एस्टेरॉयड की खोज में निकला चीन का Tianwen-2, चप्पा-चप्पा छानने की तैयारी

1 day ago

Last Updated:May 29, 2025, 14:06 IST

China Space Mission: स्पेस मिशन को लेकर चीन ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. चीन के स्पेस एजेंसी ने तियानवेन-2 (Tianwen-2) अंतरिक्ष यान को एक ऐसे मिशन पर भेजा है, जो एस्टेरॉयड का सैंपल लेकर आएगा.

एस्टेरॉयड की खोज में निकला चीन का Tianwen-2, चप्पा-चप्पा छानने की तैयारी

चीन का टोही यान एस्टेरॉयड का लाएगा नमूना

China Space Mission: चीन के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है. पुराने एस्टेरॉयड के नमूने की खोज में अपने पहले मिशन को गुरुवार को सफलता पूर्वक लॉन्च किया है. चीन का लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट गुरुवार ने गुरुवार को चीन के सिचुआन प्रांत के शीचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से स्थानीय समयानुसार लगभग 1.31 बजे (18:30 GMT) उड़ान भरा. यह रॉकेट तियानवेन-2 (Tianwen-2) अंतरिक्ष यान ले जा रहा है. यह एक रोबोटिक मिशन है जो प्राचीन एस्टेरॉयड चट्टानों को पढ़ने में मदद करेगा.

यह मिशन पृथ्वी के नजदीक एक एस्टेरॉयड (एस्टेरॉयड) से सैंपल लेकर धरती पर वापस लौटेगा. यह मिशन चीन की ‘तियानवेन’ (Questions to Heaven) श्रृंखला का दूसरा हिस्सा है. करीब 18 मिनट बाद यह यान सफलतापूर्वक 2016 HO3 नामक एस्टेरॉयड की ओर रवाना हो गया.

2016 HO3 एस्टेरॉयड: चंद्रमा का टुकड़ा या प्राचीन अंतरिक्ष पिंड?

इस मिशन का पहला लक्ष्य पृथ्वी का करीबी साथी कहे जाने वाला छोटा, तेजी से घूमने वाला एस्टेरॉयड “469219 Kamo’oalewa (2016 HO3)” है. इसे कुछ वैज्ञानिक चंद्रमा का ही एक टुकड़ा मानते हैं. वैज्ञानिकों की योजना है कि तियानवेन-2 इस एस्टेरॉयड की सतह से सैंपल इकट्ठा कर 2027 के अंत तक पृथ्वी पर लौटेगा. इसके बाद यान पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का उपयोग कर ‘311P/PANSTARRS’ नामक धूमकेतु की सात साल लंबी यात्रा पर निकलेगा, जो सौरमंडल के एस्टेरॉयड बेल्ट में स्थित है. यह अपनी कई धूल भरी पूंछों के लिए जाना जाता है.

चीन होगा तीसरा देश

अगर यह मिशन सफल रहता है तो चीन जापान और अमेरिका के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा, जो किसी एस्टेरॉयड से सैंपल लाकर पृथ्वी पर वापस लाया हो. हालांकि इससे पहले चीन अपने दो चांग-ई मिशनों के तहत चंद्रमा से सैंपल ला चुका है, लेकिन एस्टेरॉयड से सैंपल लाना एक अलग और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण काम है.

वैज्ञानिकों की उत्सुकता

अमेरिका के एरिजोना विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डांटे लॉरेट्टा ने इस मिशन पर अपनी राय जाहिर की है. लॉरेट्टा ने नासा के OSIRIS-REx मिशन के तहत Bennu एस्टेरॉयड से सैंपल लाने की अगुवाई की थी. उन्होंने कहा कि 2016 HO3 की सतह कैसी है, यह मिशन की जटिलता तय करेगा. अगर यह चंद्रमा का टुकड़ा साबित होता है, तो इससे पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली के टकराव और विकास के बारे में नई जानकारी मिल सकती है.

एस-टाइप का एस्टेरॉयड

हांगकांग विश्वविद्यालय के भूगोल विज्ञानी कियान युकी ने कहा कि अगर 2016 HO3 S-टाइप एस्टेरॉयड है, जो सौरमंडल में दूसरी सबसे सामान्य श्रेणी में आता है, तो इसके सैंपल ग्रहों के निर्माण और उत्पत्ति पर प्रकाश डाल सकते हैं. बीजिंग के भू-भौतिकी संस्थान के यांग वेई ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भविष्य की एस्टेरॉयड अन्वेषण के लिए आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि 20 से अधिक प्रकार के एस्टेरॉयडों की जांच के लिए वैश्विक साझेदारी और अधिक मानकीकृत तथा सस्ते मिशनों की आवश्यकता होगी.

चीन की भविष्य की योजनाएं

चीन का अगला मिशन तियानवेन-3 होगा, जो 2031 तक मंगल ग्रह से चट्टानों के सैंपल लाने का लक्ष्य रखता है. तियानवेन-4 मिशन 2030 के आसपास बृहस्पति प्रणाली और यूरेनस फ्लाईबाय का अन्वेषण करेगा. इस लॉन्च के साथ चीन ने अंतरिक्ष अन्वेषण में अपने दीर्घकालिक दृष्टिकोण और तकनीकी क्षमता को फिर एक बार साबित किया है और वैश्विक विज्ञान समुदाय की नजर अब तियानवेन-2 मिशन की सफलता पर टिकी है.

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Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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