एसआईआर में कैदियों की भी खास भूमिका, चुनाव आयोग भी दे रहा है साथ! पता है आपको

57 minutes ago

Last Updated:November 21, 2025, 08:50 IST

वडोदरा सेंट्रल जेल के कैदी चुनाव आयोग के SIR अभियान में फोल्डर और रजिस्टर बनाकर लोकतंत्र में योगदान दे रहे हैं, जिससे मतदाता सूची सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है.कैदियों के इस कदम से चुनाव आयोग को सहयोग मिल रहा है और लोग भी इनकी तारीफ कर रहे हैं.

एसआईआर में कैदियों की भी खास भूमिका, चुनाव आयोग भी दे रहा है साथ! पता है आपकोजेल की प्रिंटिंग यूनिट का सालाना कारोबार 2024-25 में 1.85 करोड़ रुपये से ज़्यादा हो चुका है.

नई दिल्‍ली. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में तमाम कैदी ऐसे हैं जो लंबे समय से जेल मं बंद हैं और वोट नहीं डाल पाएंगे, लेकिन ये अनोखे तरीके से अपने नागरिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं. चुनाव आयोग के विशेष गहन संशोधन अभियान (SIR) में हाथ बंटा रहे हैं. कैदियों के इस कदम से चुनाव आयोग को सहयोग मिल रहा है और लोग भी इनकी तारीफ कर रहे हैं. मामला वडोदरा सेंट्रल जेल का है.

चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे एसआईआर में लाखों फार्म रोज आ रहे हैं. इन्हें सुरक्षित रखने के लिए मज़बूत और अच्छी क्वालिटी के फोल्डर चाहिए थे. पहले निजी कंपनियों से काम करवाया जा रहा था, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में तुरंत फोल्डर चाहिए थे. प्रशासन को ध्यान आया कि वडोदरा सेंट्रल जेल में प्रिंटिंग यूनिट है, जहां कैदी बहुत अच्छा काम करते हैं. इसके बाद जेल में बंद कैदियों ने यह अभियान मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए शुरू किया है.

जेल अधीक्षक उषा राडा ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय ने हमसे संपर्क किया. हमारी जेल की प्रिंटिंग यूनिट में प्रशिक्षित कैदी हैं. उन्होंने बहुत कम समय में हजारों बड़े-बड़े फोल्डर, रजिस्टर और कुछ फॉर्म तैयार कर दिए, जिनका इस्तेमाल बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मतदाता सूची बनाने में कर रहे हैं. पहले चरण में कैदियों ने करीब 3,000 फोल्डर और रजिस्टर बनाए. अब और ऑर्डर आने की उम्मीद है.

डिप्टी एसपी एस.पी. चौधरी कहते हैं कि हमारे कई कैदी सालों से प्रिंटिंग और स्टेशनरी का काम कर रहे हैं. उनका काम बहुत उम्दा होता है. जेल के अंदर हमारी प्रिंटिंग यूनिट तेज़ी से बढ़ रही है. इस यूनिट का सालाना कारोबार 2024-25 में 1.85 करोड़ रुपये से ज़्यादा हो चुका है. यहां बनी कॉपियां, रजिस्टर और फोल्डर मध्य गुजरात के ज़्यादातर सरकारी दफ्तरों और पुलिस विभाग को सप्लाई होते हैं.

जीवन भर की सज़ा काट रहे कई कैदी भी इस काम में जुटे हैं. बाहर की दुनिया से कटे होने के बावजूद वे चुपचाप देश के सबसे बड़े लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना योगदान दे रहे हैं. फोल्डर बनाने और रजिस्टर छापने का यह छोटा-सा काम दरअसल लाखों मतदाताओं की जानकारी को सुरक्षित रखने का बड़ा माध्यम बन गया है. जेल की चारदीवारी के अंदर से निकला यह योगदान बता रहा है कि सुधार और सेवा का मौका मिले तो इंसान बदल सकता है और समाज के लिए कुछ अच्छा भी कर सकता है.

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Location :

Vadodara,Gujarat

First Published :

November 21, 2025, 08:50 IST

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