अमां मियां, पाकिस्तान की फिर हुई बेइज्जती! ट्रंप से शरीफ की मुलाकात के फोटो का सबको इंतजार

3 weeks ago

Trump-Sharif Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को वाशिंगटन के ओवल ऑफिस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख (COAS) असीम मुनीर की मेजबानी की थी हालांकि, इस बैठक पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि व्हाइट हाउस ने बैठक की कोई आधिकारिक तस्वीर या वीडियो अभी तक जारी नहीं किया है. बता दें, व्हाइट हाउस आमतौर पर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राष्ट्रपति की विदेशी समकक्षों के साथ बैठक की तस्वीरें जारी करता है या लाइव वीडियो दिखाता है.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप एर्दोआन की मेजबानी की थी और उस बैठक के बाद एक लाइव संयुक्त ब्रीफिंग हुई थी हालांकि, शरीफ , मुनीर और ट्रंप के बीच बैठक की जानकारी केवल पाकिस्तान के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ही पोस्ट की गई है. पाक पीएमओ के अनुसार, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी इस बैठक में मौजूद थे. उन्होंने आगे बताया कि बैठक सुखद माहौल में हुई. पाक पीएमओ ने दावा किया कि बैठक में प्रेस को प्रवेश की अनुमति नहीं थी और अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने के दौरान बैठक में लगभग 30 मिनट की देरी हुई. हालांकि व्हाइट हाउस प्रेस पूल की तस्वीरों में मुनीर और शरीफ को व्हाइट हाउस में इंतजार करते हुए दिखाया गया है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने कार्यक्रम पूरे कर रहे हैं. यह यात्रा, दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत थी जो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा जुलाई 2019 में ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान उनसे मुलाकात के 6 साल बाद हो रही थी.

UNGA में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क में है शरीफ 

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बता दें कि शहबाज शरीफ न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं. इससे पहले, पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में जी-20 विदेश मंत्रियों की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की आवश्यकता को रेखांकित किया और संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थानों में तत्काल सुधार का आह्वान किया. जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि विकास के लिए एक सतत खतरा शांति में बाधा डालने वाला वह चिरस्थायी आतंकवाद है. यह जरूरी है कि दुनिया आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखाए और न ही उन्हें समायोजित करे. 

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