Last Updated:May 01, 2025, 17:28 IST
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक कदम उठाए हैं. भारत सरकार शिपिंग लाइन और पोस्टल सेवाएं बंद करने पर विचार कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी. (File Photo)
हाइलाइट्स
पोस्टल सर्विसेस बंद होने से व्यापार और संपर्क प्रभावित होंगे.शिपिंग लाइन रोकने से समुद्री व्यापार पर असर पड़ेगा.इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के लिए एयरस्पेस बंद किया था.पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान को पूरी तरह आइसोलेट करने में जुट गया है. पहले तो डिप्लोमैटिक एक्शन लिए गए. लेकिन भारत ऐसे फैसले ले रहा है, जिससे वहां के लोगों पर सीधा असर होने वाला है. तभी तो 1971 की जंग के बावजूद जिन सेवाओं को इंदिरा गांधी ने नहीं रोका था, अब उन पर भी पीएम मोदी की सरकार ताला लगाने जा रही है. यह पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी आफत होने वाली है.
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार पाकिस्तान के लिए शिपिंग लाइन और पोस्टल सर्विसेस बंद सस्पेंड करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. जल्द इसका ऐलान किया जा सकता है. अगर पोस्टल सर्विसेस बंद हुईं तो पाकिस्तान के अंदर भारी बवाल हो सकता है. पोस्टल सर्विसेस का लाभ पाकिस्तान आजादी के बाद से उठा रहा है. लेकिन अब भारत ने साफ कर दिया है कि ये नहीं चलने वाला. भारत ने एक दिन पहले ही पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था. गर्मी के दिनों में सिंधु नदी का पानी रोककर भारत ने पाकिस्तान को सबसे बड़ी चोट पहुचाई थी. इसका मतलब साफ है कि भारत धीरे-धीरे पाकिस्तान से व्यापार और संपर्क के सारे रास्ते काट रहा है.
पोस्टल सर्विसेस बंद हुईं तो क्या होगा?
1. अगर पोस्टल सर्विसेस बंद हुईं तो भारत से पाकिस्तान को और वहां से भारत को भेजी जाने वाली चिट्ठियां, पार्सल, दवाइयां, डाक्यूमेंट सबकुछ रुक जाएंगे.
2. इसका सबसे बड़ा नुकसान वहां के व्यापारियों और आम लोगों को होगी. क्योंकि वीजा की दिक्कतों की वजह से तमाम लोग चिट्ठियों से ही भारत में रह रहे अपने रिश्तेदारों से जुड़े हैं. व्यापारी अपना सामान इसी के जरिये बेचते हैं.
3. इस कदम के जरिये भारत पूरी दुनिया को दिखाना चाहता है कि वह पाकिस्तान के साथ हर तरह के रिश्ते खत्म कर रहा है.
शिपिंग लाइन रोकने का मतलब
भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री रास्तों से आने-जाने वाले माल पर सीधा असर पड़ेगा. हालांकि भारत और पाकिस्तान का सीधा समुद्री व्यापार सीमित है, लेकिन तीसरे देशों के जरिये जो माल आता था, अब उस पर भी असर होगा. भारत की बंदरगाहों जैसे मुंद्रा, न्हावा शेवा का इस्तेमाल पाकिस्तान से गुजरने वाले कंटेनर के लिए होता है, ये बंद हो सकते हैं. पाकिस्तान को भारत से दवाएं, केमिकल, टेक्सटाइल जैसे कई महत्वपूर्ण प्रोडक्ट मिलते थे, अब उन्हें नहीं मिलेंगे. भारत अगर चाबहार पोर्ट के माध्यम से अफगानिस्तान और ईरान के व्यापार को पाकिस्तान को बायपास करके तेज करता है, तो पाकिस्तान का जियोपोलिटिकल महत्व भी घटेगा.
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