Last Updated:July 07, 2025, 20:42 IST
Bihar Chunav 2025: आरजेडी की राष्ट्रीय परिषद बैठक में तेजस्वी यादव ने मोहम्मद शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन के लिए ‘अमर रहे’ के नारे लगवाने ने बिहार की सियासत को गर्म कर दिया है. लालू और राबड़ी की मौजूदगी में दिए ...और पढ़ें

आरजेडी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन जी अमर रहे-तस्लीमुद्दीन जी अमर रहे का नारा लगाया था.
हाइलाइट्स
आरजेडी बैठक में मो. शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन के लिए ‘अमर रहे’ नारे, बीजेपी ने बताया तुष्टिकरण. BJP का ‘तेज़ाब न्याय’ वाला तंज, शहाबुद्दीन का इतिहास बताकर तेजस्वी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप. इस विवाद ने बिहार में ध्रुवीकरण की आशंका बढ़ाई, RJD की सेक्युलर छवि पर भाजपा ने उठाए सवाल.पटना. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में तेजस्वी यादव ने पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन के लिए ‘अमर रहे’ के नारे लगवाने पर बिहार की सियासत गरमा गई है. लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की मौजूदगी में तेजस्वी ने ये नारे लगाए गए थे जिसके बाद BJP ने तीखा हमला बोला है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे ‘तेज़ाब न्याय’ करार देते हुए तेजस्वी को हिंदू विरोधी और अपराधियों का संरक्षक बताया. सोशल मीडिया में BJP ने तेजस्वी यादव के इस कदम को ‘तुष्टिकरण की सियासत’ करार दिया जिससे 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ध्रुवीकरण बढ़ने की आशंका है.
BJP का हमला और ‘तेज़ाब न्याय’ का तंज- BJP ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि शहाबुद्दीन सिवान के बाहुबली थे और चंदा बाबू के दो बेटों को 2004 में तेजाब से जलाकर मारने और तीसरे बेटे की हत्या का आरोपी था. उनके लिए नारे लगाना RJD का असली चेहरा दिखाता है. BJP प्रवक्ता ने X पर लिखा, तेजस्वी का विजन-तेज़ाब न्याय. हिंदुओं के खिलाफ जहर लालू परिवार के मन में भरा है. तस्लीमुद्दीन पर भी कई आपराधिक मुकदमे थे. BJP ने इसे RJD के ‘जंगलराज’ की वापसी की कोशिश बताया है.
तेजस्वी का विजन- तेज़ाब न्याय
चंदा बाबू के बेटों को तेजाब से नहलाकर नृशंस हत्या करने वाला शहाबुद्दीन तेजस्वी के लिए महापुरुष की तरह है।
हिंदुओं के ख़िलाफ़ ऐसा जहर लालू परिवार के मन में भरा है कि तुष्टिकरण में अंधे होकर एक दुर्दांत हत्यारे की जय-जय जयकार करवा रहे।
RJD का शहाबुद्दीन से पुराना नाता
बता दें कि मोहममद शहाबुद्दीन की 2021 में कोविड-19 से जेल में मौत हो गई थी. RJD के नेता और लालू यादव के बेहद करीबी थे. लालू यादव के शासनकाल में उनकी ताकत सिवान में समानांतर प्रशासन जैसी थी. चंदा बाबू के बेटों की निर्मम हत्या ने उनके आतंक को राष्ट्रीय सुर्खियों में लाया था. तेजस्वी यादव का नारा लगाना RJD की उसी छवि को फिर परिभाषित करता है जिसे वे जंगलराज से मुक्त करने की कोशिश कर रहे थे.
सियासी ध्रुवीकरण का खतरा
बीजेपी ने तेजस्वी यादव के नारे को हिंदू विरोधी करार देते हुए कहा कि यह तुष्टिकरण की सियासत है. बीजेपी का यह बयान मुहर्रम हिंसा के बाद आया है जिसे BJP ने RJD से जोड़ा है. RJD ने जवाब में इसे BJP की सांप्रदायिक रणनीति बताया. यह विवाद बिहार में सामाजिक तनाव को बढ़ा सकता है. तेजस्वी के नारे ने RJD की सेक्युलर छवि को नुकसान पहुंचाया है. BJP इसे हिंदू वोटों को लामबंद करने का अवसर बना रही है. बिहार की सियासत में यह नया मोड़ चुनावी माहौल को और गरमा सकता है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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