कश्मीर के सीनियर हुर्रियत नेता गनी भट का निधन, शांति-संवाद के रहे हिमायती

4 hours ago

Last Updated:September 18, 2025, 08:20 IST

Hurriyat Leader Abdul Gani Bhat passes away: जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता प्रोफेसर अब्दुल गनी भट का सोपोर में निधन, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष रहे, कश्मीर राजनीति में संवाद और शांति के पक्षधर थे.

कश्मीर के सीनियर हुर्रियत नेता गनी भट का निधन, शांति-संवाद के रहे हिमायतीहुर्रियत नेता गनी भट का निधन.

Hurriyat Leader Abdul Gani Bhat passes away: जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता और ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुल गनी भट का बुधवार शाम को 90 वर्ष की उम्र में बारामूला जिले के सोपोर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि भट पिछले कुछ वर्षों से बीमारी से जूझ रहे थे और घर पर ही रहते थे. उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 10 बजे सोपोर के बोतिंगू में किया जाएगा. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वर्तमान अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने बताया कि भट साहब का निधन एक व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने कहा कि मुझे अभी-अभी भट साहब के बेटे का फोन आया, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नेता के निधन की दुखद खबर दी. कश्मीर ने एक सच्चे और दूरदर्शी नेता को खो दिया है. अल्लाह उन्हें जन्नत में उच्च स्थान प्रदान करें.

मीरवाइज ने ट्विटर पर भी शोक व्यक्त किया, जहां उन्होंने भट को कश्मीर की राजनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया. भट का जन्म 1935 में सोपोर के बोतिंगू गांव में हुआ था. उन्होंने श्रीनगर के श्री प्रताप कॉलेज से फारसी में स्नातक, उसी विषय में स्नातकोत्तर तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से विधि की डिग्री प्राप्त की. वे जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा विभाग में फारसी के प्रोफेसर थे लेकिन 1986 में राज्यपाल जगमोहन ने उन्हें एंटी-नेशनल एक्टिविटीज के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद वे राजनीति में सक्रिय हुए. भट ने 1986 में मौलाना अब्बास अंसारी और काजी निसार अहमद के साथ मिलकर मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट (MUF) की स्थापना की, जो 1987 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय सम्मेलन के खिलाफ लड़ा. चुनाव में धांधली के आरोपों के बाद वे जेल गए.

1993 में हुर्रियत के गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही और वे इसके चेयरमैन भी बने. हुर्रियत में वे मध्यमार्गी (मॉडरेट) नेता के रूप में जाने जाते थे. वे हिंसा का विरोध करते थे और कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के पक्षधर थे. उन्होंने कभी अपनी पार्टी मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के लिए कोई सशस्त्र विंग नहीं बनाया, जो अन्य नेताओं से अलग था. भट ने 2000 के दशक में एनडीए सरकार के साथ संवाद की पहल की. वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और बाद में मनमोहन सिंह से मिले. इस कारण हुर्रियत में विभाजन हुआ और वे आखिरी चेयरमैन बने.

वर्ष 2017 में दिल्ली के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात के लिए उन्हें मुस्लिम कॉन्फ्रेंस से हटा दिया गया. 2012 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को अप्रासंगिक कहा और मुख्यधारा दलों के साथ न्यूनतम कार्यक्रम की वकालत की. पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे. उनके निधन पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शोक व्यक्त किया. उन्होंने ट्विटर पर कहा- हमारी राजनीतिक विचारधाराएं अलग थीं, लेकिन वे एक सभ्य व्यक्ति थे. हिंसा के दौर में भी संवाद का साहस दिखाया. वाजपेयी और आडवाणी से मिले. अल्लाह उन्हें जन्नत दें.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

First Published :

September 18, 2025, 08:20 IST

homenation

कश्मीर के सीनियर हुर्रियत नेता गनी भट का निधन, शांति-संवाद के रहे हिमायती

Read Full Article at Source