क्‍या है सरकार का दलहन मिशन? 416 जिलों के किसानों को मिलेगा तगड़ा लाभ

9 hours ago

Last Updated:October 01, 2025, 18:03 IST

Cabinet Decision : केंद्रीय कैबिनेट ने दलहन उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन शुरू किया है. इसमें कहा गया है कि देश की जरूरत पूरी करने और आयात पर निर्भरता खत्‍म करने के लिए 416 जिलों में इस मिशन को लागू किया जाएगा.

क्‍या है सरकार का दलहन मिशन? 416 जिलों के किसानों को मिलेगा तगड़ा लाभदाल का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने दलहन मिशन शुरू किया है.

नई दिल्‍ली. पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 11,440 करोड़ रुपये के खर्च वाली छह वर्षीय केंद्रीय योजना को मंजूरी दी. ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ नाम से शुरू की गई इस योजना की अवधि 2025-26 से 2030-31 तक होगी. यह मिशन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2025-26 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है. इसका लक्ष्‍य देश की जरूरतों को पूरा करना और आयात पर हमारी निर्भरता को घटाना है.

दलहन मिशन विशेष रूप से अरहर, उड़द और मसूर के उत्पादन को बढ़ाने पर केंद्रित होगा, जिसमें सरकारी एजेंसियों, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के जरिये पंजीकृत किसानों से सरकारी खरीद की जाएगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि हम 6 साल के लिए दलहन पर एक मिशन शुरू करने जा रहे हैं. इसके तहत कई पहल की जाएंगी. इस मिशन के तहत सरकार ने 2023-24 में 242 लाख टन दलहन उत्पादन को 2030-32 तक बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है.

रकबा और उपज दोनों बढ़ेंगे
इस मिशन के तहत दलहन की खेती का रकबा 242 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा, जबकि उपज को 881 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य है. यह पहल ऐसे समय में की जा रही है, जब दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक और उपभोक्ता देश भारत इस फसल के बढ़ते आयात से जूझ रहा है. बढ़ती आय और जीवन स्तर में सुधार के कारण घरेलू मांग भी तेजी से बढ़ रही है, जबकि उत्पादन उस गति से नहीं बढ़ रहा. इस कारण हाल के वर्षों में दलहन के आयात में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

416 जिलों को होगा फायदा
इस मिशन को देश के 416 विशेष जिलों में संकुल के आधार पर लागू किया जाएगा. इसके तहत लगभग 1,000 नई पैकेजिंग और प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी. इनमें प्रसंस्करण और पैकेजिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये की सब्सिडी उपलब्ध होगी. उत्पादकता में सुधार के लिए, दालों की ऐसी नई किस्मों के विकास और प्रसार पर जोर दिया जाएगा, जो अधिक उत्पादकता वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-प्रतिरोधी हों. सरकार 2030-31 तक दलहन उत्पादक किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित करेगी, जो 370 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगा.

सरकार खरीदेगी पूरी फसल
राज्य बीज उत्पादन योजनाएं तैयार करेंगे, जिसमें प्रजनक बीज उत्पादन की निगरानी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) करेगी. इस मिशन की एक प्रमुख विशेषता प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत अरहर, उड़द और मसूर की सुनिश्चित खरीद है. नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार वर्षों तक भागीदार राज्यों में उन किसानों से 100 प्रतिशत खरीद करेंगे, जो इन एजेंसियों के साथ पंजीकरण कराएंगे. यह मिशन मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और किसानों के विश्वास की रक्षा के लिए वैश्विक दलहन कीमतों की निगरानी हेतु एक तंत्र भी स्थापित करेगा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 01, 2025, 18:03 IST

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