कभी ट्रेन के जनरल कोच में करते थे सफर,उपराष्‍ट्रपति के बाद भी नहीं टूटा नाता

7 hours ago

Last Updated:July 22, 2025, 11:52 IST

Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ उपराष्‍ट्रपति के पद से इस्‍तीफा देने के बाद से चर्चा का विषय बने हुए हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि कभी वो भारतीय रेल के जनरल क्‍लास से सफर करते थे.

कभी ट्रेन के जनरल कोच में करते थे सफर,उपराष्‍ट्रपति के बाद भी नहीं टूटा नाताउपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

पढ़ाई के दौरान कई बार जनरल कोच से करते थे सफरझुंझुनू स्‍टेशन तक करते थे यात्राइसी वजह से अपने आप को ि‍कसान का बेटा बोलते थे

नई दिल्‍ली. कभी भारतीय रेल के जनरल कोच से सफर करने वाले जगदीप धनखड़ का उपराष्‍ट्रपति बनने के बाद भी जमीन से नाता नहीं टूटा है. यही वजह है कि अकसर उनकी बातचीत और उनके भाषण में यह साफ झलकता था. वे इस पद के बैठने के बाद भी अपने आपको किसान का बेटा कहते थे. अचानक उनके द्वारा उपराष्‍ट्रपति के पद से इस्‍तीफा देना आज चर्चा का विषय बना है.

धनखड़ का जन्‍म राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में 18 मई 1951 को एक साधारण जाट परिवार में हुआ. उनकी शुरुआती पढ़ाई किठाना और घरधाना के सरकारी स्कूलों में हुई. बाद में सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ और राजस्थान विश्वविद्यालय से बीएससी और एलएलबी की डिग्री हासिल की. इस दौरान गांव आने जाने के लिए कई बार वो ट्रेन के जनरल क्‍लास से सफर करते थे. इसमें कई बार पैसेंजर ट्रेनें भी शामिल होती थीं. झुंझुनू रेलवे स्‍टेशन किठाना गांव से करीब 25 किमी. दूरी है. ट्रेन से आने के बाद वे लोकल ट्रांसपोर्ट से गांव तक जाते थे. हमेशा वे अपनी मिट्टी से जुड़े रहे हैं. साल 1979 में वकालत शुरू की. राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामत कमाया और सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक मामलों में अपनी अलग पहचान बनाई.

राजनीतिक सफर

धनखड़ का राजनीतिक सफर 1989 में शुरू हुआ. जब वे जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से लोकसभा सांसद बने. इसके बाद 1990 में चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री बने. इसके बाद 1993 से 1998 तक किशनगढ़ से राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे. हालांकि बाद में वो कांग्रेस और भाजपा से जुड़े.

राज्‍यपाल बनने के बाद चर्चा में आए

धनखड़ 2019 में वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने और कई बार विवादास्पद मुद्दों पर बयान को लेकर चर्चा में आए. 2022 में वे भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति बने. लेकिन अपनी मिट्टी से नाता नहीं छोड़ा. समय-समय पर सड़क और रेल की प्र‍गति की प्रशंसा करते रहे. अक्टूबर 2024 में उन्‍होंने प्रसंशा करते हुए कहा कि हर साल 28,000 किमी सड़कें और 6 किमी रेलवे लाइनें बन रही हैं, जो देश की प्रगति को दर्शाता है.

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New Delhi,Delhi

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