कब जानलेवा हो जाता है AC, गैस लीक से हुई हैं मौतें, क्या कमरा बंद रखना चाहिए

10 hours ago

Last Updated:July 07, 2025, 14:56 IST

ऐसा नहीं है कि घर में लगे एयर कंडीशनर पूरी तरह सुरक्षित होते हैं. अक्सर उनसे अगर गैस लीक हो गई और कमरा पूरी तरह बंद है तो ये जानलेवा भी हो जाता है

कब जानलेवा हो जाता है AC, गैस लीक से हुई हैं मौतें, क्या कमरा बंद रखना चाहिए

हाइलाइट्स

दिल्ली में AC गैस लीक से 4 लोगों की मौत हुईAC गैस लीक से दम घुटने का खतरा होता है.AC चलाते समय कमरे में वेंटिलेशन जरूरी है.

अभी दो तीन दिन पहले दिल्ली के एक घर में एसी की गैस लीक होने से चार लोगों की मौत हो गई. ये सभी एसी के मैकेनिक थे. ऐसे हादसे भारत और दुनिया में इससे पहले भी हो चुके हैं.भारत में 2022 में एक होटल में एसी गैस लीक से 3 लोगों की मौतें हुईं. 2020 में पाकिस्तान के कराची में AC गैस लीक से एक परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई.

इस तरह की खबरें बहुत ज्यादा नहीं लेकिन कभी-कभार आती रहती हैं. आमतौर पर इन सारे मामलों में एसी से गैस लीक हुई और कमरे में सोए लोगों की दम घुटने से मृत्यु हो गई. कुछ देशों में अनधिकृत तरीके से एसी गैस भरने या खराब वेंटिलेशन वाले कमरों में मौतें रिपोर्ट हुईं.

सामान्य तौर पर घरों और दफ्तरों में इस्तेमाल होने वाले एयर कंडीशनर (AC) सुरक्षित होते हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में यह खतरनाक हो सकते हैं, खासतौर पर अगर
– AC में गैस लीक हो जाए
– सही वेंटिलेशन न हो
– पुराना या खराब रखरखाव वाला AC हो

ऐसे मामलों में फिर हादसे होते हैं. हालांकि जो एसी हमारे और आपके घरों में लगे होते हैं, वो काफी सुरक्षित होते हैं लेकिन तब भी कभी कभार इनसे हादसे भी हो ही जाते हैं.

क्या AC चलाते समय कमरा पूरी तरह बंद कर लेना चाहिए

– AC चलाते समय दरवाजे-खिड़कियां बंद रखना चाहिए ताकि ठंडी हवा बाहर न निकले. कमरे का तापमान जल्दी नियंत्रित हो सके. इससे बिजली भी बचती है लेकिन अगर पूरी रात एसी चलाना हो तो कोई ऐसी जगह कमरे में जरूर होनी चाहिए कि वेंटीलेशन हो सके. इसलिए कमरे का दरवाजा हल्का सा खोलने में बुराई नहीं है.
– कमरा पूरी तरह हवादार (वेंटिलेशन वाला) होना चाहिए. यानी कमरे में अगर एसी का गैस रिसाव हो जाए, तो हवा बाहर निकलने का कोई रास्ता या ऑक्सीजन आने का कोई जरिया होना ज़रूरी है.
– अगर AC और कमरे में लगातार कई घंटे रहें, तो समय-समय पर दरवाजा खोलकर थोड़ी ताज़ी हवा अंदर आने देना चाहिए. इससे ऑक्सीजन लेवल बना रहता है. CO₂ का स्तर नहीं बढ़ता.
– कमरे को कभी टाइट बंद नहीं करना चाहिए.
– हर 2-3 घंटे में कम से कम 5 मिनट के लिए ताज़ी हवा अंदर आने दें
– AC सर्विसिंग में रेफ्रिजरेंट लीक टेस्ट जरूर कराएं.
– साल में 1-2 बार एसी गैस लीक की जांच और सर्विसिंग कराना बहुत ज़रूरी है.

एयर कंडीशनर में कौन-सी गैस होती है?

– पुराने एसी सिस्टम में R-22 (क्लोरोडिफ्लोरोमीथेन – HCFC) गैस इस्तेमाल होती थी लेकिन यह ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाती है, इसलिए अब इसका उपयोग प्रतिबंधित है.
– R-410A (प्योरॉन, प्यूरफ्रिजरेंट). आधुनिक AC में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है. ओजोन फ्रेंडली है लेकिन इसमें ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल अधिक है.

– R-32 (डिफ्लोरोमीथेन – HFC). नए इन्वर्टर AC में इस्तेमाल होती है. इससे ओजोन लेयर को बहुत कम नुकसान पहुंचता है. अधिक एनर्जी एफिशिएंट है. आजकल नए एसी में इसका भी खूब इस्तेमाल होता है लेकिन ये खतरनाक भी हो सकती है.

– R-290 (प्रोपेन – हाइड्रोकार्बन रेफ्रिजरेंट) . पर्यावरण के लिए सबसे अच्छा विकल्प, ओजोन लेयर को बहुत कम नुकसान पहुंचाती है. ज्वलनशील होने के कारण सावधानी की जरूरत होती है.

– R-134A (टेट्राफ्लोरोइथेन – HFC) . कार AC और कुछ पोर्टेबल AC में इस्तेमाल होती है. ओजोन को नुकसान नहीं पहुँचाती, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल अधिक है.

शुरुआती एयरकंडीशनर में इस्तेमाल होने वाली गैसें

R-12 (डाइक्लोरोडिफ्लोरोमीथेन – CFC). बहुत पुराने AC सिस्टम (1930s-1990s) में इस्तेमाल होती थी. ओजोन लेयर को बहुत नुकसान पहुंचाती थी, इसलिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत बैन हो गई.
अमोनिया (NH₃). बहुत पुराने रेफ्रिजरेशन सिस्टम में इस्तेमाल होती थी. जहरीली और विस्फोटक होने के कारण घरेलू AC में नहीं चल पाई.

R-32 कब खतरनाक हो जाती है

R-32 (डिफ्लोरोमीथेन) एक HFC (हाइड्रोफ्लोरोकार्बन) रेफ्रिजरेंट है, जो आधुनिक इन्वर्टर AC में इस्तेमाल होता है. यह ओजोन-फ्रेंडली है, लेकिन इसमें ज्वलनशीलता है. ये कम मात्रा में आग पकड़ सकती है. अगर AC सिस्टम में लीक हो और गैस का कंस्ट्रेशन वहां 13-29% तक पहुंच जाए तो आग पकड़ सकती है अगर कोई इग्निशन सोर्स (जैसे स्पार्क, लाइटर, स्विच) मौजूद हो.

खासतौर पर किसे ध्यान रखना चाहिए?

– बुजुर्ग
– छोटे बच्चे
– दमा या सांस की दिक्कत वाले लोग
– बहुत देर AC में रहने वालों को

एसी के कुछ बड़े हादसे

1. चेन्नई (अक्टूबर 2018) – पूरा परिवार पति, पत्नी और 8 साल का बेटा नींद में मर गया, क्योंकि बिजली वापस आते ही उनके इन्वर्टर AC से गैस रिसाव हुआ. कमरे में बंद रहने के कारण वे दम घुटने से मर गए.

2. विजयनगर (कर्नाटक) (अप्रैल 2022) – रात में गैस रिसाव के बाद AC में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग लग गई और एक पूरा परिवार (माता-पिता व दो बच्चे) की मौत हो गई.

3. मंत्रा (गुजरात) (जनवरी 2025) – AC में गैस लीक हुई, जिससे आग लग गई और पिता व उनकी 2‑साल की बेटी की मौत हो गई जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई.

4. कॉस्टको स्टोर, संयुक्त राज्य अमेरिका (अप्रैल 2024) – रेफ्रिज़रेंट गैस रिसाव से “व्हाइट क्लाउड” फैला, जिसमें 1000 लोगों को दम घुटने की शिकायत हुई लेकिन उन्हें बचा लिया गया, किसी को गंभीर चोट नहीं आई.

संजय श्रीवास्तवडिप्टी एडीटर

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...

और पढ़ें

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

homeknowledge

कब जानलेवा हो जाता है AC, गैस लीक से हुई हैं मौतें, क्या कमरा बंद रखना चाहिए

Read Full Article at Source