Last Updated:March 05, 2025, 18:10 IST
Congress Property Dispute: हुबली में कांग्रेस और जदयू के बीच 1080 वर्ग गज की संपत्ति को लेकर विवाद बढ़ गया है. कांग्रेस ने संपत्ति पर दावा किया और नया विभाग बनाया. जदयू ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है.

देश भर में कांग्रेस की संपत्ति की देखभाल के लिए कांग्रेस ने एक विभाग बनाया है. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
कांग्रेस और जदयू के बीच संपत्ति विवाद बढ़ा.कांग्रेस ने संपत्ति देखरेख के लिए नया विभाग बनाया.जदयू ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी.Congress Property Row: कांग्रेस को अपनी ही प्रॉपटी का डर सताने लगा है. दरअसल हुबली के लैमिंगटन रोड पर एक प्रमुख स्थान पर स्थित 1080 वर्ग गज में फैली एक पुरानी इमारत कांग्रेस पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच गरमागरम विवाद का केंद्र बन गई है. शनिवार को इमारत का नाम जनता दल से कांग्रेस में बदल दिए जाने के बाद संपत्ति के स्वामित्व को लेकर विवाद और बढ़ गया. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने एक नया फरमान जारी कर दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार देश भर में कांग्रेस की संपत्ति की देखभाल के लिए कांग्रेस ने एक विभाग बनाया है. विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में कांग्रेस ने अपनी संपत्ति की देखभाल के लिए एक विभाग का गठित किया है. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को एक प्रेस रिलीज जारी किया है.
हुबली कांग्रेस संपत्ति विवाद का इतिहास
वहीं हुबली-धारवाड़ महानगर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अल्ताफ हुल्लूर ने कहा कि 1956 में कांग्रेस विधायक चन्नबसप्पा अंबली ने कांग्रेस पार्टी के नाम पर नीलामी के जरिए नगरपालिका से 11,700 रुपये में संपत्ति खरीदी थी. हुल्लूर ने कहा, “हालांकि, जेडी(यू) ने संपत्ति पर नियंत्रण हासिल कर लिया और इसे अपने नाम पर पंजीकृत करा लिया. हाल ही में, सभी संबंधित संपत्ति दस्तावेज एकत्र करने के बाद, हमने भूमि अभिलेख कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई, जिसने बाद में आधिकारिक अभिलेखों में कांग्रेस का नाम दर्ज किया.”
वीरकुमार पाटिल के नेतृत्व में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की भवन निर्माण समिति ने स्थल का निरीक्षण किया. हुल्लूर ने कहा कि वे जल्द ही स्थान पर एक नया पार्टी कार्यालय बनाने का प्रस्ताव पेश करेंगे. जदयू के जिला अध्यक्ष शैलगौड़ा कामतार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर जदयू कार्यालय में जबरन घुसने और वहां से सामान हटाने का आरोप लगाया.
क्या था मामला?
उन्होंने कहा कि संपत्ति जदयू की थी, लेकिन कांग्रेस ने अधिकारियों पर इसे अपने नाम पर दर्ज करने का दबाव बनाया. उन्होंने कहा कि उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है और संपत्ति वापस पाने के लिए सोमवार को मामला दर्ज कराएंगे. इसी तरह, जनता दल (सेक्युलर) के गुरुराज हुनसीमाराद और पूर्व विधायक वीरभद्रप्पा हलहारवी ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि कांग्रेस ने जदयू कार्यालय पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया.
इस स्थिति ने संपत्ति के अधिकार और भूमि मामलों में राजनीतिक प्रभाव को लेकर चर्चा को जन्म दिया है. दोनों पक्षों ने अपने दावों के समर्थन में पुराने दस्तावेज और सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. विवाद और बढ़ने पर स्थानीय प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है.
बदलाव से कांग्रेस खुश
कांग्रेस के दिग्गज कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सदस्य वेदव्यास कौलागी ने संतोष व्यक्त किया कि कांग्रेस से संबंधित संपत्ति आखिरकार पार्टी के कब्जे में आ गई है उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी के इंडिकेट और सिंडिकेट गुटों में विभाजित होने के बाद, कई सदस्यों ने जनता पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा बदल ली. इन प्रभावशाली सदस्यों ने जनता पार्टी को संचालित करने के लिए कार्यालय का उपयोग किया. इसके बाद, वे जनता दल में चले गए और कार्यालय को जनता दल प्रतिष्ठान में बदल दिया. जनता दल के विभाजन के बाद, जेडी(यू) का गठन हुआ और अंततः जेडी(यू) ने पार्टी कार्यालय परिसर पर नियंत्रण कर लिया.”
First Published :
March 05, 2025, 18:10 IST