Tehran Water Crisis: अगर हम कहें कि आपके पास पानी का जो भी जरिया है वो अगले दो हफ्तों में पूरी तरह सूख जाएगा, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? शायद आप आने वाली परेशानियों का अंदाजा लगाने लग गए हैं. खैर छोड़िए, क्योंकि भारत में खुशकिस्मती से फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है लेकिन ईरान की राजधानी तेहरान के पास सिर्फ 2 हफ्तों का ही पानी बचा है. लोगों को पीने के पानी बिजली जैसी बेहद अहम जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है.
क्यों पैदा हुए ऐसे हालात?
ईरान की राजधानी तेहरान लंबे समय से सूखे की समस्या का सामना कर रहा है. फिलहाल वहां के लोगों के सामने दशकों में सबसे बड़ा संकट सामने आकर खड़ा है. क्योंकि यहां पर बारिश का स्तर भी तेजी के साथ कम हो रहा है. इसका कारण सिर्फ बारिश का ना होना ही नहीं है, बल्कि यहां रिकॉर्ड गर्मी के चलते भी सूखे की समस्या ज्यादा बनी हुई है. पानी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यहां आने वक्त में बारिश नहीं हुई तो पीने के पानी की सप्लाई में बड़े स्तर पर परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
बर्दाश्त के बाहर हुए हालात
BBC फारसी से बात करते हुए एक स्थानीय महिला ने बताया,'पानी के प्रेशर और कटौती के चलते उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है.' महिला ने बताया,'बिल्डिंग के अंदर या तो पानी आता ही नहीं है या फिर बहुत कम समय के लिए आता है. से हालात में रहना बहुत मुश्किल है, खासकर गर्मी और खतरनाक प्रदूषण के बीच ऐसी परिस्थितियां और गंभीर हो जाती हैं.' कई लोगों का कहना है कि हालात अब बर्दाश्त से बाहर हो गए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सिर्फ पानी का संकट नहीं है, बल्कि पानी के मामले में दिवालिया हो जाना है.
तेहरान में डे जीरा खतरा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों के जरिए पानी के इस्तेमाल में भारी कमी नहीं की गई तो चंद दिनों बाद 'डे जीरो' का सामना करना पड़ सकता है. कहा जा रहा है कि इस समस्या से निपटने के लिए घरों में मौजूद पानी के नल बारी-बारी बंद किए जाएंगे और पानी की सप्लाई स्टैंडपाइप या टैंकर की मदद से की जाएगी. 'डे जीरो' का मतलब है कि अस्पतालों और जरूरी सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही घरों को पानी सिर्फ तय मात्रा में ही मिल पाएगा. संबंधित अधिकारी बार-बार गलियों और मोहल्लों में जाएंगे और आम जनता को पानी का बंटवारा करेंगे.
पलायन कर रहे हैं तेहरान के लोग
कई राज्यों में पानी और बिजली की कुछ ज्यादा ही समस्या है. ऐसे हालात के विरोध में प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इन इलाकों में खुजेस्तान और सिस्तान-बलूचिस्तान शामिल हैं. सात ही बहुत से लोग तेजी के साथ दूसरे इलाकों की तरफ कूच कर रहे हैं. लोगों के कूच करने के चलते अन्य तरह की समस्याएं भी पनप सकती हैं. क्योंकि इससे तेहरान में अस्थिरता बढ़ सकती.

1 day ago
