Last Updated:June 26, 2025, 11:21 IST
CJI BR Gavai News: भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि भारत का संविधान ही सर्वोच्च संस्था है, न कि संसद या कोई अन्य लोकतांत्रिक अंग. उन्होंने कहा कि सभी अंग संविधान के तहत ही काम करते हैं.

सीजेआई जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि संविधान ही सुप्रीम है.
CJI BR Gavai News: कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका…अक्सर लोग सवाल करते हैं कि आखिर सुप्रीम कौन है? अब इसका जवाब खुद सीजेआई बीआर गवई ने दिया है. चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की सर्वोच्चता पर आम चर्चा के संदर्भ में बुधवार को कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च है और हमारे लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के तहत ही काम करते हैं.
महाराष्ट्र के अमरावती में अपने अभिनंदन समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘भले ही कई लोग कहते और मानते हैं कि संसद सर्वोच्च है मगर मेरे हिसाब से भारत का संविधान ही सर्वोच्च है. लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के तहत काम करते हैं.’
सीजेआई ने ‘मूल संरचना’ सिद्धांत की नींव पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित एक फैसले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि संसद के पास संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के मूल ढांचे को बदल नहीं सकती. उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ आदेश पारित करने से कोई जज स्वतंत्र नहीं हो जाता.
सीजेआई गवई ने कहा, ‘एक जज को हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा एक कर्तव्य है और हम नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के संरक्षक हैं. हमारे पास सिर्फ शक्ति नहीं है, बल्कि हम पर एक कर्तव्य भी डाला गया है.’
उन्होंने कहा कि एक जज को यह नहीं देखना चाहिए कि लोग उनके निर्णय के बारे में क्या कहेंगे या महसूस करेंगे. सीजेआई ने कहा, ‘हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा. लोग क्या कहेंगे, यह हमारे निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकता.’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा अपने निर्णयों और कार्यों को बोलने दिया और संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का हमेशा समर्थन किया.
अपने ‘बुलडोजर जस्टिस’ के खिलाफ दिए गए निर्णय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आश्रय का अधिकार सर्वोच्च है. CJI गवई ने इस अवसर पर अपने बचपन के दिनों को भी याद किया. उन्होंने कहा कि वह वास्तुकार बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वह वकील बनें. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता वकील बनना चाहते थे, लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, इसलिए वह वकील नहीं बन सके.’
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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Location :
Mumbai,Maharashtra