Last Updated:July 20, 2025, 13:46 IST

राहुल गांधी के एक बयान ने मोर्चे में फूट की आहट पैदा कर दी.
संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी INDIA गठबंधन के 24 दलों की वर्चुअल बैठक शनिवार को हुई, लेकिन इस बैठक से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान ने मोर्चे में फूट की आहट पैदा कर दी. दरअसल केरल के कोट्टायम में राहुल गांधी ने आरएसएस और सीपीएम से लड़ाई की बात कही, जिस पर वामपंथी दलों ने नाराज़गी जताते हुए बैठक में इस मुद्दे को उठाया.
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा था, ‘मैं आरएसएस और सीपीआई(एम) दोनों से वैचारिक लड़ाई लड़ता हूं. मेरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इनमें लोगों के लिए कोई संवेदना नहीं है. आप कितनी भी बातें करें, लेकिन जब तक आप लोगों को महसूस नहीं करते, गले नहीं लगाते, तब तक आप नेता नहीं बन सकते.’ इस बयान से केरल में कांग्रेस की पुरानी सहयोगी सीपीएम नाराज़ हो गई.
CPM का पलटवार
सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी. राजा ने विपक्षी गठबंधन की बैठक के दौरान राहुल गांधी का नाम लिए बिना ही उनके बयान पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान वामपंथी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश भेजते हैं और इनसे बचा जाना चाहिए.
सीपीएम की ओर से बयान जारी कर कहा गया, ‘राहुल गांधी ने जो आरएसएस और सीपीएम की तुलना की है, वह न केवल अनुचित बल्कि निंदनीय भी है. उन्हें यह याद रखना चाहिए कि केरल में आरएसएस के खिलाफ सबसे मुखर लड़ाई सीपीएम ही लड़ रही है. कांग्रेस और आरएसएस अक्सर एक जैसी भाषा बोलते हैं, खासकर जब वे कम्युनिस्टों पर हमला करते हैं.’
पार्टी सांसद जॉन ब्रिट्टास ने भी एएनआई से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी का बयान ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है और इससे विपक्षी एकता को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा, ‘हम आरएसएस के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहे हैं. राहुल गांधी को ऐसे गैरजिम्मेदार और असंवेदनशील बयान देने से बचना चाहिए.’
विपक्षी एकजुटता पर सवाल
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब INDIA गठबंधन संसद के मानसून सत्र से पहले रणनीति बनाने में जुटा है. इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, समाजवादी पार्टी, एनसीपी (शरद पवार गुट), शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), झामुमो, सीपीआई, सीपीएम, फॉरवर्ड ब्लॉक, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस समेत 24 दलों ने हिस्सा लिया. वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस बैठक से अनुपस्थित रही.
इस बैठक में शामिल नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर की मध्यस्थता के दावों, और बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया जैसे मुद्दों को संसद में उठाने का निर्णय लिया. विपक्षी नेताओं ने साथ ही विदेश नीति की ‘विफलता’, ग़ाज़ा में ‘अत्याचार’, और देश में अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे ‘हमलों’ को भी प्रमुख मुद्दा बनाने का संकल्प लिया.
दरअसल कांग्रेस और सीपीएम के बीच केरल में लंबे समय से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है. लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर दोनों दल भाजपा और आरएसएस के खिलाफ एकजुट दिखने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी का यह बयान विपक्षी एकता को लेकर असहज सवाल खड़े करता है. अब देखना होगा कि संसद सत्र में विपक्ष इन मतभेदों को किनारे रखकर सरकार के खिलाफ एकजुट हो पाता है या नहीं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi