Last Updated:May 29, 2025, 21:18 IST
Karnatka News: कर्नाटक में कांग्रेस के 200 मुस्लिम नेताओं ने इम्तियाज हत्याकांड में सरकार की निष्क्रियता से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया. इससे सिद्दारमैया सरकार पर अल्पसंख्यक नाराजगी का संकट मंडराने लगा है. नेता ...और पढ़ें

200 मुस्लिम नेताओं ने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
कर्नाटक में 200 मुस्लिम नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया.इम्तियाज हत्याकांड में सरकार की निष्क्रियता से नाराजगी.सिद्दारमैया सरकार पर अल्पसंख्यक नाराजगी का संकट.Karnatka News: कर्नाटक की सियासत में अचानक एक बड़ा भूचाल आ गया है. दक्षिण कन्नड़ जिले से जुड़ी यह खबर कांग्रेस के लिए न सिर्फ झटका है बल्कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर रही है. वजह? अब्दुल रहीम उर्फ इम्तियाज की दिनदहाड़े हत्या और उस पर राज्य सरकार की “नरम प्रतिक्रिया”.
इस घटना के बाद करीब 200 मुस्लिम नेताओं ने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली है. इनमें कई प्रभावशाली नेता शामिल हैं जो वर्षों से पार्टी से जुड़े थे और स्थानीय स्तर पर अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे थे. अब्दुल रहीम की हत्या के बाद सरकार की निष्क्रियता को लेकर उपजे असंतोष ने इन नेताओं को खुलकर विद्रोह करने पर मजबूर कर दिया.
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मंगलुरु की बैठक, जहां फूटा ग़ुस्सा
यह सामूहिक असंतोष मंगलुरु के एक शादी हॉल में बुलाई गई बैठक में फूटा. यहां जब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सरकार का बचाव किया तो माहौल गर्म हो गया. खासकर दक्षिण कन्नड़ अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष शाहुल हामिद को पार्टी कार्यकर्ताओं की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा. नतीजतन उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया.
उनके साथ कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एमएस मुहम्मद, कई नगर पार्षद, जिला पंचायत सदस्य और आठ विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने पार्टी की जिम्मेदारियों से अपना हाथ खींच लिया. इन नेताओं ने साफ कहा है, “जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं हम पार्टी ऑफिस की ओर रुख नहीं करेंगे.” हालांकि इस्तीफे अभी लिखित रूप में नहीं दिए गए हैं पर मौखिक तौर पर कांग्रेस से नाता तोड़ने का ऐलान इन नेताओं ने कर दिया है.
इम्तियाज की हत्या: सिर्फ एक वारदात नहीं, एक चेतावनी
26 मई को हुई इस दर्दनाक वारदात ने इलाके में सनसनी फैला दी थी. इम्तियाज जो पेशे से पिकअप ड्राइवर था और एक स्थानीय मस्जिद के सचिव भी था, बंटवाल तालुक के इरा कोडी इलाके में रेत उतार रहे थे. उसी दौरान बाइक पर सवार दो हमलावरों ने उस पर तलवार से हमला कर दिया.
उसकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसका साथी कलंदर गंभीर रूप से घायल हुआ. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और एक “सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम टास्क फोर्स” का गठन किया.
सरकार के रवैये से नाराजगी, क्या दरार और गहरी होगी?
इस मुद्दे पर कांग्रेस की ‘धीमी’ प्रतिक्रिया ने मुस्लिम समुदाय के भीतर बेचैनी को और हवा दी है. स्थानीय नेताओं का मानना है कि जब एक समुदाय विशेष पर सीधा हमला हो और सरकार की प्रतिक्रिया ‘महज एक औपचारिकता’ तक सीमित हो तो वे अपनी जिम्मेदारियों पर कैसे कायम रहें?
सिद्दारमैया के लिए अग्निपरीक्षा?
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को अक्सर अल्पसंख्यक हितैषी नेता माना जाता है. लेकिन इस घटनाक्रम ने उनकी साख को भी खतरे में डाल दिया है. एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है, दूसरी ओर पार्टी के अपने कार्यकर्ता ही सरकार से नाराज हो चले हैं. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस इन नाराज मुस्लिम नेताओं को मना पाएगी या ये नाराजगी उन्हें बहुत भारी पड़ने वाली है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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