिन कई बार यह परेशानी का कारण भी बन सकता है. जनरल टिकट जैसा दिखने वाला यह एआई से बना हो सकता है. इस वजह से बीच सफर में आप पकड़े जा सकते है. टीटीई ने इस तरह के इसी तरह के टिकट पर यात्रा करने वाले को पकड़कर कार्रवाई की है. एआई टिकट से बचने का तरीका जानें.

रेल मंत्रालय के एडीजी पीआईबी धर्मेन्‍द्र तिवारी के अनुसार जयपुर रेलवे स्टेशन पर टिकट चेकिंग स्टाफ की सतर्कता से फर्जी यूटीएस टिकट से यात्रा करने एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. ट्रेन संख्या 12250, से जैसलमेर से जयपुर की यात्रा कर रहे सात यात्रियों के एक ग्रुप को जांच के दौरान पकड़ा गया. उन्‍होंने बताया कि यात्री कोाशिश करें कि विंडो से या स्‍वयं एप से जनरल टिकट लें, अगर बाहर से ले रहे हैं तो रेलवे के अधिकृत एजेंट से ही टिकट लें.

जांच के दौरान टिकट चेकिंग स्टाफ़ हेमराज गुर्जर और दीपक कुमार ने यात्रियों से टिकट मांगा तो उन्‍होंने मोबाइल फोन पर यूटीएस टिकट दिखाया और बताया कि मूल टिकट उनके पास नहीं है, एक अन्य साथी के पास है, जो स्टेशन से पहले ही उतरकर चला गया है.

मोबाइल पर दिखाए गए टिकट में सात वयस्क यात्रियों का विवरण दर्ज था, जिससे स्टाफ को प्रथम दृष्टया संदेह हुआ, क्योंकि अनारक्षित टिकट केवल चार यात्रियों के लिए जारी होता है. इसके बाद कड़ाई से पूछताछ करने पर यात्रियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने एआई टूल की मदद से टिकट में यात्रियों की संख्या और राशि में हेरफेर की है. मामले की पुष्टि के लिए जैसलमेर स्टेशन के स्टाफ से टिकट विवरण का मिलान किया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि यूटीएस टिकट वास्तव में केवल एक यात्री के लिए जारी किया गया था, जिसकी कीमत 215 रुपये थी. पकड़े गए यात्रियों ने इस टिकट की फ़ोटो लेकर डिजिटल रूप से बदलकर सात यात्रियों का टिकट दर्शाया और राशि 1505 रुपए दिखा दी.

यह स्पष्ट रूप से रेलवे के साथ धोखाधड़ी का प्रयास था. रेलवे नियमों के अनुसार सभी सात यात्रियों पर से 2790 रुपए का जुर्माना लगाया गया तथा क़ानूनी कार्रवाई की गयी. रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को चेतावनी दी है कि एआई या किसी भी डिजिटल माध्यम से टिकट में छेड़छाड़ करना दंडनीय अपराध है, और ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

December 15, 2025, 19:09 IST

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