अगर स्पेस स्टेशन पर किसी एस्ट्रोनॉट की तबीयत गंभीर हो जाए तो क्या होता है

5 hours ago

Last Updated:June 25, 2025, 17:14 IST

अंतरिक्ष में घूमते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की तबीयत अगर बहुत गंभीर हो जाए तो फिर उनके साथ क्या होता है. उन्हें कैसे मदद दी जाती है

अगर स्पेस स्टेशन पर किसी एस्ट्रोनॉट की तबीयत गंभीर हो जाए तो क्या होता है

हाइलाइट्स

ISS पर मेडिकल इमर्जेंसी के लिए मेडिकल किट रहती हैगंभीर स्थिति में Soyuz या SpaceX Dragon से धरती पर लौटाया जाता हैधरती पर लौटने के बाद NASA के अस्पताल में विशेष देखभाल की जाती है

जून 2025 तक कुल मिलाकर 20 से ज्यादा देशों से 280 से ज्यादा अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जा चुके हैं. क्या कभी किसी के साथ हेल्थ की समस्याएं पैदा हुई हैं. अगर स्पेस स्टेशन पर रहते हुए किसी एस्ट्रोनॉट को गंभीर हेल्थ की दिक्कत हो जाए और उसको तुरंत इमर्जेंसी इलाज की जरूरत हो तो क्या होता है.

अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष स्टेशन जैसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में चिकित्सा आपात स्थिति के लिए ज़मीन पर हॉस्पिटल जैसी सुविधाएं नहीं होतीं. वहां लोग बीमार भी होते हैं. उनका वहीं पर इलाज भी हो जाता है लेकिन ऐसी स्थिति में क्या होगा, अगर कोई एस्ट्रोनॉट की तबीयत बहुत खराब हो जाए और उसको तुरंत आपातकालीन मेडिकल जरूरत पड़ जाए.

आपको बता दें कि 2013 में एक एस्ट्रोनॉट को किडनी स्टोन की समस्या हुई, लेकिन धरती पर लौटने तक दवाओं से कंट्रोल किया गया. 2020 में एक रूसी एस्ट्रोनॉट को संक्रमण हुआ, लेकिन एंटीबायोटिक्स से ठीक हो गया. बाकी हल्की फुल्की समस्याएं तो होती हैं और ठीक भी कर दी जाती हैं. अब तक कभी ये स्थिति नहीं आई कि किसी एस्ट्रोनॉट को इस हालत में फंसना पड़ा हो.

जो मेडिकल सुविधाएं वहां होती हैं

लेकिन ऐसे में क्या होता है और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में किस तरह की मेडिकल सुविधाएं रहती हैं, ये जानेंगे. हालांकि स्पेस स्टेशन पर इस तरह की सुविधाएं हमेशा रहती हैं.
– सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) यानि वो आपातकालीन प्रक्रिया है जो तब की जाती है जब किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक जाती है
– इंजेक्शन देना
– ज़ख्मों पर ड्रेसिंग करना
– बुनियादी दवाइयां देना
– मेडिकल किट का इस्तेमाल करना
कई बार हर क्रू में एक क्रू मेडिकल आफिसर नामित किया जाता है, जो बाकी क्रू से थोड़ी ज़्यादा मेडिकल ट्रेनिंग पाता है.

– ISS पर एक मेडिकल इमर्जेंसी किट हमेशा रहती है, जिसमें दवाइयां पेनकिलर, एंटीबायोटिक, एलर्जी मेडिसिन, सेडेटिव रहती हैं. साथ में डिफाइब्रिलेटर, पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन, डिप लगाने के सामान के साथ बैंडेज, सिलाई किट वगैरह होते हैं.

धरती से लाइव मेडिकल सपोर्ट

यदि कोई गंभीर मेडिकल स्थिति होती है, तो ISS का क्रू तुरंत नासा के Mission Control और वहां मौजूद डॉक्टरों से संपर्क करता है. रियल-टाइम वीडियो और ऑडियो कम्युनिकेशन के ज़रिए धरती के डॉक्टर अंतरिक्ष यात्रियों को गाइड करते हैं कि क्या करना है.

अगर हालत ज्यादा गंभीर हो तो

अगर हालत ज़्यादा गंभीर हो और ISS पर इलाज संभव न हो तो ISS में हर समय कम-से-कम एक Soyuz या SpaceX Dragon कैप्सूल लगा होता है, जो क्रू को इमरजेंसी में धरती पर ला सकता है. इसे Contingency Return कहते हैं. इससे केवल कुछ घंटों में (लगभग 3-5 घंटे) अंतरिक्ष यात्री को धरती पर लौटाया जा सकता है, हालांकि ये ज़्यादातर कज़ाखस्तान के स्टेपी इलाके में उतरता है. वैसे ये विकल्प बहुत आख़िर में ही अपनाया जाता है क्योंकि स्पेस स्टेशन पर रहते हुए इलाज करना ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है.

धरती पर उतरने के बाद एस्ट्रोनॉट को तुरंत NASA के जॉनसन स्पेस सेंटर (ह्यूस्टन) या रूसी स्पेस एजेंसी के अस्पताल में ले जाया जाता है. अंतरिक्ष से लौटने के बाद शरीर को गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में समय लगता है, इसलिए विशेष देखभाल की जाती है.

अंतरिक्ष में किन मेडिकल समस्याओं का ज़्यादा ख़तरा

– हड्डियों और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं
– हृदय गति में गड़बड़ी हो सकती है
– सूजन
– आंखों की समस्या
– इंफेक्शन
– मानसिक तनाव और अनिद्रा

क्या अब तक इमर्जेंसी की कोई स्थिति बनी

ISS के 20 साल से ज्यादा के इतिहास में कभी ऐसी हालत नहीं आई कि किसी को इमरजेंसी में लौटाना पड़ा हो. कुछ हल्की-फुल्की मेडिकल प्रॉब्लम ज़रूर हुई हैं, जैसे दांत का दर्द, स्किन रैश या बैक पेन, जिसे वहीं संभाल लिया गया.

भविष्य में वहां होगा रोबोट डॉक्टर

NASA, ESA और SpaceX अब ऑटोमेटेड मेडिकल रोबोट्स और टेलीमेडिसिन AI सिस्टम पर भी काम कर रहे हैं, ताकि भविष्य के मून और मार्स मिशन में, जहां से लौटना संभव नहीं होगा, वहीं इलाज किया जा सके.

संजय श्रीवास्तवडिप्टी एडीटर

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...

और पढ़ें

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

homeknowledge

अगर स्पेस स्टेशन पर किसी एस्ट्रोनॉट की तबीयत गंभीर हो जाए तो क्या होता है

Read Full Article at Source