'कैफे नहीं, आत्मा पर चोट...', बांग्लादेश की ऐतिहासिक कैंटीन में तोड़फोड़, कट्टरपंथी ने लगाए नारे

3 hours ago

Bangladesh Viral Video: इन दिनों बांग्लादेश राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा है. छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने देश में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. कई शहरों में माहौल हिंसात्मक हो गया है, हिंदूओं पर अत्याचार की भी चर्चाएं हैं, हिंदू युवक को गुस्साई भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, राजनीतिक अस्थिरता के बीच एक हैरान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, ढाका में एक कट्टरपंथी ने इस्लामी नारे लगाए और काजी नजरुल इस्लाम को कोट करते हुए ऐतिहासिक मधुर कैंटीन में तोड़फोड़ की. जिसके बाद लोग बांग्लादेश की वर्तमान परिस्थितियों पर तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं. 

युवक ने लगाए इस्लामी नारे
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि कट्टरपंथी ने इस्लामी नारे लगा रहा है. इतना ही नहीं वो कैंटीन की कुर्सियों को तोड़ता है और कुर्सियों को एक-एक कर पटकता है, इसके बाद नारे लगाता है और फिर नारे लगाते हुए जमीन पर लेट जाता है. उसके रिएक्शन को देखने पर लग रहा है कि जैसे वो किसी को चेतावनी दे रहा है, कैंटीन से कई और लोग भी गुजरते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को एक्स पर पोस्ट करते हुए एक ने लिखा यूनुस बांग्लादेश को बर्बाद कर रहा है. 

लोगों ने की टिप्पणी
इस वीडियो पर टिप्पणी करते हुए एक यूजर्स ने लिखा कि एक जिहादी पागल का मधुर कैंटीन में घुसकर नारे लगाते हुए फर्नीचर तोड़ना, बांग्लादेश की आत्मा पर हमला है, सिर्फ एक कैफे पर नहीं, जब यूनुस के राज में भाषा आंदोलन और आजादी की लड़ाई देखने वाली जगह को इस तरह से बेइज्जत किया जाता है, तो यह अच्छी तरह दिखाता है कि इस “अस्थायी” सेटअप में कट्टरपंथी कितने हिम्मती महसूस करते हैं, इतिहास की किताबें पत्थरों और तोड़-फोड़ से फिर से लिखी जा रही हैं, जबकि सरकार बयान जारी करती रहती है.

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क्या है मधुर कैंटीन?
मधुर कैंटीन, ढाका विश्वविद्यालय में स्थित एक ऐतिहासिक कैंटीन है. जो बांग्लादेश के भाषा आंदोलन और मुक्ति संग्राम के दौरान छात्र-छात्राओं और नेताओं का एक महत्वपूर्ण मिलन स्थल और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र थी. यह कैंटीन 1948 और 1952 के भाषा आंदोलनों सहित कई बड़े छात्र आंदोलनों का केंद्र थी. यहां से कई राजनीतिक आंदोलन शुरू हुए थे.

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