Iran Executes Israeli Spy: इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन तक चले युद्ध के बाद अब सीजफायर हो चुका है. इस जंग में दोनों देशों के कई नागरिकों की मौत हुई है. वहीं सीजफायर के एक दिन बाद ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में 3 लोगों को फांसी दी है. तीनों को मोसाद के लिए काम करने और हत्या के लिए हथियारों की तस्करी करने का दोषी ठहराया गया था.
सुनाई फांसी की सजा
ईरान की न्यूज एजेंसी 'मिजान' के मुताबिक ईरान में इस महीने मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में कई लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 23 जून 2025 को भी ईरान ने मोहम्मदमीन शायेत्तेह नाम के एक राजनीतिक कैदी को भी इन्हीं आरोपों के तहत इस्लाम की पवित्रता का अपमान करने और दुश्मन का साथ देने के लिए मौत की सजा सुनाई थी. ईरान की 'तस्नीम' न्यूज एजेंसी के मुताबिक शायेस्तेह को साल 2023 के आखिर में हिरासत में लिया गया था. उस पर मोसाद से जुड़े एक साइर टीम का चीफ होने का आरोप लगा था.
जासूसी के आरोप में 300 की मौत
ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक शायेस्तेह ने यातना दिए जाने के बाद इजरायल के साथ काम करने की बात स्वीकार की थी, जिसके बाद उसे कई अपराधों में दोषी ठहराया गया था, जिसमें प्रमुख तौर पर सेफ्टी और सिक्योरिटी के खिलाफ इजरायली कार्रवाई का मुकाबला करने के ईरानी कानून का आर्टिकल 6 भी शामिल था. ह्यूमन राइट्स के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ईरान ने जासूसी के आरोप में 300 लोगों को मौत की सजा सुनाई है. इसमें मोसाद को संवेदनशील जानकारी के आरोप में पकड़ने जाने वाला माजिद मोसायेबी भी शामिल है. उसे रविवार 22 जून 2025 को मौत की सजा दी गई थी.
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जासूसों पर कड़ी कार्रवाई
न्यूज एजेंसी 'AAFP'के मुताबिक मोसायेबी को पूरी आपराधिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद ईरानी सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुनाई थी. बता दें कि ईरान ने 13 जून को इजरायल के हमले के बाद से ही विदेशी खुफिया एजेंसियों खासतौर पर मोसाद के लिए जासूसी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गिरफ्तारी शुरू की.