आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानदंड की कोई जरूरत नहीं, दक्षिण अफ्रीका से पीएम मोदी का सख्त संदेश

1 hour ago

PM Modi G20 Leaders Summit: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी 20 लीडर्स समिट के तीसरे सेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. रविवार को हुए भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच यानि कि आईबीएसए लीडर्स समिट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया है. पोस्ट में पीएम ने जोहान्सबर्ग में जी 20 समिट के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने आईबीएसए लीडर्स की मीटिंग के बारे में जानकारी दी है.  

हमारा रिश्ता दिल से जुड़ा हुआ
पीएम ने कहा कि ये एक ऐसा फोरम है, जो ग्लोबल साउथ की आवाज और उम्मीदों को मजबूत करने के हमारे पक्के कमिटमेंट को दिखाता है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आईबीएसए कोई आम ग्रुप नहीं है. बल्कि, ये एक जरूरी प्लेटफॉर्म है, जो तीनों कॉन्टिनेंट्स, तीनों बड़ी डेमोक्रेटिक ताकतों और तीनों बड़ी इकॉनमी को जोड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि हमारा रिश्ता दिल से जुड़ा हुआ है, जिसमें अलग-अलग तरह की चीजें शामिल हैं. इसमें एक जैसी सोच और एक जैसी उम्मीदें हैं, जिसकी वजह से तीनों आईबीएसए देशों ने पिछले तीन सालों में जी 20 की प्रेसीडेंसी संभाली है और तीनों देशों ने इस मौके का इस्तेमाल इंसानियत को ध्यान में रखते हुए एजेंडा को आगे बढ़ाया है.

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई
आईबीएसए के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए पीएम मोदी ने कुछ सुझाव भी दिए हैं. पीएम ने आईबीएसए को सुझाव दिया कि उन्हें दुनिया को एक साथ यह मैसेज देना होगा. जिसमें बताना होगा कि संस्थागत सुधार अब ऑप्शनल नहीं है. बल्कि, ये अब समय की जरूरत है. क्योंकि, ग्लोबल इंस्टीट्यूशन 21वीं सदी की असलियत से बहुत दूर हैं और इसे बदलना होगा. पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में करीबी तालमेल को भी जरूरी बताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है. 

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डिजिटल इनोवेशन अलायंस 

पीएम ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए यह भी आईबीएसए देशों को इंसानी विकास के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए डिजिटल इनोवेशन अलायंस बनाने की बात भी कही है . इसके अलावा उन्होंने आईबीएस से क्लाइमेट-रेजिलिएंट एग्रीकल्चर के लिए विशेष फंड शुरू करने का सुझाव भी दिया है. क्योंकि, यह फूड सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी के लिए बहुत जरूरी है.

इनपुट-आईएएनएस

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